भोपाल
सहकारिता आयुक्त नरेश पाल ने जिला सहकारी बैंक देवास में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के पद पर रहते हुए आर्थिक अनियमितताओं में लिप्त तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरबीएस ठाकुर की जांच के बाद शिकायतें सही पाए जाने पर सेवाएं समाप्त कर दी है।
जिला सहकारी बैंक देवास में मुख्यकार्यपालन अधिकारी रहते हुए उन पर गंभीर अनियमितताओं के आरोप लगे थे जिसकी जांच करवाई गई थी। उन्होंने एनडीटीएल की वृद्धि शील राशि का शत प्रतिशत विनियोजन सरकारी प्रतिभूति में नहीं करने पर रिजर्व बैंक ने 6 लाख 93 हजार 791 रुपए का दंड लगाया था। दंड की राशि बैंक के जरिए रिजर्व बैंक के पास जमा की गई। काम में उदासीनता बरतने के कारण् बैंक को आर्थिक क्षति उठानी पड़ी थी।
सहकारिता विभाग के पहले से जारी निर्देशों में यह स्पष्ट है कि ऐसी चूक बैंक के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की चूक मानी जाएगी और उनसे वसूली योग्य होगी। इस मामले में सुनवाई के लिए नोटिस जारी होंने पर ठाकुर सुनवाई में उपस्थित नहीं हुए। राज्य सहकारी बैंक ने भी सभी जिला बैंको की बैठक में एसबीआई,डीएफएचआई में खाता खोलने के निर्देश दिए थे लेकिन इसमें देवास बैंक ने चूक की।
ठाकुर पर पूर्व में भी प्राथमिक कृषि साख समितियों के वित्तीय पत्रक अंकेक्षण के लिए उपलब्ध नहीं कराने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था चेतावनी दी गई थी। उनकी चार विभागीय जांच प्रचलित चल रही थी। इसमें जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक होशंगाबाद से संबंधित शिकायतों की जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं करने के कारण निर्देशों की अवहेलना को लेकर उनकी जांच जारी है। होंशगाबाद में रहते हुए समर्थन मूल्य के अंतर्गत सहकारी संस्थाओं को प्रापत आयकर रिटर्नन शुल्क के भुगतान से संबंधित जांच में रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराने को लेकर भी लापरवाही पर भी उनकी जांच जारी है। आयकर रिफंड में भी अनियमितताएं सामने आई थी। जिला बैंक होशंगाबाद में अंकेक्षण टीप में भी अनियमितता के मामले में उनकी जांच जारी है।
जिला बैंक देवास में खाद-बीज भंडारण में गड़बड़ी को लेकर भी उनकी जांच जारी है। अंशपूंजी, अमानते और कर्ज वितरण और वसूली में भी लक्ष्य पूर्ति नहीं करने पर उन्हें नोटिस दिया गया है। उन्हें इन जांचों के बाद निलंबित किया गया था अब उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई है।