Indore : झाबुआ जिले के पेटलावद के एकलव्य आदर्श विद्यालय के प्रिंसिपल योगेंद्र प्रसाद को इंदौर कमिश्नर ने दो दिन पहले सस्पेंड कर दिया था। क्योंकि, हॉस्टल की छात्राओं ने उनके खिलाफ राज्यपाल मंगुभाई पटेल से शिकायत की थी। छात्राओं ने राज्यपाल के सामने रो-रोकर कहा था कि उन्हें हॉस्टल में न तो समय पर खाना मिलता है और न खाना अच्छा ही होता है। इस मामले में कन्या छात्रावास की अधीक्षिका दुर्गा गरवाल को कलेक्टर ने तत्काल निलंबित कर दिया था। प्रिंसिपल को जांच के बाद सस्पेंड करने के आदेश दिए गए।
लेकिन, इस पूरे मामले में एक बड़ा पेंच आ गया। कमिश्नर के सस्पेंड करने के आदेश के अगले ही दिन जनजातीय कार्य विभाग के उपसचिव दिशा प्रणय नागवंशी ने एक आदेश जारी करके प्रिंसिपल योगेंद्र प्रसाद का तबादला सहायक आयुक्त के विकल्प पर मंडला कर दिया गया। उपसचिव के इस आदेश में इस बात का जिक्र नहीं है कि वे कमिश्नर के आदेश के तहत सस्पेंड ही रहेंगे या नहीं! जनजातीय कार्य विभाग के उपसचिव का आदेश बाद में निकला, इसलिए उसे प्रभावी माना जाएगा, पर ऐसी स्थिति में इंदौर कमिश्नर के आदेश की क्या अहमियत रह जाती है! जबकि, कमिश्नर ने जांच के बाद ये कार्रवाई की थी।
उल्लेखनीय है कि 25 फरवरी को प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई छगन भाई पटेल पेटलावद के एकलव्य स्कूल में विद्यार्थियों के साथ संवाद करने पहुंचे थे। यहाँ छात्राओं ने राज्यपाल के सामने स्कूल प्रबंधन की पोल खोलते हुए आरोप लगाया था कि उन्हें समय पर खाना नहीं मिलता। जो मिलता है कि उसकी भी गुणवत्ता ठीक नहीं रहती है।
शिकायत के बाद विद्यार्थियों के आरोपों की जांच करने जांच दल पहुंचा था। जांच दल के प्रतिवेदन के आधार पर इंदौर कमिश्नर ने प्राचार्य योगेन्द्र प्रसाद के निलंबन के आदेश जारी किए हैं। आदेश में कहा गया है कि छात्राओं की शिकायत के बाद भी विद्यालय की व्यवस्थाओं में कोई सुधार नहीं हुआ। जब जांच दल स्कूल पहुंचा, तो उस समय भी भोजन की गुणवत्ता ठीक नहीं थी।
कमिश्नर के आदेश में यह भी कहा गया कि प्रिंसिपल योगेंद्र प्रसाद ने जांच दल के साथ भी अभद्र व्यवहार किया, जिससे जांच प्रभावित हुई और अभिलेखों की जांच नहीं हो पाई है। कार्य में लापरवाही बरती गई। इस मामले में कन्या छात्रावास की अधीक्षिका दुर्गा गरवाल को पहले ही निलंबित किया जा चुका है।
*राज्यपाल के सामने जो हुआ*
राज्यपाल मंगुभाई पटेल झाबुआ-आलीराजपुर दौरे के अंतिम दिन पेटलावट में ‘विद्यार्थी संवाद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम’ में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल के सामने छात्राओं ने स्कूल में अव्यवस्थाओं तथा अपनी पीड़ा को बयां किया। ये तब हुआ जब स्कूल प्राचार्य राज्यपाल के सामने मंच से झूठी व्यवस्थाओं का ढिंढोरा पीट रहे थे। इसका जवाब देते हुए छात्राओं द्वारा तत्काल राज्यपाल के सामने स्कूल की अव्यवस्थाओं की पोल खोल दी।
छात्राओं ने बताया कि प्राचार्य का कहना है कि स्कूल में तीन समय खाना दिया जाता है, किंतु ऐसा बिल्कुल नहीं है। स्कूल में जो खाना दिया जाता है वह भी ठीक से नहीं दिया जाता है। सब्जी में सब्जी से ज्यादा पानी नजर आता है। कई बार शिकायत भी की गई, किंतु हमें डरा-धमकाकर चुप करवा दिया जाता है। राज्यपाल के सामने छात्राओं ने अपनी पीड़ा रोते हुए बयां की। इस दौरान मंच पर मौजूद सांसद गुमान सिंह डामोर के द्वारा छात्राओं को चुप करवाते हुए कह दिया कि आप यहां पढ़ाई करने आए हैं, मैं आकर पूरी व्यवस्थाओं को देखूंगा और आपकी सुनवाई की जाएगी। ऐसा कहकर छात्राओं को बैठा दिया गया। मामले में कलेक्टर ने तत्काल कार्रवाई करते हुए छात्रावास अधीक्षिका दुर्गा गरवाल को निलंबित कर दिया। कलेक्टर ने जांच के बाद यह आरोप प्रथम दृष्टया सही पाया गया था।