मंदसौर से डॉ घनश्याम बटवाल की रिपोर्ट मंदसौर वरिष्ठ विधायक एवं भाजपा प्रवक्ता यशपालसिंह सिसोदिया ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को शिवना शुद्धिकरण का प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रस्तुत कर केंद्र सरकार से राशि आवंटन प्राप्ति का आग्रह किया है। साथ ही आपने मुख्यमंत्री को मई के प्रथम सप्ताह में मंदसौर आगमन का आमंत्रण भी दिया।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को मंदसौर की शिवना नदी के शुद्धिकरण, ट्रीटमेंट प्लांट, पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण एवं समग्र विकास के लिए 100 करोड रुपए की लागत से बनने वाली कार्य योजना के प्रोजेक्ट रिपोर्ट को मंदसौर के वरिष्ठ विधायक तथा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता श्री यशपाल सिंह सिसौदिया ने अवगत कराते हुए केंद्र सरकार से राशि आवंटन की स्वीकृति प्राप्त किए जाने का आग्रह किया।
सिसोदिया ने मंदसौर के स्वीकृत मेडिकल कॉलेज के भूमिपूजन तथा पशुपतिनाथ मंदिर परिसर में 1008 सहस्त्र लिंग शिव मंदिर की विधिवत स्थापना एवं 37 क्विंटल वजनी महाघंटे का लोकार्पण किये जाने का भी आग्रह किया।
♦️ कोरोना प्रभावित बच्चों के केंद्रीय विद्यालय प्रवेश में प्राथमिकता की मांग
कोरोना काल में दिवंगत हुए माता-पिता के बच्चों को आरटीई में केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश में प्राथमिकता एवं नियमों के शिथिलीकरण के संबंध में चर्चा
विधायक सिसोदिया ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को एक पत्र सौंपकर कोरोना काल में दिवंगत हुए माता-पिता के बच्चों को विद्यालय प्रवेश में प्राथमिकता दिए जाने एवं कुछ नियमों को शिथिल किए जाने का आग्रह किया। विधायक सिसोदिया ने पत्र के माध्यम से कहा कि आरटीई के अंतर्गत वर्तमान में बच्चे उसी संकुल क्षेत्र के निजी या शासकीय विद्यालय में प्रवेश ले पाते हैं, ऐसे में कई दिवंगतों के ऐसे बच्चे भी हैं, जिनके आस-पास में कोई स्कूल ही नहीं है, जिससे उनको किसी स्कूल में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है।
अनुरोध है कि इन बच्चों के लिए नियमों को शिथिल किया जाए तथा शहर के किसी भी विद्यालय में आरटीई के तहत प्रवेश की सुविधा दी जाए। साथ ही बच्चों के लिए नियमों को शिथिल करते हुए भारत सरकार से अनुरोध कर केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश पर प्राथमिकता दी जाए।
♦️ आयुष चिकित्सक एवं नर्सिंग स्टॉफ की सेवाओं का हो उपयोग
आयुष के अस्थाई चिकित्सकों एवं अन्य कोरोना वॉरियर्स की समस्या के निराकरण हेतु पत्र सौंपा
विधायक सिसोदिया ने मुख्यमंत्री को एक अन्य पत्र के माध्यम से अनुरोध किया कि कोविड के 2 वर्षों में शासन के आग्रह एवं आह्वान पर संपूर्ण प्रदेश में आयुष चिकित्सा से जुड़े चिकित्सक एवं अन्य कोरोना वॉरियर्स ने कड़ी मेहनत करके संकट के दौर में प्रशासकीय कार्य जान जोखिम में डालकर किया है। अभी पूरे प्रदेश में अस्थाई तौर पर रखे गए आयुष से जुड़े चिकित्सकों को विभाग द्वारा हटा दिया गया है या चिकित्सक लगातार मंत्रीगण, सांसदगण, विधायकगण से संपर्क कर उन्हें अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंप रहे हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की कमी है, संविदा के रूप में जिस प्रकार से अस्थाई चिकित्सकों ने अपनी सेवाएं दी हैं, उन्हें संविदा या नियमितीकरण के रूप में अवसर दिया जाना उचित होगा।
इनके द्वारा दी गई सेवाओं का मूल्यांकन करते हुए इन्हें पुनः अवसर दिया जाए, ।