वरिष्ठ कथाकार राजेंद्र कुमार मिश्र का निधन

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वरिष्ठ कथाकार राजेंद्र कुमार मिश्र का निधन

इंदौर: साठोत्तरी पीढ़ी के अत्यंत महत्वपूर्ण कथाकार व मध्यप्रदेश सूचना विभाग के अपर संचालक पद से सेवानिवृत्त राजेंद्र कुमार मिश्र का कल इंदौर में निधन हो गया।वे 89 वर्ष के थे और अरसे तक दिल्ली में मध्यप्रदेश सूचना केंद्र के मुखिया रहे थे।

वे अपने पीछे पुत्र वरिष्ठ पत्रकार सुबोध मिश्र, तीन पुत्रियाँ- डॉ शुभा ओझा (प्रिंसीपल: गुजराती आर्ट्स कॉलेज,इंदौर) ,विभा मिश्र व आभा मिश्र को छोड़ गये हैं। इंदौर के रीजनल पार्क मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया।मुखाग्नि पुत्र सुबोध मिश्र ने दी।

राजेंद्र कुमार मिश्र हिंदी के ऐसे दुर्लभ कथाकार थे जिन्होंने नौकरशाही और भद्रलोक की विसंगतियों को बहुत ही सहजता के साथ अपनी कहानियों का आधार-बीज बनाया।आदर्श,आस्था,प्रतिबद्धता,राग,द्वेष,ईर्ष्या के तंत्र में उलझे उनके पात्र हर दौर में नैतिकता की जमीन पर खड़े रहे।यही उनकी कहानियों की ताकत थी।मनोविज्ञान उनकी कहानियों का प्राण तत्व था।उनकी ‘डर’ कहानी इसका प्रमाण था।यह कहानी आज भी याद की जाती है।

‘औपचारिक अंतःकरण’ उनका पहला कहानी संग्रह था जो मध्यप्रदेश साहित्य परिषद ने प्रकाशित किया था।तब परिषद के सचिव प्रभाकर श्रोत्रिय थे।’मृत्युंजय की पुण्यतिथि’ व ‘ ईर्ष्या’ उनके चर्चित कथा संग्रह हैं।उनका अंग्रेजी में प्रकाशित उपन्यास ‘इंडिया एंड क्लैश ऑफ सिविलाइजेशन’ बेहद चर्चित रहा है।