Sick Leopard Brought to Indore : जिस तेंदुए के साथ लोगों ने सेल्फी ली, उसे इंदौर लाया गया!
Indore : देवास जिले से बचाए जाने के बाद इंदौर में बुधवार को गंभीर हालत में भर्ती कराया गया। डॉक्टर लगातार उसकी निगरानी कर रहे हैं। ये तेंदुआ मस्तिष्क के संदिग्ध विकार से पीड़ित बताया जा रहा है। चिड़ियाघर के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। बीमार तेंदुए से ग्रामीणों की भीड़ के असंवेदनशील और दुस्साहस भरे बर्ताव के वीडियो पहले ही सामने आ चुके हैं। इनमें ग्रामीण इस वन्य जीव को छूकर तस्वीरें लेते और उसकी पीठ पर चढ़कर सवारी की कोशिश तक करते नजर आ रहे हैं।
इंदौर के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय के प्रभारी डॉ उत्तम यादव ने बताया कि वन विभाग ने करीब 10 साल की आयु वाले नर तेंदुए को देवास जिले के ग्रामीण क्षेत्र से बचाकर इस चिड़ियाघर के अस्पताल में भर्ती कराया। गंभीर रूप से बीमार तेंदुए का शरीर अकड़ रहा है और उसे हर 20 मिनट में झटके आ रहे हैं। पहली नजर में हमें लगता है कि वह मस्तिष्क से जुड़े किसी विकार से पीड़ित है।
चिड़ियाघर प्रभारी ने बीमार तेंदुए के साथ ग्रामीणों के असंवेदनशील बर्ताव पर कहा कि ग्रामीणों का यह बर्ताव और दुस्साहस चिंताजनक है। अगर तेंदुआ उन पर हमला कर देता, तो उनकी जान खतरे में पड़ सकती थी।
देवास में वन विभाग के खिवनी अभयारण्य के अधीक्षक विकास माहोरे ने बताया कि तेंदुए को इंदौर से करीब 80 किलोमीटर दूर इकलेरा गांव से मंगलवार को बचाया गया था। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को ताकीद की जाएगी कि वे कभी भी किसी बीमार वन्य जीव के नजदीक न जाएं। क्योंकि, इससे उनकी जान खतरे में पड़ सकती है।
परेशान किए जाने के बावजूद गुर्राया भी नहीं
पशु चिकित्सकों ने उसका इलाज शुरू किया है और उसे 24 घंटे की निगरानी में रखा गया है। डॉक्टरों के मुताबिक, ग्रामीणों के परेशान किए जाने के बावजूद तेंदुआ न तो उन पर गुर्राया, न ही कोई प्रतिरोध किया। यह बेहद चौंकाने वाली बात है। क्योंकि विडाल वंशी जीव कितने भी बीमार और कमजोर क्यों न हो जाएं, वे मुसीबत में पड़ने पर प्रतिरोध का अपना मूल स्वभाव कभी नहीं छोड़ते।