Shivraj Government in Action : बड़े अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई!  

736

Shivraj Government in Action : बड़े अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई!  

विधानसभा चुनाव के एक साल पहले से लगता है सरकार ने ज्यादा मुस्तैदी दिखाना शुरू कर दिया। एक ही सप्ताह में इंदौर संभाग के चार बड़े अफसरों को शिकायतों के आधार पर जिस तरह से हटाया गया, वो गौर करने वाली बात है। झाबुआ के एसपी और कलेक्टर को एक दिन के अंतर से हटाया गया। जबकि, इंदौर के आबकारी डिप्टी कमिश्नर और धार के आबकारी अधिकारी को ग्वालियर भेजा गया। इन सभी को शिकायतों, गड़बड़ियों, लापरवाहियों और पद के दुरूपयोग के चलते पद से हटाया गया। जिस तरह से इन अधिकारियों को हटाया गया वो सरकार की नियमित कार्यवाही नहीं कहीं कहा जा सकता। इन अधिकारियों को बकायदा शिकायत के आधार पर हटाया गया है।

1044586 shivraj singh chouhan 2232

लेकिन, शिवराज सरकार के इन तेवरों की शुरुआत मई से भी मानी जा सकती है, जब शिकारियों के हाथों तीन पुलिसकर्मियों की मौत के बाद गुना के एसपी राजीव मिश्रा और ग्वालियर झोन के आईजी अनिल शर्मा को हटाया गया था।

IMG 20220919 WA0016

अब इस सख्ती में ज्यादा फुर्ती दिखाई देने लगी और एक्शन भी ज्यादा तेजी से होने लगा। झाबुआ एसपी अरविंद तिवारी का सोमवार को पॉलिटेक्निक के छात्रों से बातचीत का एक ऑडियो वायरल हुआ था। इस ऑडियो में एसपी अरविंद तिवारी छात्रों को फोन पर गालियां देते सुनाई दे रहे थे। फोन करने वाले छात्र ने उन्हें कॉलेज की जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत की थी। इस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की और जब छात्रों ने एसपी से अपनी सुरक्षा की मांग की तो उन्हें सीधे धमकी और गालियां दी गई। मामला सीएम शिवराज सिंह चौहान की जानकारी में आया तो उन्होंने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। सीएम ने सोमवार सुबह प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को तुरंत झाबुआ एसपी को हटाने के निर्देश दिए। सीएम से निर्देश मिलते ही गृह विभाग ने कार्रवाई की। जांच के बाद शाम होते होते SP को सस्पेंड भी कर दिया गया।

IMG 20220920 WA0038

मंगलवार सुबह झाबुआ कलेक्टर सोमेश मिश्रा को भी पद से हटा दिया गया। उन पर गंभीर अनियमितताओं और लेन-देन की शिकायत मुख्यमंत्री को मिली थी। कलेक्टर सोमेश मिश्रा उत्तराखंड के बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष मदन मोहन कौशिक के दामाद हैं। लेकिन, तारीफ की बात है कि इस राजनीतिक नजदीकी का मुख्यमंत्री की कार्रवाई पर कोई असर नहीं पड़ा! सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान झाबुआ जिले के पेटलावद आए थे। वहां उन्हें कलेक्टर के खिलाफ कई शिकायतें की गई। क्षेत्र के रजिस्टर्ड डॉक्टर्स ने तो ज्ञापन देकर मुख्यमंत्री से कहा कि उनके क्लीनिक पर ताले डालने की धमकी दी गई और उसके बदले में डिमांड की गई। जबकि, बंगाली डॉक्टर जिनका कामकाज पूरी तरह अवैध है, उन्हें संरक्षण दिया गया। बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने तभी आश्वासन दिया था कि जल्द ही कार्रवाई होगी। इसके बाद मंगलवार सुबह कलेक्टर पर आदेश का कहर टूटा। इंदौर कमिश्नर कार्यालय में पदस्थ 2013 बैच की अपर कमिश्नर रजनी सिंह को झाबुआ का नया कलेक्टर बनाया गया है।

जानकारी मिली कि झाबुआ कलेक्टर सोमेश मिश्रा पर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भी गड़बड़ी करने के आरोप हैं। सरकार की कई महत्वाकांक्षी योजनाओं में बेवजह देरी करने और रिश्वतखोरी सहित तमाम शिकायतें पहले भी हुई थी। मुख्यमंत्री को पेटलावद दौरे के समय बीजेपी नेताओं समेत कई अन्य लोगों ने भी शिकायत की थी। इसके बाद उन्हें हटाने का फैसला किया गया। इसी साल फ़रवरी में उनकी बहन की शादी जिस आलीशान ढंग से शादी हुई थी, तभी से वे आंख में आ गए थे। इस शादी में लाखों रुपए खर्च किए गए। झाबुआ में चर्चा यह भी है कि जिले के हर विभाग से शादी के लिए जमकर वसूली की गई थी। इसके बाद भी उनके खिलाफ शिकायतें हुई थी! पर, तब इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। अब, जबकि लोगों ने सामने आकर मुख्यमंत्री को बताया तो उन्हें हटाने का फैसला किया। कहा तो यहां तक जा रहा है कि कलेक्टर के बाद यहां से कलेक्टर के कारनामों में साझेदार कुछ एसडीएम भी हटाए जा सकते हैं!

सरकार की सख्ती की शुरुआत तो मई में ही हो गई थी, जब गुना जिले में 14 मई को पुलिस और शिकारियों के बीच मुठभेड़ में तीन पुलिस वालों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद ग्वालियर जोन के आईजी अनिल कुमार शर्मा को मुख्यमंत्री ने हटा दिया था। मामला यह था कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी वे घटनास्थल पर नहीं पहुंचे थे। यह पहला मौका था जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सख्ती दिखाई थी। ग्वालियर जोन के आईजी अनिल कुमार शर्मा को हटाकर भोपाल मुख्यालय में पदस्थ कर दिया था। इसी मामले में सरकार ने गुना जिले के पुलिस अधीक्षक राजीव कुमार मिश्रा को भी हटाया था।

आबकारी विभाग में कार्रवाई 

इंदौर के चर्चित आबकारी घोटाला मामले में भी प्रदेश सरकार ने लगातार बड़ी कार्रवाई की। सरकार ने 5 करोड़ 40 लाख की गड़बड़ी वाले इस मामले में सरकार ने तत्काल दो अधिकारियों को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए हटा दिया था।ये थे इंदौर के सहायक जिला आबकारी अधिकारी राजीव उपाध्याय और फिर सहायक आबकारी आयुक्त राजनारायण सोनी पर कार्रवाई की। इसके बाद इसी मामले की जांच में आबकारी उपायुक्त संजय तिवारी पर गाज गिरी और उन्हें बीते सप्ताह ग्वालियर रवाना कर दिया गया।

धार के जिला आबकारी अधिकारी यशवंत धनौरा को भी बीते सप्ताह धार से हटाकर ग्वालियर पदस्थ कर दिया गया। इसका कारण कुक्षी में शराब माफिया का अवैध ट्रक पकड़ा जाना बताया गया है। शराब तस्करों का ट्रक पकड़ा जाना, एसडीएम (आईएएस) के साथ मारपीट, नायब तहसीलदार के अपहरण को आबकारी अधिकारियों और शराब तस्करों के इसी गठजोड़ का नतीजा माना जा रहा है।

सरकार की इस तरह की कार्रवाई से लोगों में यह विश्वास प्रबल हुआ है कि प्रदेश में सरकार की नजरें चारों तरफ है। उनकी आंखें भी खुली है और कान भी सब सुन रहे हैं! यही कारण है कि झाबुआ एसपी को हटाने में वायरल हुआ ऑडियो कारगर रहा। झाबुआ कलेक्टर को शिकायतों के बाद तत्काल पद से हटा दिया गया। तीन पुलिसकर्मियों की मौत के बाद एसपी और आईजी को भोपाल भेज दिया जाना भी बड़ी कार्रवाई है। आबकारी विभाग में बरसों से ख़म ठोंककर बैठे अधिकारियों को एक झटके में मुख्यालय में कुर्सी से बांध दिया गया। अभी ये सिलसिला शुरू हुआ है और उम्मीद की जाना चाहिए कि ये लम्बा चलेगा, ताकि अधिकारियों का गुरुर जो सिर के ऊपर निकल रहा था, वो मुकाम पर आ जाए! उन्हें पता हो कि हम नौकरशाह हैं, सिर्फ ‘शाह’ नहीं!

Author profile
Hemant pal
हेमंत पाल

चार दशक से हिंदी पत्रकारिता से जुड़े हेमंत पाल ने देश के सभी प्रतिष्ठित अख़बारों और पत्रिकाओं में कई विषयों पर अपनी लेखनी चलाई। लेकिन, राजनीति और फिल्म पर लेखन उनके प्रिय विषय हैं। दो दशक से ज्यादा समय तक 'नईदुनिया' में पत्रकारिता की, लम्बे समय तक 'चुनाव डेस्क' के प्रभारी रहे। वे 'जनसत्ता' (मुंबई) में भी रहे और सभी संस्करणों के लिए फिल्म/टीवी पेज के प्रभारी के रूप में काम किया। फ़िलहाल 'सुबह सवेरे' इंदौर संस्करण के स्थानीय संपादक हैं।

संपर्क : 9755499919
hemantpal60@gmail.com