Scindia’s Anger : सिंधिया को घर में घेरने की कोशिश, इसलिए चले गए थे बैठक से! 

मोदी-शाह से 'महाराज' की करीबी देख एकजुट हो रहे विरोधी! 

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Scindia’s Anger : सिंधिया को घर में घेरने की कोशिश, इसलिए चले गए थे बैठक से! 

Bhopal : मंगलवार को बीजेपी की कोर ग्रुप की बैठक से केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अचानक उठकर जाना, ख़बरों में छाया रहा! बाद में बताया गया कि उनका स्वास्थ्य ख़राब होने लगा था, इसलिए वे चले गए! उनके कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि भी हुई! पर राजनीतिक हलकों में इसका कारण कुछ और ही बताया जा रहा है। इसका मूल कारण नरेंद्र तोमर और सिंधिया में ग्वालियर के बीजेपी जिला अध्यक्ष हैं, जिन्हें सिंधिया नहीं चाहते!

सिंधिया निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक शाम 4 बजे दिल्ली के लिए निकल गए। इस वजह से बवाल भी हुआ। जबकि, सिंधिया के करीबियों का कहना है कि बीजेपी के कुछ नेता सिंधिया को उनके घर में ही घेरने की कोशिश में हैं। ग्वालियर-चंबल में उन्हें साइड लाइन करने की कोशिशों से सिंधिया नाराज भी हैं। यही कारण है कि वे कोर कमेटी की बैठक बीच में ही छोड़कर निकल गए! लेकिन, उन्होंने किसी के सामने अपनी नाराजगी जाहिर नहीं की।

ग्वालियर जिला बीजेपी का अध्यक्ष बदला गया, लेकिन इसमें सिंधिया की राय तक नहीं ली गई। पहले मेयर पद के चुनाव में भी ऐसा ही हुआ था। नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और अन्य स्थानीय नेता उनके खिलाफ एकजुट हो गए। सिंधिया के उम्मीदवार को टिकट नहीं मिला। सिंधिया को लगने लगा है कि उन्हें जानबूझकर अलग करने की कोशिश हो रही है।

मंगलवार की कोर कमेटी की बैठक में निगम और मंडलों में नियुक्तियों को लेकर भी चर्चा होनी थी। सिंधिया अपने समर्थकों को इसमें एडजस्ट करना चाहते हैं, लेकिन पार्टी के दूसरे नेता ऐसा नहीं होने देना चाहते। बैठक में सिंधिया को जैसे ही इसका अंदाजा हुआ, उन्होंने बाहर निकलना ही उचित समझा। बैठक में जैसे ही नरेंद्र तोमर पहुंचे, सिंधिया निकल गए। बताते हैं कि सिंधिया को साइड लाइन करने में तोमर की बड़ी भूमिका है। लेकिन, उनके पीछे कई अन्य नेता भी हैं। तोमर और सीएम शिवराज की नजदीकियां जगजाहिर हैं। इसके अलावा नरोत्तम मिश्रा, गोपाल भार्गव जैसे वरिष्ठ नेता भी हैं जो पार्टी में सिंधिया के बढ़ते कद को अपने लिए खतरा मानते हैं। ये सभी मौका मिलते ही तोमर के पीछे खड़े होकर सिंधिया पर वार करने से नहीं चूकते।

ढाई साल में सिंधिया पार्टी के बड़े नेताओं के काफी करीब आ गए। नरेंद्र मोदी और अमित शाह के कार्यक्रमों में भी वे उनके साथ दिखाई देते हैं। PM कुछ दिन पहले संसद में भी रजवाड़ों के बहाने सिंधिया की तारीफ कर चुके हैं। तीन सप्ताह पहले जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ग्वालियर आए थे, तो उन्होंने सिंधिया की खुलकर तारीफ की थी। इससे बीजेपी के बड़े नेता अपने अस्तित्व को लेकर चिंतित हो गए। अब वे मिलकर उनकी राह में रोड़े अटकाने में लगे हैं।