बाबा महाकाल के आंगन में शिवनवरात्र महोत्सव प्रारंभ

चंदन का उबटन लगाकर "दूल्हा बने महाकाल"

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बाबा महाकाल के आंगन में शिवनवरात्र महोत्सव प्रारंभ

उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट

उज्जैन । विश्वप्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल के मंदिर में शिवनवरात्री पर्व आज फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि से प्रारम्भ हुआ,आज शुक्रवार को शिवनवरात्रि के प्रथम दिन पर सर्वप्रथम मंदिर परिसर में स्थित कोटितीर्थ कुण्ड के घाट पर श्री कोटेश्वर महादेव मंदिर में शिवपंचमी का पूजन अभिषेक प्रात: 8 बजे से किया गया । यह अभिषेक पूजन शासकीय पुजारी घनश्याम गुरु के आचार्यत्व में 11 ब्राह्मणों एवं दो सहायक पुजारियों के द्वारा संपन्न कराया गया । पूजन करने वाले ब्राह्मणों को परंपरागत रूप से मंदिर समिति द्वारा शोला तथा वारूणी प्रदान की गई ।

श्री कोटेश्वर महादेव के पूजन आरती के पश्चात ज्योतिलिंग बाबा महाकालेश्वर का पूजन अभिषेक प्रारंभ हुआ, जिसमे 11 ब्राह्मण द्वारा एकादश एकादशिनी रूद्राभिषेक किया जाता है, तत्पश्चात भगवान महाकाल को नव वस्त्र धारण कराए जाते है भोग आरती की जाती है । शिवनवरात्रि महोत्सव के सभी नो दिवस अपरान्ह्: में श्री महाकालेश्वर भगवान के संध्या पूजन पश्चात विभिन्न स्वरूपों में आकर्षक श्रृंगार किया जाता है ।”शिव-नवरात्रि” का समय भगवान शिव के पुजन अर्चन, ध्यान- चिंतन, की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण होता है ।

प्रथम दिवस पर हुआ चन्दन का श्रृंगार इसमें चंदन के साथ बाबा महाकाल को कटरा, मेखला, दुपट्टा, रत्न जड़ित मुकुट, मुण्ड माल, छत्र, आभूषण आदि से श्रृंगारित किया गया ।

श्री महाकाल मन्दिर प्रशासक संदीप सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिदिन प्रातः काल में होने वाले विशिष्ट पूजन के चलते सांय 4 बजे तक दर्शनार्थीयों हेतु गर्भगृह में प्रवेश बंद किया गया है । सांय 4.00 बजे के पश्चात सीमित संख्या होने पर ही आम भक्तो को गर्भगृह से दर्शन हेतू प्रवेश दिया जा सकेगा, यद्द्यपि सीमित संख्या में गर्भगृह से दर्शन के अभिलाशी गर्भगृह दर्शन शुल्क 1500₹ की रसीद के साथ रात 9 बजे तक गर्भगृह में जा सकेंगे ।