पंडित दीनानाथ व्यास स्मृति प्रतिष्ठा समिति भोपाल, द्वारा स्वतंत्रता के मायने,वर्तमान समय में दुनिया में युद्ध की विभीषिका विषय पर संगोष्ठी
“हर युद्ध किसी ना किसी रूप में जीवन से आजादी छीन लेते हैं ,दूर तक और देर तक पृकृति ,पर्यावरण ,स्त्री और बच्चे उसके परिणाम भुगतते हैं” –डॉ स्वाति तिवारी
पंडित दीनानाथ व्यास स्मृति प्रतिष्ठा समिति भोपाल द्वारा स्वतंत्रता के मायने,वर्तमान समय में युद्ध की विभीषिका ,और भारतीय स्वतंत्रता दिवस विषय पर गूगल मीट पर संगोष्ठी और रचनात्मक सह भागिता पर केन्द्रित आयोजन रखा गया . इस आयोजन में साहित्य और कला से जुडी महिलाओं ने उत्साह के साथ सहभागिता करते हुए अपनी अपनी अभिव्यक्ति दी , कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ स्वाति तिवारी ने की,उन्होंने विषय प्रवर्तन करते हुए कहा कि आजादी उतनी सहज और सरल नहीं है यह तीन अक्षरों से बना एक शब्द भर नहीं है इसे पाने के लिए कई पीढ़ियों का बलिदान और हर वर्ग का अवदान लगा है ,आज दुनिया औरमानवता जिस तरफ जा रही हैं वह फिर से भयावह ना हो इसलिए हर तरह के युद्ध का रुकना बेहद जरूरी है. युक्रेन -रूस ,बांग्ला देश ,इजराइल और गाजा और इस तरह के संकट में फंसे कई और देश डराते है, क्योंकि हर युद्ध किसी ना किसी रूप में जीवन से
आजादी छीन लेते हैं ,दूर तक और देर तक पृकृति ,पर्यावरण ,स्त्री और बच्चे उसके परिणाम भुगतते हैं हमें अपनी आजादी को बनाए रखने के लिए सजग और संवेदनशील होना होगा .हर हाल में आजादी की महत्ता बनी रहनी चाहिए ,इस अवसर पर उन्होंने अर्नेस्ट हेनिग्वें की चर्चित कहानी ‘पुल पर बैठा बुढा आदमी’ का का कथापाठ किया . रचनाकार सीमा सिंह ने सुभद्रा कुमारी चौहान की चर्चित कविता “झांसी की रानी” का पाठ किया .कार्यक्रम का संचालन सुषमा व्यास राज्निधी ने साहित्य के महान रचनाकारों की पंक्तियों के माध्यम से किया .कार्यक्रम में आशा जाकड़ ,डॉ.अंजुल कंसल, प्रभा जैन ,संध्या पांडे ,संजू पाठक ,अचला गुप्ता ,महिमा वर्मा ने विषयकेंद्रित स्वरचित रचनाओं का पाठ किया ,डॉ सुमन चौरे ने ५० साल पहले के स्वतंत्रता दिवस की यादें संस्मरण के रूप में सुनाई .सपना उपाध्याय ने माउथ ऑर्गन पर देश भक्ति के गीतों की धून बजाई ,श्रीमती प्रभा तिवारी ने देश भक्ति गीत गाकर कर समा बाँध दिया .देश भर से जुड़ कर महिलाओं ने राष्ट्रीयता का पैगाम दिया .कार्यक्रम में समिति की संस्थापक डॉ स्वाति तिवारी ने आभार व्यक्त किया .