Scindia’s Counter Attack : सिंधिया का जवाब ‘हे प्रभु महाकाल दिग्विजय सिंह जैसे नेता भारत में पैदा न हों!’
New Delhi : उज्जैन में दिग्विजय सिंह के बयान पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी करारा जवाब दिया। उन्होंने ट्वीट किया ‘हे प्रभु महाकाल दिग्विजय सिंह जैसे नेता भारत में पैदा न हों।’ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्वीट के बाद फिर दो राजघराने आमने-सामने आ गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह उज्जैन में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने पहुंचे थे।
हे प्रभु महाकाल, कृपया दिग्विजय सिंह जी जैसे देश-विरोधी और मध्य प्रदेश के बँटाधार, भारत में पैदा ना हों। https://t.co/ufKtIZFKaF
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) April 21, 2023
उन्होंने पत्रकार वार्ता में एक सवाल पर सिंधिया को निशाने पर लिया। जब पत्रकारों ने दिग्विजय सिंह से पूछा कि यदि उनकी सरकार बन जाएगी और फिर कोई ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी में शामिल हो जाएंगे तो क्या करेंगे? इस पर जवाब में दिग्विजय सिंह ने कहा ‘हे महाकाल! ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसा दूसरा नेता कांग्रेस में पैदा न हो!’
दिग्विजय को बंटाधार करने वाला कहा
उज्जैन में दिए दिग्विजय सिंह के बयान पर ज्योतिरादित्य ने सिंधिया ने करारा जवाब दिया। उन्होंने लिखा ‘हे प्रभु महाकाल! कृपया दिग्विजय सिंह जैसे देश विरोधी और मध्यप्रदेश के बंटाधारक भारत में पैदा न हो!’ सिंधिया ने एक बार फिर दिग्विजय सिंह को उन्हीं की भाषा में जवाब देते हुए राजघरानों की वर्चस्व की लड़ाई को सार्वजनिक पटल पर ला दिया।
हे प्रभु महाकाल, कृपया दिग्विजय सिंह जी जैसे देश-विरोधी और मध्य प्रदेश के बँटाधार, भारत में पैदा ना हों। https://t.co/ufKtIZFKaF
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) April 21, 2023
राजा और महाराजा की लड़ाई बरसों पुरानी
जब ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में थे, उस समय उन्हें मध्य प्रदेश कांग्रेस का “महाराज” का जाता था। जबकि, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को मध्य प्रदेश कांग्रेस का ‘राजा साहब’ कहा जाता है। राजा और महाराजा की ये लड़ाई नई नहीं है। सिंधिया और दिग्विजय सिंह राजघराने की लड़ाई 100 बरस से चली आ रही है। दोनों परिवारों में हमेशा से वर्चस्व की लड़ाई होती रही है। जैसे-जैसे समय बदला यह वर्चस्व की लड़ाई राजनीति प्रतिद्वंदिता में बदल गई।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद बयानों की ये लड़ाई ज्यादा तेज हो गई।