बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए शिवराज सिंह चौहान का नाम सबसे आगे!

अनुभव, जातीय समीकरण और आरएसएस की सहमति से बढ़ रही उम्मीदें

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बीजेपी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए शिवराज सिंह चौहान का नाम सबसे आगे!

– राजेश जयंत

BJP President: केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का नाम इस वक्त भाजपा के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में सबसे आगे माना जा रहा है। पार्टी में उनके अनुभव, जनाधार, जातीय समीकरण और RSS राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सहमति की वजह से वे अन्य दावेदारों से आगे निकल चुके हैं। इस नियुक्ति की घोषणा श्राद्ध पक्ष से पहले (15 सितंबर 2025 से पहले) हो सकती है।

शिवराज सिंह चौहान का राजनीतिक करियर 30 वर्ष से अधिक पुराना है। वे मध्य प्रदेश में चार बार मुख्यमंत्री रहे और भाजपा को 2008, 2013 और 2023 के विधानसभा चुनावों में शानदार जीत दिलाई। उनकी कल्याणकारी योजनाएं जैसे लाडली लक्ष्मी योजना और भवंतर भुगतान योजना उन्हें खासतौर पर महिलाओं, ओबीसी समुदाय और किसानों के बीच लोकप्रिय बनाती हैं।

1972 में 13 साल की उम्र में आरएसएस से जुड़ने के बाद, उन्होंने 1990 में बुधनी से विधानसभा चुनाव जीता और 1991 से 2005 तक विदिशा लोकसभा सीट से सांसद रहे। 2024 के लोकसभा चुनावों में वे विदिशा से 8,21,408 वोटों के भारी अंतर से जीते। यह जनाधार और संगठन कौशल भाजपा में उनकी दावेदारी को मजबूत करता है।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद में जातिगत संतुलन हमेशा अहम रहा है। इस समय देश के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आदिवासी समुदाय से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी समुदाय से और उपराष्ट्रपति उम्मीदवार भी ओबीसी हैं। इस लिहाज से भाजपा को सामान्य वर्ग से एक मजबूत नेता की दरकार है, लेकिन
शिवराज सिंह चौहान जो किरार (OBC) समुदाय से हैं, बावजूद इस समीकरण को और भी मजबूत करते हैं।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ 25 अगस्त 2025 को हुई लंबी मुलाकात ने भी शिवराज का नाम और मजबूत किया है। सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन पर चर्चा हुई और आरएसएस ने पूरी सहमति जताई।

अनुभव, संगठन कौशल, जनाधार, कल्याणकारी छवि और आरएसएस के समर्थन के कारण शिवराज सिंह चौहान इस पद के लिए सबसे उपयुक्त माने जा रहे हैं। दूसरी तरफ धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावड़े, भूपेंद्र यादव और किशन रेड्डी जैसे नाम भी चर्चा में हैं, लेकिन वे चौहान के मुकाबले कम प्रबल हैं।

मौजूदा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो चुका है। उनकी नई जिम्मेदारियों के कारण पार्टी अब नए अध्यक्ष नियुक्ति की प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है।

बीजेपी की रणनीति है कि वे जल्दी से जल्दी अध्यक्ष नियुक्त कर बिहार चुनाव और आगामी लोकसभा चुनाव के लिए संगठन को मजबूत करें। श्राद्ध पक्ष से पहले यानी सितंबर की पहली हफ्ते में नियुक्ति की संभावना है ताकि अध्यक्ष जनता के बीच जाकर चुनावी रणनीति तैयार कर सकें।

शिवराज सिंह चौहान ने अभी इस बारे में साफ शब्दों में जवाब देने से बचते हुए कहा है कि उनका पूरा फोकस कृषि और किसानों पर है, और अध्यक्ष पद के बारे में सोच अभी दूर की बात है। उनका यह समर्पण और जुड़ाव जनता के बीच उनकी लोकप्रियता का बड़ा कारण है।

हालांकि, चौहान की संभावित नियुक्ति भाजपा के लिए एक संतुलित और सोचा-समझा निर्णय है जो संगठन को मजबूत करने के साथ ही जातीय व क्षेत्रीय समीकरणों को भी स्थापित रखेगा।