Shivraj Will Contest Elections : बुधनी की जनता के कहने पर शिवराज चुनाव लड़ेंगे!

संशय के बीच शिवराज ने जनता से चुनाव लड़ने का पूछा, जनता ने कहा 'हां!'

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Shivraj Will Contest Elections : बुधनी की जनता के कहने पर शिवराज चुनाव लड़ेंगे!

Bhopal : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान विधानसभा लड़ेंगे या नहीं, इस बात को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ था। यह आशंका भी जताई जा रही थी कि शायद उन्हें लोकसभा की विदिशा सीट से चुनाव मैदान में उतारकर प्रदेश की राजनीति से अलग रखा जाए। ऐसे समय में उन्होंने गृह विधानसभा बुधनी की जनता से ही पूछ लिया कि मैं चुनाव लड़ूं या नहीं! इसके जवाब में जनता ने हाथ उठाकर ‘हां’ कहा।

शिवराज सिंह चौहान के इस सवाल और उन्हें मिले जवाब के बाद राजनीतिक माहौल में हलचल हो गई। इसलिए कि जिस तरह विधानसभा चुनाव की कमान पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने अपने हाथ में ले रखी है और सारे फैसले वहीं से हो रहे हैं, शिवराज के इस नए हथकंडे से पार्टी के वे नेता हतप्रभ हो गए, जो उन्हें हाशिए पर देखकर खुश हो रहे थे।

बुधनी विधानसभा के सातदेव गांव में जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने जनता से पूछा कि वे इस बार का चुनाव लड़ें या नहीं लड़ें! जनता की तरफ से तत्काल ‘हां’ में जवाब आया। वे सातदेव में पातालेश्वर महादेव मंदिर के जीर्णोद्धार कार्यक्रम में हुए शामिल हुए थे। उन्होंने क्षेत्र के अन्य मंदिरों के जीर्णोद्धार का भी शिलान्यास किया। जब मीडिया ने शिवराज सिंह चौहान से चुनाव लड़ने को लेकर सवाल किया, तो उन्होंने कहा कि जब आप चुनाव लड़ते हैं तो जनता की राय बहुत जरूरी होती है। जब जनता ने कह दिया है, तो जरूर चुनाव लड़ेंगे।

उन्होंने कहा कि मैं भाग्यशाली हूं कि एक साथ इतने मंदिरों की सेवा का सौभाग्य मिला। उज्जैन में महाकाल लोक बनाया, सलकनपुर में देवी लोक, चित्रकूट में राम वन गमन पथ और अब अमरकंटक में नर्मदा लोग बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यही कामना है कि यह शरीर जितने दिन रहे उतने दिन जनता की सेवा में लगें।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चार दिन पहले भी बुधनी में भावुक हो गए थे। लाडक़ुई में लाडली बहनों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा था ‘बहनों मैंने सरकार नहीं परिवार चलाया है! मेरे नहीं रहने पर मैं बहुत याद आऊंगा।’ शिवराज के इस बयान के बाद विपक्ष ने उन्हें निशाने पर लिया था।

भाजपा के विधानसभा उम्मीदवारों की अब तक दो लिस्ट जारी की गई, जिसमें 79 के नाम है, पर शिवराज सिंह की उम्मीदवारी की घोषणा नहीं हुई। इस सूची को देखकर साफ़ नजर आया कि विधानसभा उम्मीदवारों के नामों को फ़ाइनल करने में प्रदेश के नेताओं की नहीं चल रही! जो नेता प्रदेश की राजनीति में सक्रिय होकर प्रचार में उतरना चाहते थे, उन्हें भी कहीं न कहीं से उम्मीदवारी सौंप दी गई।