सिमी के संदिग्ध मिले थे रजा की मिल से, बढ़ सकती हैं नई मुश्किलें

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नवाब रजा के यहां आयकर छापा, सिपाही से अरबपति बनने और टैक्स चोरी के खुलासे से हैरान है आयकर टीम

भोपाल:  रियल एस्टेट और शुगर के कारोबार के जरिये सरकार की करोड़ों की टैक्स चोरी करने वाले नवाब रजा की मुश्किलें टैक्स चोरी के अलावा अन्य गतिविधियों में भी बढ़ सकती हैं। आयकर विभाग के अफसर उसके विरुद्ध टैक्स चोरी का एनालिसिस कर रहे हैं लेकिन अब तक उनसे टैक्स चोरी के मामले में एक भी रुपए सरेंडर करने की बात नहीं स्वीकार की है। उधर रजा के लिए मुश्किल बढ़ाने वाली जो नई बात सामने आ रही है वह यह है कि वर्ष 2008 में रजा की मिल से सिमी के संदिग्ध पकड़े गए थे। सिपाही से करोड़पति बने रजा की कमाई के स्त्रोत के साथ अब जांच एजेंसियां उसके सिमी कनेक्शन की भी जांच कर सकती हैं। गौरतलब है कि अप्रैल 2008 में मिल परिसर से राजस्थान पुलिस ने सिमी के संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया था।

16 ठिकानों पर हुई थी छापेमारी
आयकर विभाग ने नवाब रजा के महाकौशल के नाम पर संचालित रियल एस्टेट कारोबार, शुगर मिल व अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी। सोलह ठिकानों पर की गई छापेमारी में जबलपुर के थोक शक्कर विक्रेता भरत चिमनानी और सुरेश हथवानी भी जांच के दायरे में आए हैं। इन सबके यहां करोड़ों की ज्वैलरी, नकदी और बोगस कम्पनियों के दस्तावेज के साथ भारी मात्रा में रजिस्ट्री बरामद की गई थी।