SIR: भोपाल में हुजूर विधानसभा सबसे बेहतर, गोविंदपुरा की स्थिति सबसे पीछे

- तकनीकी खामियों में उलझी एप से इंट्री, बीएलओ और प्रशासनिक अधिकारी हो रहे हैं परेशान

112

SIR: भोपाल में हुजूर विधानसभा सबसे बेहतर, गोविंदपुरा की स्थिति सबसे पीछे

भोपाल : राजधानी में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत मतदाता सूची पुनरीक्षण 4 नवंबर से शुरू है, लेकिन अब तक इस काम ने जिले में रफ्तार नहीं पकड़ी है। हालात ये हैं कि अब तक लगभग 15 प्रतिशत गणना पत्रक ही डिजिटाइज हो सके हैं। इसके पीछे तकनीकी खामियां नजर आ रही हैं। एप के द्वारा सही काम नहीं हो पाने, एंट्री नहीं हो पाने के कारण लोगों को परेशानियां उठानी पड़ रही है। वहीं, दूसरी तरफ भोपाल जिले में सबसे ज्यादा गणना पत्रक बांटने और डिजिटाइज का काम हुजूर विधानसभा में हुआ है। यहां पर करीब 16 प्रतिशत से अधिक गणना पत्रक डिजिटाइज हो चुके हैं। वहीं, सबसे खराब स्थिति गोविंदपुरा विधानसभा में देखी जा रही है।

गोविंदपुरा एसडीएम क्षेत्र में अब तक केवल 9 प्रतिशत गणना पत्रक ही डिजिटाइज हो सके हैं। इससे यहां का काम सबसे ज्यादा पिछड़ा हुआ है। जिले में यह काम 4 दिसंबर तक पूरा किया जाना है। ऐसे में यह काम तय समय में पूरा होते नहीं दिख रहा है।

कलेक्टर रोजाना कर रहे समीक्षा, खुद कर रहे हैं निरीक्षण
SIR में जिले की स्थिति कमजोर होने के कारण तकनीकी खामियां हैं। फिर भी इस मामले में कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह लगातार सभी विधानसभाओं में खुद निरीक्षण और समीक्षा कर रहे हैं। वे सभी कर्मचारियों/अफसरों और बीएलओ से खुद बातचीत कर रहे हैं, ताकि यह काम जल्द से जल्द पूरा हो सके। बताया जा रहा है कि बीएलओ एप की तकनीकी खामियों ने सिस्टम सुस्त कर दिया है। भारत निर्वाचन आयोग एप अपडेट का दावा कर रहा, मगर जमीनी स्थिति यह है कि भोपाल में 20 लाख से ज्यादा गणना पत्रक बांटने के बाद भी अब तक 15 फीसदी फॉर्म ही डिजिटल स्कैन हो पाए हैं। इसलिए भोपाल की स्थिति प्रदेश के बड़े जिलों में संतोषजनक नहीं मानी जा रही। सबसे बड़ी चुनौती 25 लाख से अधिक वोटर्स के साल 2003 के ब्लड रिलेशन रिकॉर्ड खंगालने की है, जो एप में सर्च नहीं हो पा रहे। कई बीएलओ के अनुसार एप दिनभर हैंग या बार-बार लॉगआउट होता है।