श्री शंखेश्वर, पार्श्वनाथ सहित राजस्थान, गुजरात की पंचतीर्थ यात्रा में 31 दिसंबर को!

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श्री शंखेश्वर, पार्श्वनाथ सहित राजस्थान, गुजरात की पंचतीर्थ यात्रा में 31 दिसंबर को!

जावरा : श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथाय नमः के मंगलमय उद्घोष के साथ जैन धर्म की पावन परंपरा को साकार करती श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ पंचतीर्थ यात्रा का आयोजन श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ किया जा रहा है। यह पंचतीर्थ यात्रा श्रद्धालुओं के लिए धर्म, तप, साधना और आत्मिक शांति का अनुपम अवसर प्रदान करेगी। यात्रा का शुभारंभ 31 दिसंबर 25, बुधवार को रतलाम से शाम 7:00 बजे होगा। यात्रा के दौरान श्रद्धालु रणकपुर, नाकोडाजी, पावापुरी, राधनपुर, शंखेश्वर, जीरावाला पारसनाथ, श्री घंटाकर्ण महावीर आदि प्रमुख जैन तीर्थ स्थलों के दर्शन-वंदन, सेवा-पूजा तीर्थ स्थानों पर विराजित आचार्य, संत-समुदाय व साध्वीगणों के दर्शन एवं मधुर व मांगलिक का लाभ भी प्राप्त करेंगे।

 

हितेश अर्चना, सुराणा ने बताया कि नव वर्ष 1 जनवरी 2026 को श्रद्धालु रणकपुर तीर्थ में दर्शन-वंदन करेंगे, दोपहर में फालना, स्वर्ण मंदिर जालोर होते हुए नाकोड़ा जी पहुंचकर रात्रि विश्राम किया जाएगा। 2 जनवरी को नाकोड़ा जी में सेवा पूजा एवं दर्शन के बाद भीनमाल, पावापुरी के तीर्थ दर्शन कर जिरावालाजी में रात्रि विश्राम होगा। 3 जनवरी को राधनपुर स्थित श्री पार्श्वनाथ धाम के दर्शन के पश्चात शंखेश्वर पहुंचकर पार्श्व पद्मावती शक्तिपीठ में आराधना की जाएगी। 4 जनवरी को शंखेश्वरजी से प्रस्थान कर महुड़ीजी में दर्शन एवं आरती उपरांत रतलाम स्थित बिबडौद दादा आदिनाथ के दरबार में दर्शन वंदन कर परस्पर उत्तम क्षमा के साथ फिर मिलेंगे जल्दी की भावनाओं के साथ विदाई दी जाएगी। यात्रा के दौरान सेवा पूजा, दर्शन-वंदन, धार्मिक अनुशासन एवं सामूहिक साधना का विशेष ध्यान रखा गया है। इस संपूर्ण पंचतीर्थ यात्रा के लाभार्थी लालचंद एवं दिलीप सुराणा परिवार हैं। जिनके सहयोग से यह पावन आयोजन संपन्न हो रहा है। अर्चना, हितेश सुराणा ने यात्रा में चल रहें यात्रियों से अपील की हैं कि इस धार्मिक और आध्यात्मिक यात्रा का लाभ लें तथा जैन धर्म की समृद्ध परंपरा को आत्मसात करें!