वरिष्ठ कवि कृष्ण कांत नीलोसे नहीं रहे !

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वरिष्ठ कवि कृष्ण कांत नीलोसे नहीं रहे!

इंदौर : वरिष्ठ कवि श्री कृष्णकांत निलोसे दादा का निधन हो गया। यह दुखद समाचार अभी रात 11:15 बजे उनके बड़े पुत्र देवाशीष निलोसे ने दिया । हाल ही में 25 अक्टूबर को श्री कृष्णकांत निलोसे का 94 वाँ जन्मदिन था। श्री निलोसे की उपस्थिति से इंदौर का साहित्य जगत आश्वस्त महसूस करता था। उनके जाने से एक महत्वपूर्ण स्थान रिक्त हो गया है।  को इंदौर लेखिकसंघ और मीडियावाला की और से विनम्र श्रद्धांजलि! सादर नमन .

{जवाहर चौधरीजी की फेसबुक वाल से प्राप्त सूचना }

उनका कहना था –

“कविता सर्वत्र तथा सर्वकालिक भाव में अपने में अंतर्निहित है। कवि तो मात्र  माध्यम है। समय के आगत और अनागत के बीच जो पुल बनता है, वह है शब्द। वह व्यक्त भी है और अव्यक्त भी। इसी पुल पर चलता काव्य-पुरूष अपनी आवाजाही करता है। मैं तो मात्र इन कविताओं का प्रस्तुतकर्ता हूं। यदि मैं प्रस्तुतकर्ता नहीं होता तो कोई और होता। लेकिन ये कविताएं अवतरित होतीं जरूर, क्योंकि ये कविताएं समय-शब्द और चेतना /काव्य-पुरूष /की कार्य-कारण अभिव्यक्ति है। वैसे तो इसे संयोग ही माना जाना चाहिए कि मैं इन कविताओं का कवि हूं। “- कृष्ण कांत नीलोसे