
SDM Chhotu Lal Sharma Suspended: ‘फर्जी पत्नी’ के झूठ से खुली परतें, करियर फिर विवादों में घिरा
Bhilwara: राजस्थान के भीलवाड़ा में हुए CNG पंप थप्पड़कांड ने प्रशासनिक गलियारों में हलचल मचा दी है। थप्पड़ से शुरू हुई यह कहानी अब “फर्जी पत्नी” के झूठ और व्यक्तिगत विवादों तक पहुंच गई है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बाद सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए एसडीएम छोटूलाल शर्मा को निलंबित कर दिया है। अब पूरे मामले में कई नए खुलासे हो रहे हैं।
**थप्पड़ से मचा बवाल, वायरल वीडियो से गिरे गाज**
21 अक्टूबर की दोपहर रायला इलाके में स्थित सीएनजी पंप पर एसडीएम छोटूलाल शर्मा का गुस्सा अचानक भड़क उठा। जब पंपकर्मी ने उनके पीछे आई गाड़ी में गैस भरनी शुरू की, तो शर्मा ने नाराज़ होकर कर्मचारी को थप्पड़ मार दिया।
लेकिन कहानी ने पलटवार तब लिया जब पंपकर्मी ने भी एसडीएम को थप्पड़ जड़ दिया!
यह पूरा घटनाक्रम CCTV कैमरे में कैद हुआ और सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो ने इतना तूल पकड़ा कि सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी पड़ी।
गुरुवार देर रात जारी आदेश में कार्मिक विभाग ने एसडीएम छोटूलाल शर्मा को निलंबित करते हुए उनका मुख्यालय जयपुर सचिवालय निर्धारित कर दिया।
**“उसने मुझे आंख मारी…” जांच में खुला फर्जी पत्नी का झूठ**
घटना के तुरंत बाद एक महिला दीपिका व्यास ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई और खुद को एसडीएम की पत्नी बताया। उसने कहा- “पंपकर्मी ने मुझे आंख मारी और अभद्र टिप्पणी की, जिससे मेरे पति गुस्सा हो गए।”
लेकिन जांच में सच्चाई ने सबको चौंका दिया- दीपिका व्यास, एसडीएम की कानूनी पत्नी नहीं हैं।
जानकारी के अनुसार, एसडीएम की वास्तविक पत्नी पूनम शर्मा हैं, जो उनसे अलग रह रही हैं और पहले भी उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कर चुकी हैं।
अब प्रशासन यह जांच कर रहा है कि दीपिका व्यास घटना के समय एसडीएम के साथ क्यों थीं और किस भूमिका में खुद को पत्नी बताकर पुलिस में बयान दिया।
**बार-बार विवादों में घिरे रहे हैं छोटूलाल शर्मा**
यह पहला मौका नहीं है जब एसडीएम छोटूलाल शर्मा सुर्खियों में आए हों।
—2017 में पंचायत समिति अधिकारी से विवाद के बाद उनका ट्रांसफर किया गया था।
—उसी साल खनन कार्यों में अनियमितता के आरोप में जांच बैठाई गई थी।
—2018 में टोंक में तैनाती के दौरान उन पर चपरासी से रिश्वत की रकम लेकर भागने पर हमला करने का आरोप लगा, जिसके बाद वहां भी विरोध प्रदर्शन हुए थे।
—इन घटनाओं के बाद अब यह चौथा बड़ा विवाद है, जिसने उनके करियर को फिर संकट में डाल दिया है।

**तीन स्तर पर जांच, बढ़ी सख्ती**
भीलवाड़ा पुलिस इस प्रकरण की फॉरेंसिक और क्रिमिनल जांच कर रही है, जबकि जिला प्रशासन ने व्यवहारिक और व्यक्तिगत आचरण को लेकर अलग जांच शुरू की है।
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि “किसी भी अधिकारी को पद का दुरुपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।”
सूत्रों के मुताबिक, सरकार इसे ‘जनता से जुड़े आचरण की मिसाल’ के रूप में देख रही है।
*“थप्पड़ जिसने खोली सच्चाई की परतें”*
भीलवाड़ा के लोगों में इस घटना की खूब चर्चा है। लोग कह रहे हैं- “थप्पड़ जिसने एसडीएम को गिराया, उसी ने सच्चाई का चेहरा दिखाया।”
कई लोगों का मानना है कि यह मामला अब सिस्टम के भीतर जवाबदेही और पारदर्शिता की नई कसौटी बनेगा।
भीलवाड़ा का यह थप्पड़कांड सिर्फ एक वीडियो नहीं, बल्कि प्रशासनिक अनुशासन और व्यक्तिगत जिम्मेदारी की बड़ी सीख बन गया है।
एसडीएम छोटूलाल शर्मा का निलंबन बताता है कि अब जनता के सामने गलत आचरण छिपाना मुश्किल है – क्योंकि थप्पड़ की गूंज अब केवल दीवारों में नहीं, पूरे सिस्टम में सुनाई दे रही है।





