SC’s Instructions to MP Government : सुप्रीम कोर्ट निर्देश ‘लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए गाइडलाइन तय की जाए!’
New Delhi : मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को परामर्श प्रक्रिया के लिए गाइडलाइन तय करने के निर्देश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए मुख्यमंत्री, मुख्य न्यायाधीश और नेता प्रतिपक्ष के बीच परामर्श होना चाहिए। कोर्ट ने परामर्श प्रक्रिया के लिए दिशा निर्देश तय करने की बात कही।
मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार को लोकायुक्त की नियुक्ति
में संविधानिक रूप से नियुक्ति प्रक्रिया के तहत नेता प्रतिपक्ष के तौर पर मुझसे विचार विमर्श करना था, जोकि नहीं किया गया।मैंने मध्य प्रदेश राज्य सरकार के इस निर्णय को जो की असंवैधानिक तरीक़े से लिया गया है उसे माननीय उच्चतम…
— Umang Singhar (@UmangSinghar) March 22, 2024
मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति पर सवाल उठाए थे। उन्होंने इस नियुक्ति को अवैध करार दिया था। उमंग सिंघार ने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उनके द्वारा दायर की गई याचिका में बताया गया था कि राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति के लिए उनसे परामर्श नहीं लिया गया। याचिका में कहा गया कि लोकायुक्त की नियुक्ति कानून के प्रावधानों के खिलाफ गैर-पारदर्शी और मनमाने तरीके से की गई।
आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने नियुक्ति पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में मध्य प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने लोकायुक्त नियुक्ति से जुड़ी फाइल तलब की है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार से दो सप्ताह में जवाब मांगा है।
लोकायुक्त की नियुक्ति कर शपथ दिलवा दी
10 मार्च को पूर्व न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह को मध्य प्रदेश का नया लोकायुक्त नियुक्त किया गया है। राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने राजभवन में उन्हें शपथ दिलाई थी। वर्तमान लोकायुक्त एनके गुप्ता का कार्यकाल पिछले साल 17 अक्टूबर को ही पूरा हो गया था। लेकिन, अब तक नए लोकायुक्ति की नियुक्ति नहीं की गई थी। यह भी माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव के बाद ही मध्य प्रदेश को नया लोकायुक्त मिलेगा, लेकिन आचार संहिता लगने से पहले सत्येंद्र कुमार सिंह को लोकायुक्त बनाया गया।