Sex Racket : बांग्लादेशी लड़कियों को बेचने या किराये पर देने का तरीका भी डिजिटल

सेक्स रैकेट में 42 पकड़ाए, 7 की तलाश, प्रेमिका बनाकर युवतियों का शोषण किया

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Sex Racket : बांग्लादेशी लड़कियों को बेचने या किराये पर देने का तरीका भी डिजिटल

Indore : बांग्लादेश से लड़कियों को नौकरी के बहाने भारत लेकर सेक्स रैकेट चलाने वालों को पकड़े जाने के बाद उनसे नई-नई जानकारियां सामने आ रही है। गिरोह चलने वाले विजय दत्त उर्फ मोमिनुल को हाल ही में पुलिस ने मुंबई से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसके सेक्स रैकेट के कुल 42 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। 7 की तलाश पुलिस कर रही है।

विजय दत्त द्वारा लड़कियों को बेचने और किराये पर देने का तरीका भी डिजिटल था। वो पहले लड़कियों की नुमाइश वीडियो कॉल कर करवाता और उसके साप्ताहिक या मासिक आधार पर किराए से देता था। फिर हमेशा के लिए दलालों को बेच देता। वही लड़कियों को देश मे भेजने के लिए बोली के आधार पर हवाई तो कभी रेल सफर के जरिए अलग-अलग शहरों में भेजता था।

जो युवतियां धंधा करती थी, उनसे ज्यादा काम कराने के लिए वो शरीर के खास अंगों को सुन्न करने के लिए एनेस्थेटिक पद्धति उपयोग करता था, ताकि युवतियां दिन-रात की शिफ्ट कर सके। आरोपी मोमिनुल के बैंक अकाउंट जब पुलिस ने खंगाले तो उसके अकाउंट से 80 लाख रुपए पुलिस को मिले हैं। फिलहाल पुलिस अकाउंट को सील कर आरोपी के अन्य बैंक अकाउंटों के बारे में पूछताछ कर रही है। पुलिस अन्य लोगो की तलाश कर रही है और जल्द ही इस रैकेट में कई बड़े खुलासे होने की संभावना है।

Sex Racket : बांग्लादेशी लड़कियों को बेचने या किराये पर देने का तरीका भी डिजिटल

पुलिस ने पिछले साल सितंबर में विजय नगर पुलिस ने महालक्ष्मी नगर इलाके से देह व्यापार के अड्डे का पर्दाफाश कर 21 लड़कियों को मुक्त कराया था। इनमें से कई लड़कियां बांग्लादेश की थी। इसके बाद उस दौरान पूरे मामले के तार एमडीएमए ड्रग्स मामले से जुड़े थे। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते कुल 33 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इस साल 15 नवंबर को विजय नगर की एक होटल में दबिश दी गई, जिसके बाद युवक युवतियों को देह व्यापार के मामले में गिरफ्तार किया गया। 3 युवतियों की पहचान पर पुलिस को संदेह हुआ और पूछताछ में पता चला कि युवतियां बांग्लादेश से अवैध तरीके से बॉर्डर पार कराकर लाई गई थी।

पुलिस को विजय दत्त नामक शख्स की शिकायत मिल रही थी। लिहाजा, मुंबई के विजय दत्त को ढूंढकर गिरफ्तार करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती थी। क्योंकि, आरोपी हर वक्त अलर्ट मोड पर रहता था और अपनी विजय दत्त वाली पहचान भी उजागर नहीं करता था। इंदौर पुलिस ने पहली ही शिकायत के बाद विजय दत्त की मिस्ट्री सुलझाने के प्रयास शुरू कर दिए थे।

विजय नगर थाना प्रभारी तहजीब काजी के मुताबिक शिकायत के बाद विजय दत्त को ढूंढने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी की मदद ली गई। फिर विजय दत्त गिरफ्तारी के बाद चौंकाने वाले खुलासे हुए। उन्होंने बताया कि विजय दत्त का असली नाम मोमिनुल हुसैन है, जो बांग्लादेश के पावना गांव का रहने वाला है। वो 10 साल पहले बांग्लादेश से भारत आया था। उसने फर्जी तरीके से राशन कार्ड और उसके आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट विजय दत्त के नाम से बनवा लिया था। विजय दत्त उर्फ मोमिनुल ने भारत मे कदम रखते ही सेक्स के धंधे में अपनी किस्मत आजमाई और वो शुरुआत में सफल हो गया।

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पुलिस के मुताबिक विजय दत्त ने देह व्यापार फैलाना शुरू किया और फिर वो बांग्लादेश में अपनी पत्नी के एनजीओ और दलालों की मदद से मानव तस्करी कर अवैध रूप से सीमा पार करवाकर गरीब व बेसहारा युवतियों को नौकरी दिलाने के नाम पर भारत बुलवाता था। वो युवतियों को अपने गिरोह की मदद से पहले तो पासपोर्ट न होने के चलते धमकाया। यदि उसके बाद भी युवतियां नहीं मानती तो वो एमडी-एमए ड्रग्स की लत लगा देता था। कई युवतियों को तो वो पहले खुद इस्तेमाल करता था और फिर मार्केट में वस्तुओं की तरह बेच देता था।