हर वर्ग को साध रहे शिवराज… गरीब, लाड़ली बहना के बाद अब दलित समाज…
शिवराज सिंह चौहान अब हर रोज यह अहसास करा रहे हैं कि मुख्यमंत्री बतौर वह 2023 विधानसभा चुनाव से पहले सर्वजनहिताय की इतनी लंबी लकीर खींच देंगे कि फिर न तो कोई चुनौती रहेगी और न ही कोई चुनौती देने वाला। गरीबों को मुफ्त में प्लॉट देने की शुरुआत हो या फिर लाड़ली बहना को आर्थिक रूप से समृद्ध करने की बात हो और फिर संत रविदास का सौ करोड़ की लागत से अद्भुत मंदिर निर्माण कर दलित समाज को साधने का उपक्रम हो, सभी ऐसे रामबाण हैं जिनका निशाना अचूक है। गरीबों को मुफ्त प्लॉट की सौगात देकर शिवराज ने लाखों परिवारों को अपना बनाने का लक्ष्य सरलतापूर्वक साधा है, तो लाड़ली बहना के जरिए आधी आबादी को अपना बना लिया है और अब प्रदेश की 16 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति के परम इष्ट संत शिरोमणि रविदास का सौ करोड़ का मंदिर आस्था का वह रिश्ता बनाएगा कि बहुतायत में यह वर्ग शिवराज सरकार का उपकार भुला नहीं पाएगा। शिवराज ऐसी योजनाओं के जरिए विपक्ष को यह खुली चुनौती दे रहे हैं कि तुम हमारी कमियों को ढूंढ़ते रहो, तब तक हम विकास, आस्था, सामाजिक उत्थान की दिशा में वह कीर्तिमान रच देंगे कि फिर भाजपा को पीछे मुड़कर देखने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।
आजकल शिवराज सुबह पौधा लगाने के साथ एक काम पूरी शिद्दत से कर रहे हैं और वह है कमलनाथ को कटघरे में खड़ा करने का। “भावी” शब्द को उछालकर भाजपा ने कांग्रेस के भीतर हलचल पैदा कर ही दी है। शिवराज रोज एक सवाल पूछते हैं और कांग्रेस को झूठी साबित करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। जैसे शिवराज ने कहा कि मैं फिर पूछ रहा हूं और कह रहा हूं, कांग्रेस झूठ बोलने में माहिर है, झूठे वचन पत्र पर ही उन्होंने पिछली बार वोट मांगे थे और कोई वचन पत्र पूरा नहीं किया। झूठे वादे करना और भूल जाना, झूठ बोलना और जनता को भ्रमित करना यह कांग्रेस और कमलनाथ जी का काम रहा है।
तो फिर सीईओ शिवराज विकास यात्रा का हिसाब देने से भी नहीं चूकते। उन्होंने बताया कि विकास यात्रा पूरे मध्यप्रदेश में जारी है। मुझे बताते हुए खुशी है कि, विकास यात्राएं केवल चल नहीं रही हैं, जनता की सेवा का बड़ा काम कर रही है।अब तक 230 विकास यात्राओं में लगभग 4 हजार 88 लोकार्पण किए गए हैं। 3 हजार 49 भूमिपूजन किए जा चुके हैं। इसके साथ वंचितों को विभिन्न योजनाओं का लाभ देने के लिए हम तत्काल स्वीकृति देने का काम करते हैं। अब तक 46 हजार 956 आवेदन मिले जिनमें से 34 हजार 234 पात्र पाकर स्वीकृत भी कर दिए गए। शिवराज बताते हैं कि यह मैं इसलिए कह रहा हूं यह यात्रा कोई कर्मकांड नहीं है, लोगों की जिंदगी में कैसे बेहतरी आए इसकी कोशिश है।
सागर जिले में आयोजित ‘संत रविदास महाकुंभ’ में मुख्यमंत्री शिवराज ने बताया कि संत रविदास ने कहा था कि “ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न।” यानि रविदास जी ने कहा है कि ऐसा राज होना चाहिए, जहाँ कोई भूखा न सोये, सभी को अन्न मिले, कोई छोटा-बड़ा न हो, ऊँच-नीच न हो, जात-पात न हो, सभी समान रहें, तभी रविदास प्रसन्न होंगे। यही रविदास जी का दर्शन और सीख है। और फिर अपना भाव जता दिया कि जैसा संत रविदास ने कहा है, मोदी जी और मैं ऐसी ही सरकार चला रहे हैं।संत रविदास जी महाराज सद्बुद्धि देते रहें। मध्यप्रदेश की धरती पर संत रविदास जी महाराज का भव्य मंदिर बनना चाहिए। सागर के पास हमने जमीन देख ली है। हम घोषणा करते हैं कि संत रविदास जी का भव्य मंदिर 100 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा। उन्होंने जो शिक्षा दी है, वो भी वहाँ उकेरी जाएगी, सारे प्रसंग उकेरे जाएंगे। यह प्रक्रिया आज ही प्रारंभ होती है। और फिर यह बात भी साझा कि वर्षों से हमारे जो गरीब अनुसूचित जाति के भाई-बहन रह रहे हैं, उनको उस जमीन का हम पट्टा देंगे और मालिक बनाएंगे।केवल शहर ही नहीं, गाँव में भी हमने तय किया है मुख्यमंत्री भू-आवासीय अधिकार योजना के तहत गरीब परिवार को रहने के लिए जमीन का टुकड़ा दिया जाएगा। टीकमगढ़ में हमने 10,800 पट्टे बाँटे थे। सरकारी जमीन नहीं मिली, तो खरीद कर बाँटूंगा। तो फिर सवाल कि एससी के लिए कमलनाथ ने क्या काम कर दिया? मैं अपना हिसाब आपको देता हूँ। पिछले ढाई साल में सभी योजनाओं में मिलाकर 14,300 करोड़ रुपये एससी समाज के लिए खर्च किये हैं। मैं विनम्रता के साथ कहना चाहता हूँ, जो भी बात संत रविदास जी महाराज ने कही, उनका पालन हम करेंगे। तो यह हो गई दलित समाज और गरीबों के हित की बात।
फिर बहनों के हित की बात करते हुए भाई शिवराज कहते हैं कि बहनों को भी न्याय मिलना चाहिए। बहनों और माताओं को मजबूत और सशक्त होना चाहिए, उनके हाथों में भी पैसे होना चाहिए। बहन के पास पैसे हों, तो वो एक पैसा फालतू खर्च नहीं करेगी। और फिर योजना का जिक्र कि मध्यप्रदेश में हर गरीब और मध्यमवर्गीय बहन के खाते में हम 1,000 रुपये प्रतिमाह डालेंगे। अब लाड़ली बहना योजना आ रही है।
तो अब जब इस तरह गरीबों, दलित समाज और आधी आबादी के रूप में बहनों का विश्वास जीतने के मास्टर प्लान का क्रियान्वयन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करेंगे, तब निश्चित तौर से यह मानना ही पड़ेगा कि 2023 का रण जीतने की यह कोशिशें सफलता की तरफ कदम बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगी। वहीं विकास यात्रा के जरिए सारी कसर पूरी करने की कोशिश सरकार कर रही है, जिससे 2023 का रण एकतरफा हो सके। अब जनता के मन में क्या है, वह जनता जाने…पर जनता का मन भटक ही न सके, यह सफल कोशिश तो शिवराज कर ही रहे हैं।