
शर्मनाक: जहां अंतिम संस्कार में भी चुनौती: पन्नी लगाकर करना पड़ा शव का अंतिम संस्कार, झकझोर देने वाली तस्वीरें….
राजेश चौरसिया की रिपोर्ट
छतरपुर. मध्यप्रदेश में विकास के तमाम दावों की पोल खोलने वाली एक और तस्वीर सामने आई है। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें साफ देखा जा सकता है कि यहां मरने के बाद भी किसी को सुकून नहीं मिलता। मड़वा ग्राम में एक महिला की मौत के बाद बारिश में अंतिम संस्कार और आग को पानी से बचाने के लिए पन्नी और छतरी का सहारा लेना पड़ा। अंतिम संस्कार तक बारिश में लोगों को मजबूरी में खड़े रहना पड़ा और कई लोग ट्रेक्टर की ट्राली के नीचे बैठकर पानी से बचते नजर आये।
हालांकि यह पहला जिला नहीं है, जहां ऐसी समस्या है, कई जिलों में आज भी यही हालात हैं। इस बार मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के अंतर्गत आने वाले चंदला विधानसभा के लवकुशनगर जनपद की ग्राम पंचायत कटहरा के मड़वा ग्राम का है जहां आजादी के 78 साल बाद भी अंतिम संस्कार के लिए जद्दोजहद करनी पड़ती है। ग्राम मड़वा में रोशनी पत्नी विपिन शर्मा की बीमारी चलते मृत्यु हो गई थी, ग्राम में शमशान घाट का निर्माण न होने से अंतिम संस्कार करने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ा। शोकाकुल परिवार के रोहित व विनोद शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि अंतिम संस्कार करने ग्राम के लोगों को बहुत बड़ी समस्या है, इसके लिए ग्राम के लोगों ने सरपंच और सचिव को कई बार कहा लेकिन आज तक मुक्ति धाम में टीन शेड नहीं लगाया गया.जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण आज भी गांवों के मुक्तिधाम में शेड निर्माण की पहल नहीं की गई। नतीजा ये है कि, ग्रामीण बरसते पानी में शव का दाह संस्कार करने को मजबूर हैं।

वहीं दूसरी तस्वीर चंदला विधानसभा अंतर्गत गौरिहार जनपद के हटवा ग्राम पंचायत से आयी है जहाँ कई ग्रामों में पक्की सड़क नहीं होने से वाहन नहीं पहुँच पाने से मरीजों को खाट पर ले जाने को मजबूर हैं ग्रामीण, कीचड़ भरे दुर्गम रास्ते से खाट पर ले जाते मरीज को ग्रामीणों की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।
यह तस्वीरें ना सिर्फ बदहाल बुनियादी ढांचे की ओर इशारा करती है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं को भी गहरी चोट पहुंचाती है। इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर दिखा दिया है कि जमीनी स्तर पर हालात कितने भयावह हैं। जिस जगह अंतिम यात्रा तक का सम्मान भी सुनिश्चित नहीं हो पा रहा है, वहां विकास की बातें खोखली प्रतीत होती हैं. ग्रामीणों ने बताया कि यह समस्या नई नहीं है और कई बार इसकी शिकायतें की जा चुकी हैं. मगर समाधान के नाम पर अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं।
हालांकि स्थानीय विधायक एवं राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार काफी संवेदनशील एवं ऊर्जावान युवा हैं और क्षेत्र की जनता की समस्याओं के प्रति समर्पित भी है। जैसा वह सार्वजनिक मंचों पर कहते नजर आते है। निश्चित ही निर्माण कार्य धरातल पर उतरने में अभी समय लगेगा। लेकिन तीन दिनों से लगातार उनके क्षेत्र से समस्याओं एवं विरोध के स्वर बुलंद होने से वह विचलित नजर आए और सोशल मीडिया पर उनके समर्थकों द्वारा समर्थन पोस्ट के साथ कई अनर्गल पोस्ट भी किए गए जिसकी जानकारी लगने पर मंत्री जी ने कई पोस्ट को हटवाया भी। वहीं राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने विरोध को राजनीतिक साजिश भी बताया। उन्होंने कहा कि, कुछ कांग्रेसी मानसिकता के लोग मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। क्षेत्र में लगातार विकास कार्य हो रहे हैं।





