Sent Summons to Governor : राज्यपाल को समन भेजने वाले SDM और बाबू का निलंबन!
Badaun (UP) : बदायूं के सदर तहसील क्षेत्र के लोड़ा बहेड़ी गांव की जमीन के अधिग्रहण के एक मामले में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को समन भेजने वाले तहसील के उप जिलाधिकारी (SDM) विनीत कुमार और उनके पेशकार (बाबू) को निलंबित कर दिया गया। राज्यपाल के नाम समन जैसे ही राजभवन पहुंचा, तो हड़कंप मच गया।
राज्यपाल के सचिव ने बदायूं के डीएम (कलेक्टर) को पत्र भेजकर आपत्ति जताई। इसके बाद शासन ने राज्यपाल को समन भेजने वाले SDM को निलंबित कर दिया। शासन की कार्रवाई के बाद बदायूं के DM ने बाबू को भी निलंबित किया।
मिली जानकारी के अनुसार, बदायूं की सदर तहसील के SDM ने अपने विधि व्यवस्थाओं को नजर अंदाज करते हुए राज्यपाल के नाम 18 अक्टूबर को समन जारी किया था। उन्हें एसडीएम कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए हाजिर होने का आदेश दिया था। इसके बाद राज्यपाल के सचिव ने DM को पत्र भेजा।
भेजे पत्र में कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 361 के अनुसार संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के खिलाफ कोई समन या नोटिस जारी नहीं किया जा सकता।
यह पत्र राज्यपाल के विशेष सचिव बद्रीनाथ सिंह को भेजा गया था। इसमें अनुच्छेद 361 का उल्लंघन मानते हुए आपत्ति दर्ज कराई गई और डीएम से इस मामले में हस्तक्षेप कर नियमानुसार पक्ष रखने और नोटिस जारी करने वाले के संबंध में जरूरी कार्रवाई के निर्देश भी दिए। अब शासन ने नोटिस जारी करने वाले SDM को सस्पेंड कर दिया।
बदायूं के डीएम के मुताबिक, उन्होंने इस मामले की रिपोर्ट बनाकर शासन को भेजी थी। इसके बाद बुधवार को शासन ने SDM विनीत कुमार को निलंबित कर दिया। यह मामला गंभीर और घोर लापरवाही का था।
इस मामले में राज्यपाल को तलब किया
जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सदर तहसील के लोड़ा बहेड़ी गांव के निवासी चंद्रहास ने जमीन अधिग्रहण के बदले मिले मुआवजे संबंधी एक मामले में लेखराज नामक व्यक्ति और राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को पक्षकार बनाते हुए सदर तहसील के एसडीएम की अदालत में याचिका दायर की थी।
चंद्रहास ने आरोप लगाया कि एक रिश्तेदार ने उनकी चाची कटोरी देवी की संपत्ति अपने नाम पर लिखवा ली और बाद में जमीन बेच दी। आरोप के मुताबिक, बाद में सरकार ने 12 लाख का मुआवजा देकर उसकी जमीन का अधिग्रहण किया था।
इस याचिका पर एसडीएम (न्यायिक) विनीत कुमार की अदालत से 7 अक्टूबर को जमीन खरीदने वाले व्यक्ति और राज्य की राज्यपाल को उप्र राजस्व संहिता की धारा 144 के तहत 18 अक्टूबर को पेश होने के लिए समन जारी किया गया। 10 अक्टूबर को जब पत्र राजभवन पहुंचा। इस पर राज्यपाल के विशेष सचिव बद्रीनाथ सिंह ने डीएम को पत्र लिखकर मामले की जांच करने और रिपोर्ट देने का आदेश भी दिया गया था।