SI Misled Additional SP : सब इंस्पेक्टर ने एडिशनल एसपी को गुमराह कर कोर्ट के आदेश की अवहेलना की!

एडिशनल एसपी ने कोर्ट ने अपना पक्ष रखा, उसके बाद मामला खत्म हुआ!

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SI Misled Additional SP : सब इंस्पेक्टर ने एडिशनल एसपी को गुमराह कर कोर्ट के आदेश की अवहेलना की!

Ratlam : शहर की स्टेशन रोड पुलिस द्वारा 6-अगस्त-2024 को आरोपी फिरोज खान पिता ईशान एवं अमन खान के विरुद्ध धारा 420,406 भारतीय दण्ड संहिता का प्रकरण दर्ज किया गया था। मामले में अमन पिता अमजद खान निवासी आनन्द कालोनी द्वारा जिला सत्र न्यायालय में अग्रीम जमानत याचिका प्रस्तुत की थी जिस पर दिनांक 13-सितम्बर-2024 को पीठासीन अधिकारी विशेष सत्र न्यायाधीश ने अमन को 25 हजार की अग्रिम जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे। जिसके पालन में अमन ने प्रकरण के अनुसंधान अधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर 25 हजार रुपए की जमानत पेश कर दी थी जिस पर उसे रिहा कर दिया गया था।

इसके बाद आरोपी से रुपए ऐंठने के मंतव्य से सब-इंस्पेक्टर हटीला द्वारा प्रकरण में धारा 409 का इजाफा किया गया उसके बाद फरियादी द्वारा जमानत निरस्त करने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया था। जिसे विशेष सत्र न्यायाधीश ने दिनांक 10-जनवरी-2025 को निरस्त करते हुए पुलिस को निर्देशित किया की आरोपी अमन की गिरफ्तारी नहीं की जाएं।

सब-इंस्पेक्टर प्रेम कुमार हटीला ने प्रकरण के सारे तथ्यों को वरिष्ठ अधिकारियों से छुपाकर चालान पेश करते समय जिला अभियोजन अधिकारी से चालान पास कराए बिना एडिशन एसपी राकेश खाखा से आरोपी अमन को दिनांक 6-फरवरी-2025 से पन्द्रह दिनों के अन्दर गिरफ्तार करने का आदेश प्राप्त कर लिया और इस आदेश के माध्यम से सब-इंस्पेक्टर हटीला अमन से रूपयों की मांग करने लगा। जिस पर अमन खान ने विशेष सत्र न्यायाधीश के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर उक्त समस्त तथ्य न्यायालय के समक्ष रखें थे जिस पर न्यायालय द्वारा कारण बताओ नोटिस एडिशनल एसपी राकेश खाखा को भेजा था की वे दिनांक 24-फरवरी-2025 को व्यक्तिगत उपस्थित होकर उत्तर दें कि क्योंना उन पर न्यायालय की अवमानना की कार्रवाई की जाएं।

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जिस पर एडिशनल एसपी राकेश खाखा ने न्यायालय में स्वयं हाजिर हुए और न्यायमूर्ति से निवेदन किया की उन्हें न्यायालय के आदेश के बारे में सब-इंस्पेक्टर हटिला ने नहीं बताया था तथा वे न्यायालय के आदेश का अक्षरशः पालन करने को तैयार हैं। जिस पर न्यायालय ने कार्यवाही को समाप्त कर दिया।

ऐसे में सब-इंस्पेक्टर प्रेम हटिला की मनमानी यहां भी स्पष्ट होती हैं की उन्होंने बिना अभियोजन अधिकारी से चालान पास कराए बगैर न्यायालय में चालान पेश कर दिया। और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा 20-फरवरी-25 एवं 23-फरवरी-25 को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया था कि उक्त प्रकरण में धारा 409 क्यों बढ़ाई? जबकि आपने इसके सम्बन्ध कोई विधिक राय भी प्राप्त नहीं की जबकि नियमानुसार चालान जिला अभियोजन अधिकारी से पास कराकर न्यायालय में पेश किया जाता है!