Senior neurosurgeon Dr. Manish Agarwal Arrested: सवाई मानसिंह हॉस्पिटल जयपुर के न्यूरो सर्जन 1 लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार

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neurosurgeon Dr. Manish Agarwal

Senior neurosurgeon Dr. Manish Agarwal Arrested: सवाई मानसिंह हॉस्पिटल जयपुर के न्यूरो सर्जन 1 लाख रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार                      

जयपुर: जयपुर स्थित राजस्थान के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल सवाई मानसिंह हॉस्पिटल के वरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉक्टर मनीष अग्रवाल को आज ACB की टीम ने एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।राजस्थान के सबसे बड़े अस्पताल यानी जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल के ट्रोमा सेंटर में रविवार 5 अक्टूबर को बड़ा अग्निकांड हुआ था। जिस आईसीयू में यह कांड हुआ उसका प्रभारी डॉ. मनीष अग्रवाल था। इस अग्निकांड में 8 मरीजों की दम घुटने से मौत हो गई थी।  एसएमएस अस्पताल के न्यूरो सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ मनीष अग्रवाल को एक लाख रुपए रिश्वत लेते पकड़ा गया है। एसीबी टीम की ओर से आरोपी से पूछताछ की जा रहीं है।अग्निकांड के बाद सरकार ने एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक डॉ. सुधीर भाटी और ट्रोमा सेंटर के प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ को पद से हटाया दिया था लेकिन आईसीयू के हैड डॉ. मनीष अग्रवाल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की थी। वही डॉक्टर बीती रात को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रेप हो गया। इस भ्रष्ट डॉक्टर के अब कई कारनामे खुलने वाले हैं क्योंकि एसीबी की टीम डॉ. मनीष अग्रवाल के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी कर छानबीन कर रही है।

10 फीसदी कमिशन मांग रहा था डॉ. अग्रवाल

डॉ. मनीष अग्रवाल वरिष्ठ न्यूरो सर्जन होने के साथ सवाई मानसिंह अस्पताल में प्रशासनिक कार्य भी देखता था। वह परचेज कमेटी में था। न्यूरो सर्जरी के उपकरण, दवाएं और अन्य सामान की खरीद में डॉ. अग्रवाल की अनुमति जरूरी थी। उपकरण और दवाएं का स्टोर से बिल बनने के बाद बिल डॉ. मनीष अग्रवाल के पास जाते थे। उसी के हस्ताक्षर के बाद पेमेंट होता था। ऐसे में डॉ. अग्रवाल कंपनी के प्रतिनिधियों से 10 फीसदी कमिशन मांग रहा था। ब्रेन कॉइन सप्लाई करने वाली कंपनी के प्रतिनिधि का कहना था कि तीन महीने से बिल अटका रखे थे। जब बिल पर हस्ताक्षर कराने के लिए कंपनी का प्रतिनिधि डॉ. मनीष अग्रवाल के ऑफिस में गया तो बिल को फेंक दिया गया। बोले कि उनकी हैसियत के हिसाब से पैसा देना पड़ेगा, तभी बिल पर हस्ताक्षर करेंगे।एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ दीपक माहेश्वरी ने बताया कि डॉ मनीष अग्रवाल के खिलाफ तीन दिन पहले मुझे शिकायत मिल गई थी। मैंने मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन भी किया था। कमेटी जांच कर रही है। लेकिन इस बीच यह प्रकरण हो गया।

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मरीज बनकर पहुंचे एसीबी के जवानों ने रंगे हाथों पकड़ा 

डॉ. मनीष अग्रवाल ने कंपनी के प्रतिनिधि को शाम 7 बजे घर बुलाया। चूंकि एसीबी ने ट्रेप की तैयारी कर ली थी। ऐसे में एक जवान को मरीज बनाकर डॉ. मनीष अग्रवाल के घर भेज दिया। शाम 7 बजे जब परिवादी रिश्वत की राशि लेकर डॉ. मनीष अग्रवाल के घर पहुंचा। तब एसीबी का जवान मरीज के रूप में उसी घर में मौजूद था। जैसे ही रिश्वत की राशि ली और परिवादी ने इशारा किया तो एसीबी के जवान ने डॉ. अग्रवाल को दबोच लिया। इसके तुरंत बाद एसीबी टीम के अन्य जवान और अधिकारी मौके पर पहुंच गए।

न्यूरो सर्जरी में खरीदी के बिल पास करने के लिएवरिष्ठ न्यूरो सर्जन डॉ. मनीष अग्रवाल कई पदों पर आसीन है। न्यूरो सर्जरी विभाग का हेड होने के साथ वह एसएमएस मेडिकल कॉलेज का एडिशनल प्रिंसिपल भी है। ऐसे में प्रशासनिक कार्यों में उसका पूरा दखल था। वह प्रदेश का जाना माना न्यूरो सर्जन है। उसके घर में कई अवॉर्ड, प्रशस्ति पत्र और मोमेंटो रखे हुए मिले। डॉ. अग्रवाल जयपुर हैंडबॉल संघ के अध्यक्ष हैं और राजस्थान हैंडबॉल संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं।

उनके द्वारा रिश्वत ली गई। वीडियो में पड़ोसी इस रिश्वत कांड के बाद परिवार को दिलासा दे रहे हैं कि घबराना नहीं है, हम आपके साथ हैं। समझ में ये नहीं आ रहा कि ये रिश्वत के हिमायती हैं या केवल पड़ोसी धर्म निभा रहे हैं।