Shoddy Construction of MP Bhawan : दिल्ली के MP भवन के निर्माण में कई खामियां, लापरवाही सामने आई!
New Delhi : दिल्ली में बनाए गए नवनिर्मित मध्यप्रदेश भवन को लेकर आवासीय आयुक्त पंकज राग ने उंगली उठाई है। उन्होंने मध्यप्रदेश लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को एक पत्र लिखकर भवन सारी खामियों से अवगत कराया। उन्होंने पाया कि भवन के कमरों में उपयोग किए गए विद्युत उपकरण भी निर्धारित मापदंड के नहीं हैं। सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात ये कि भवन के हस्तांतरण (टेकओवर) से पहले ये खामियां मध्य प्रदेश भवन के गैर तकनीकी अधिकारियों / कर्मचारियों ने पाई, जबकि NBCC जैसी नोडल एजेंसी ने सब कुछ ठीक पाया। आवासीय आयुक्त ने इसकी जांच किसी किसी स्वतंत्र एजेंसी से करवाने का अनुरोध किया है।
मध्य प्रदेश भवन के आवासीय आयुक्त पंकज राग ने नई दिल्ली में नवनिर्मित मध्य प्रदेश भवन के निरीक्षण के लिए लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को एक पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने लिखा कि नवनिर्मित मध्य प्रदेश भवन के निर्माण के बाद भवन के हस्तांतरण के संबंध में एक मीटिंग 14 जून को भोपाल में हुई थी। बैठक की कार्रवाई के विवरण के बिंदु-तीन के अनुसार अपर मुख्य सचिव ने जो निर्देश दिए, वे वह इस प्रकार हैं।
नवनिर्मित मध्य प्रदेश भवन का निर्माण परियोजना में शासन द्वारा NBCC को नोडल एजेंसी बनाया गया था। इस परियोजना में NBCC को भवन निर्माण के कार्य के सुपरविजन तथा पीएमसी संबंधी सेवाओं के लिए 7% सर्विस चार्ज देना सुनिश्चित किया गया था। NBCC द्वारा कार्यों का उनके स्तर से सुपरविजन करने के बाद सभी निर्माण निर्धारित स्पेसिफिकेशन के अनुसार पाए जाने एवं सभी फिटिंग एवं उपकरण निर्धारित गुणवत्ता और ब्रांड के अनुसार होने का सत्यापन किया गया।
आवासीय आयुक्त ने अपने पत्र में लिखा कि इसके बाद मध्य प्रदेश भवन के अधिकारियों और कर्मचारियों ने भवन के हस्तांतरण (टेकओवर) से पहले जब निरीक्षण किया, प्रत्येक कमरे में अधिकांश विद्युत उपकरणों एवं फिटिंग में निर्धारित स्पेसिफिकेशन के अनुसार कार्य होना नहीं पाया गया। कुछ फिटिंग निर्धारित ब्रांड एवं गुणवत्ता के अनुसार नहीं मिली। लूज इलेक्ट्रिकल वायरिंग, बिना इंस्टॉलेशन के एसी डक, बिना इंस्टालेशन के गर्म पानी की पाइप, बेसमेंट में बाथरूम पानी की सम्पलाइन में सीपेज पाया जाना आदि खामियां सामने आई हैं।
कुछ-कुछ जगह रनिंग पाइप में भी परिवर्तन किया गया। अर्थात कुछ लंबाई में लोहे की पाइप है, बीच-बीच में पीवीसी अथवा प्लास्टिक के पाइप जोड़ दिए गए। यह निर्धारित स्पेसिफिकेशन के विरुद्ध है। आईबीएमएस सिस्टम में संपूर्ण कमरों के एक टेलीफोन, फायर फाइटिंग सीसीटीवी इलेक्ट्रिक पैनल आदि की फीड प्रोवाइड नहीं की गई। पूछने पर बताया गया कि आईबीएमएस में इसका प्रावधान नहीं किया गया था।
मध्य प्रदेश भवन के तकनीकी सलाहकार एवं अन्य अधिकारियों के द्वारा भी इस बाबत संतोषजनक एवं समाधान कारक उत्तर नहीं दिया गया। इससे स्पष्ट होता है कि NBCC ने निर्माण का सुपरविजन न तो निर्माण के समय ठीक से किया और न उसके बाद हैंडओवर करने के पूर्व। ऐसे में यह स्वीकार किया जाना अत्यंत मुश्किल प्रतीत होता है, कि जहां एक और मध्य प्रदेश भवन के गैर तकनीकी अधिकारी / कर्मचारी द्वारा इतनी गंभीर कमियां होना नवनिर्मित भवन में पाई गई वहीं NBCC जैसी नोडल एजेंसी के तकनीकी और विषय विशेषज्ञ अधिकारियों और कर्मचारियों ने सब कुछ ठीक पाया। इससे स्पष्ट रूप से उद्धृत होता है कि NBCC के द्वारा सुपरविजन का कार्य अत्यधिक लापरवाही से किया गया। उनके द्वारा जानबूझकर निर्माण की कमियों को छिपाया जा रहा है।
पत्र में लिखा गया कि नवनिर्मित मध्य प्रदेश भवन को टेकओवर करने से पूर्व किसी स्वतंत्र की विशेषज्ञ एजेंसी से निरीक्षण के पश्चात विस्तृत रिपोर्ट प्राप्त किया जाना अत्यावश्यक हो गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भवन निर्माण निर्धारित गुणवत्ता एवं मापदंड के अनुसार किया गया है और इसमें उपयोग में लाए गए सभी फिक्सचर, उपकरण एवं अन्य सामग्री अच्छे ब्रांड एवं गुणवत्ता के उपयोग में लिए गए हैं।
पंकज राज ने लिखा है कि अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशों के अनुक्रम में नवनिर्मित भवन का लोक निर्माण विभाग अथवा लोक निर्माण विभाग के अधीनस्थ किसी एजेंसी पीयू एमपीआरडीसी इत्यादि के दल द्वारा निरीक्षण करवाकर उपरोक्त के संदर्भ में इस कार्यालय को प्रतिवेदन उपलब्ध कराया जाने का अनुरोध किया जाता है।
प्राप्त जानकारी अनुसार NBCC की इन्हीं कमियों और लापरवाही के कारण कुछ दिनों पहले निर्माण का अंतिम भुगतान भी रोक दिया गया है।