Screiw on Businessmen: दलहन कारोबारियों पर शिकंजा, सरकार ने तय की स्टाक लिमिट
भोपाल: राज्य सरकार ने दलहन की कालाबाजारी पर लगाम लगाने के लिए दलहन कारोबारियों पर शिकंजा कस दिया है। अब प्रदेश में दलहन के थोक और रिटेलर कारोबारियों के लिए स्टाक लिमिट तय कर दी गई है। दाल के लिए खुदरा विक्रेताओं के लिए पांच टन, खुदरा विक्रेताओं के लिए खुदरा दुकान पर पांच टन तथा बड़ी संख्या वाले खुदरा विक्रेताओं के लिए डिपो पर दो सौ टन होगी। मिल मालिकों के लिए उत्पादन के अंतिम तीन महीने या वार्षिक स्थापित क्षमता का 25 प्रतिशत जो भी अधिक हो,होगी।
इसके लिए मध्यप्रदेश दलहन अधिकतम स्टॉक सीमा एवं स्टॉक की घोषणा नियंत्रण आदेश 2024 पूरे प्रदेश में लागू किया गया है। इसमे तुअर और चना तथा उससे तैयार सामग्री आएगी। आयातकों को सीमा शुल्क निकासी की तारीख से 45 दिनों से अधिक समय तक आयातित स्टॉक को अपने पास नहीं रखना चाहिए।
इस नियंत्रण आदेश के तहत दालों के क्रय, विक्रय और विक्रय हेतु प्रत्येक थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता , बिग चेन रिटेलर्स, मिलर, आयातक विधिक इकाईयां धारित स्टॉक की नियमित रुप से घोषणा उपभोक्ता मामले विभाग भारत सरकार के पोर्टल पर करेगा। अधिकतम स्टॉक सीमा भी तय की गई है। कोई भी थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता , बिग चेन रिटेलर्स, मिलर, आयातक विधिक इकाईयां भारत सरकार के असाधारण राजपत्र जून 2024 के अंतर्गत तय स्टाक और इसमें समय समय पर भारत सरकार द्वारा किए जाने वाले संशोधन की जाने वाली अवधि के लिए निर्धारित संशोधित मात्रा से अधिक स्टाक क्रय, विक्रय एवं विक्रय के लिए भंडारण नहीं करेगा। यदि किसी के पास भंडारण तय सीमा से अधिक है तो वे अधिसूचना में तय तारीख तक उसे निर्धारित स्टॉक सीमा में ले जाएंगे।
नियमों का उल्लंघन करने पर राज्य सरकार के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, आयुक्त ,संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण या तो स्वयं या उनके द्वारा प्राधिकृत कोई अधिकारी राज्य की सीमा के भीतर या अपर संचालक, संयुक्त संचालक, उप संचालक, सहायक संचालक, सहायक आपूर्ति अधिकारी, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी, संचालनालय खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, मध्यप्रदेश की सीमा के भीतर कलेक्टर, अपर, संयुक्त, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, जिला आपूर्ति नियंत्रक, जिला आपूर्ति, सहायक आपूर्ति, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी उनके अपने-अपने जिलों की सीमों के भीतर प्रवेश कर तलाशी कर सकेंगे और तय लिमिट से अधिक दलहन का अभिग्रहण कर सकेंगे। इसमें उपयोग किए जा रहे वाहनों, यान या जलयान, उससे जुड़े व्यवहार दर्शाने वाली पुस्तक, लेखे और दस्तावेज मांग सकेगा और उचित कारण न बताने पर इनका अभिग्रहण किया जा सकेगा।