Shocking Case:डॉग लवर को 2 साल पहले काटा था कुत्ते ने, रेबीज से हुई दर्दनाक मौत

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Shocking Case:डॉग लवर को 2 साल पहले काटा था कुत्ते ने, रेबीज से हुई दर्दनाक मौत

Chennai: तमिलनाडु के चेन्नई से सटे क्षेत्र से सामने आया एक मामला लोगों के लिए गंभीर चेतावनी बन गया है। यहां कुत्तों से बेहद लगाव रखने वाले एक युवक की रेबीज संक्रमण से मौत हो गई, जबकि उसे कुत्ते ने करीब दो साल पहले काटा था। लंबे समय बाद सामने आए इस संक्रमण ने न सिर्फ परिवार बल्कि चिकित्सा जगत को भी चौंका दिया है।

 

*▪️कुत्तों से लगाव बना जानलेवा*

▫️मृतक युवक आवारा कुत्तों की देखभाल करता था और उन्हें नियमित रूप से खाना खिलाता था। स्थानीय लोग उसे डॉग लवर के नाम से जानते थे। करीब दो साल पहले एक आवारा कुत्ते ने उसे काट लिया था, लेकिन उसने इसे मामूली चोट मानकर नजरअंदाज कर दिया। न तो उसने समय पर एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाए और न ही चिकित्सकीय परामर्श लिया।

 

*▪️दो साल बाद अचानक बिगड़ी हालत*

▫️घटना के लगभग दो साल बाद युवक की तबीयत अचानक बिगड़ने लगी। उसे तेज बुखार, बेचैनी और असामान्य लक्षण दिखाई देने लगे। हालत गंभीर होने पर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां जांच के दौरान रेबीज संक्रमण की पुष्टि हुई। डॉक्टरों के अनुसार बीमारी उस अवस्था में पहुंच चुकी थी जहां इलाज के विकल्प बेहद सीमित रह जाते हैं।

 

*▪️इलाज के दौरान मौत*

▫️युवक को बेहतर इलाज के लिए बड़े अस्पताल में रेफर किया गया, लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद उसकी जान नहीं बचाई जा सकी। डॉक्टरों ने बताया कि रेबीज एक ऐसी बीमारी है, जिसमें लक्षण सामने आने के बाद मृत्यु दर लगभग सौ प्रतिशत मानी जाती है। यही वजह है कि समय पर टीकाकरण ही इसका एकमात्र प्रभावी बचाव है।

 

▫️चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि रेबीज वायरस का ऊष्मायन काल कुछ हफ्तों से लेकर कई महीनों और कुछ दुर्लभ मामलों में वर्षों तक भी हो सकता है। इसी कारण यह मामला बेहद गंभीर माना जा रहा है। कुत्ते के काटने के तुरंत बाद अगर पूरा एंटी रेबीज कोर्स लिया गया होता, तो युवक की जान बचाई जा सकती थी।

*▪️स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी*

▫️इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि किसी भी जानवर के काटने की घटना को हल्के में न लें। चाहे घाव छोटा हो या दर्द कम हो, तुरंत घाव को धोकर चिकित्सकीय सलाह लेना और एंटी रेबीज टीकाकरण कराना अनिवार्य है। विशेष रूप से बच्चों और पशु प्रेमियों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत है।

*▪️समाज के लिए बड़ा सबक*

▫️यह मामला स्पष्ट करता है कि पशु प्रेम और मानवीय संवेदना के साथ साथ स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी उतनी ही जरूरी है। थोड़ी सी लापरवाही वर्षों बाद जानलेवा साबित हो सकती है। समय पर इलाज ही रेबीज जैसी घातक बीमारी से बचाव का एकमात्र रास्ता है।