वरिष्ठ पत्रकार प्रतीक श्रीवास्तव की कलम से एक इंदौरी ठिलवाई
इश्कबाजियां बहुत देखीं हैं, लेकिन समझ नहीं आता कि इस हुस्न ए जाना को वो खेबड़ा टाइप सचिन ही कैसे पसंद आ गया?
पूरा हिंदुस्तान मर गया था क्या?
कुछ तो सोचा होता…
एक दफा कहा तो होता
मुगले आजम दोहरा देते
ग़दर मचा देते
क्या क्या नहीं कर देते
मल्लिका ए हुसन
तेरे लिए
पब जी
क्या चीज थी
पाकिस्तान ही
हिंदुस्तान में
मिला देते
तेरे खातिर