Secret of Fake Kidnapping Conspiracy : अपहरण की फर्जी साजिश के पीछे 30 लाख में रूस से डॉक्टरी करने की प्लानिंग रही!

छात्रा ने पुलिस के सामने खोला अपने ही अपहरण और फिरौती का राज! 

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Secret of Fake Kidnapping Conspiracy : अपहरण की फर्जी साजिश के पीछे 30 लाख में रूस से डॉक्टरी करने की प्लानिंग रही!

Indore : शिवपुरी की जिस लड़की ने घर वालों को कोटा से ‘नीट’ की तैयारी करने की बात कही और बाद में अपने अपहरण की साजिश खुद ही रचकर पिता से 30 लाख की फिरौती लेने की कोशिश की। अब वह पुलिस के हत्थे चढ़ गई। पूछताछ में उसने वह पूरा राज खोला कि उसने यह सब क्यों किया और यह भी बताया कि उसने कोटा में तैयारी का झूठ क्यों बोला और इंदौर में क्यों रही!

दरअसल, रूस से एमबीबीएस करने के लिए छात्रा काव्या धाकड़ ने अपने अपहरण की झूठी कहानी रची और फिरौती की साजिश की। अपने साथी के साथ मिलकर वह दो राज्यों की पुलिस को 15 दिन तक छकाती रही। अब पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया। वह कोटा में किसी कोचिंग क्लास में नहीं पढ़ रही थी। जैसा कि उसके परिवार को पता था। वह इंदौर में ही कोचिंग कर रही थी, जबकि घर वालों को कोटा में होने की गलत जानकारी देती रही। पुलिस की गिरफ्त में आई छात्रा काव्या और उसका दोस्त हर्षित यादव ने पुलिस हिरासत में अपनी पूरी योजना का खुलासा किया।

राजस्थान के कोटा में अपहरण और 30 लाख की फिरौती के मामले में शातिर यह छात्रा दो राज्यों की पुलिस को 15 दिन तक घुमाती रही। शिवपुरी की रहने वाली छात्रा काव्या धाकड़ को पुलिस ने पकड़ लिया और बुधवार को कोटा लेकर पहुंची। पुलिस ने बताया कि रूस से एमबीबीएस करने के लिए काव्या ने ही सारा षड्यंत्र रचा था।

21 साल की काव्या धाकड़ और उसके दोस्त हर्षित यादव को इंदौर पुलिस ने मंगलवार रात को पकड़ लिया था। दोनों देवगुराडिया के पास इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के पास से एक किराए के कमरे में रह रहे थे। सूचना मिलने के बाद रात को ही कोटा पुलिस इंदौर के लिए रवाना हो गई और वहां कानूनी कार्रवाई के बाद दोनों को लेकर बुधवार दोपहर करीब ढाई बजे कोटा लेकर पहुंची। छात्रा और उसके दोस्त को विज्ञान नगर थाने में रखा गया है।

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दोस्तों के साथ पहुंची जयपुर 

पूछताछ के मुताबिक, साजिश के तहत दोस्त हर्षित यादव और विजेंद्र प्रताप के साथ काव्या 16 मार्च को जयपुर गई। 17 मार्च को होटल में ठहरी और 18 मार्च को काव्या ने नई सिम खरीदी। इसके बाद दोस्तों से उसके पिता को उसका अपहरण होने तथा 30 लाख रुपए की मांग करने को कहा। इसके लिए उसने अपने हाथ पैर बांधे और चोट लगी फोटो भेजी। जब काव्या को पता चला कि उसके पिता इस मामले में एसपी इंदौर को सूचना देने जा रहे हैं, तो वह डर गई। वह अपने दोस्तों के साथ इंदौर आ गई। मामला हाईलाइट होने पर वह अपने दोस्त हर्षित यादव के साथ 19 मार्च को इंदौर से चंडीगढ़ और वहां से अमृतसर चली गई। वहां 6 दिन तक दोनों स्वर्ण मंदिर गुरुद्वारे में रुके और लंगर में खाना खाया। रुपये खत्म होने पर दोनों 28 मार्च को इंदौर आ गए। यहां देव गुराडिया क्षेत्र में किराए से कमरा लेकर रहने लगे, जहां से पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया।

 

ऐसे मिली रूस से एमबीबीएस की जानकारी 

कोटा सिटी एसपी डॉ अमृता दूहन ने बताया काव्या ने स्वयं ही यू-ट्यूब से रूस में करीब 30 लाख में एमबीबीएस कर लेने की जानकारी ली। इसके बाद दोस्त विजेंद्र प्रताप और हर्षित यादव के साथ मिलकर अपने पिता से रुपए ऐंठने का षड्यंत्र रचा। तीनों ने अपहरण की झूठी कहानी बनाई। लेकिन, ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजस्थान के मुख्यमंत्री को इस बारे में फोन करने के बाद जयपुर पुलिस सक्रिय हुई और जब उसकी लोकेशन पता की तो वह लगातार इंदौर की मिली। राजस्थान पुलिस ने इंदौर पुलिस से संपर्क कर उसे पकड़ने इंदौर आई तो काव्या और हर्षित यहां से भाग गए जिन्हें बाद में पकड़ लिया और कोटा पुलिस को सौंप दिया।