Scissors Fired on ‘Chava’ : विक्की कौशल की फिल्म ‘छावा’ पर कैंची चली, कई सीन और संवाद बदले!   

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Scissors Fired on ‘Chava’ : विक्की कौशल की फिल्म ‘छावा’ पर कैंची चली, कई सीन और संवाद बदले!

छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है यह फिल्म! 

New Delhi : विक्की कौशल और रश्मिका मंदाना की फिल्म ‘छावा’ में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) ने कुछ बदलाव करने के निर्देश दिए गए। ये फिल्म 14 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। फिल्म के प्रमोशन के दौरान जानकारी सामने आई है कि सेंसर बोर्ड ने कुछ डायलॉग और दृश्य में बदलाव की सिफारिश की। ‘छावा’ को 1 फरवरी, 2025 को CBFC द्वारा प्रमाणित किया गया।  फिल्म को ‘यूए 16+’ रेटिंग मिली है और इसका प्रमाणित रनटाइम 161 मिनट और 50 सेकंड है, यानी लगभग 2 घंटे 42 मिनट है।

सबसे बड़ा बदलाव ‘हरा’ शब्द पर सेंसर बोर्ड की रोक है। CBFC ने फिल्म में इस्तेमाल हुए ‘हरा’ शब्द को म्यूट करने के निर्देश दिए। इसका उद्देश्य सिनेमाघरों में रिलीज को सरल बनाना है। ये शब्द फिल्म के एक दृश्य में था, जिसे अब म्यूट कर दिया गया।

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‘छावा’ एक पीरियड ड्रामा है जो छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन पर आधारित है। इसे लक्ष्मण उटेकर ने डायरेक्ट किया है और फिल्म में विक्की कौशल, रश्मिका मंदाना, अक्षय खन्ना, आशुतोष राणा, दिव्या दत्ता, विनीत कुमार सिंह, डायना पेंटी और संतोष जुवेकर जैसे कलाकार हैं।

डायलॉग में बदलाव

फिल्म के कुछ बड़े डायलॉग को भी बदला गया.‘मुगल सल्तनत का जहर’ को अब ‘उस समय, कई शासक और सल्तनत खुद को जिंदा रखने की कोशिश कर रहे थे’ में बदल दिया गया। ‘खून तो आखिर मुगलों का ही है’ को बदलकर ‘खून तो है औरंग का ही’ किया गया।’ फिल्म में ‘आमीन’ शब्द की जगह ‘जय भवानी’ का इस्तेमाल किया गया। ये बदलाव धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है। ’16 साल’ को ’14 साल’ में बदल दिया गया। ’22 साल का लड़का’ को ’24 साल का लड़का’ कर दिया गया। ‘9 साल’ को ‘कई साल’ किया।

कई सीन और शब्दों में बदलाव

CBFC ने फिल्म के मेकर्स को निर्देश दिया है कि वे मराठा योद्धाओं को साड़ी पहने हुए दिखाने वाले दृश्य को हटाएं।  ये बदलाव फिल्म की ऐतिहासिक प्रमाणिकता को बनाए रखने के लिए किया गया। फिल्म में एक ऑडियो-टेक्स्ट डिस्क्लेमर भी जोड़ा जाएगा, जिसमें ये साफ किया जाएगा कि फिल्म का उद्देश्य किसी को बदनाम करना या गलत ऐतिहासिक तथ्य प्रस्तुत करना नहीं है, बल्कि ये एक ऐतिहासिक कृति पर बेस्ड है।