सिर चढ़कर बोलती थी ‘देव’ के प्रति दीवानगी

1002
 देव आनंद एक ऐसे स्टार थे, जिनकी दुनिया दीवानी थी। उन्हें रोमांस किंग के नाम से लोकप्रिय थे। अपनी डायलॉग डिलीवरी, अदाकारी और लुक्स की वजह से वे बहुत पॉपुलर थे। लड़कियां तो उनकी एक झलक पाने के लिए बेताब रहती थीं। लेकिन, देव आनंद का स्टारडम ज्यादा लंबा नहीं चला। लेकिन, जिस कदर उस छोटे से दौर में लोगों ने उन्हें चाहा, उन्हें लेकर जो दीवानगी थी, वैसी आज कल के किसी अभिनेता को नसीब नहीं हो सकती। देव आनंद सिर्फ एक्टर नहीं थे। वे निर्देशक भी थे, निर्माता भी थे और फिल्मों की कहानी भी गढ़ते थे। उन्हें संगीत की समझ थी और सबसे खास बात ये कि वे समय से आगे सोचने की क्षमता रखते थे। उनकी एक्टिंग के अंदाज ने उन्हें हमेशा अपने समकालीन कलाकारों की भीड़ से अलग रखा। लेकिन, तारीफ के साथ देव आनंद को आलोचना भी बहुत मिली। उन पर उंगली उठाई गई और कहा गया कि अब तो देव आनंद को काम छोड़ देना चाहिए। एक दौर वो भी था, जब उनके गर्दन झुकाने के अंदाज और काली पैंट-शर्ट लड़कियों को बेहोश कर देता था। उन दिनों सफेद शर्ट पर काला कोट पहनने का स्टाइल बहुत ट्रेंड हुआ! लेकिन, इसके बाद कुछ ऐसा हुआ कि देव आनंद के काला कोट पहनने पर ही रोक लगा दी गई।
   इस सुपरस्टार की इतनी फैन फॉलोइंग इतनी थी, कि हर टॉकीज का शो फुल हो जाता था। धूप में घंटों खड़े होकर दर्शक टिकट लेते। देव आनंद की ‘जॉनी मेरा नाम’ जब रिलीज हुई, तो फर्स्ट डे फर्स्ट शो के लिए भीड़ टूट पड़ी। जमशेदपुर के एक टॉकीज के बाहर तो टिकट के लिए गोलियां तक चल गई थीं। ये घटना बताती है कि देव आनंद की लोकप्रियता किस कदर हावी थी। 50 और 60 के दशक में हिंदी फिल्मों में अभिनेताओं की जिस तिकड़ी का नाम आता है, उनमें दिलीप कुमार, राज कपूर के अलावा तीसरा नाम देव आनंद का ही है। इन तीनों कलाकारों ने दर्शकों के लिए अलग अलग स्वाद की फिल्में बनाईं। सिनेमा ने भी इनकी एक अलग छवि बनाई। दिलीप कुमार को ट्रेजेडी किंग कहा गया, राज कपूर को शोमैन तो देव आनंद को रोमांस का बादशाह। देव आनंद ने अपनी जिंदगी तो बनाई ही, कई और लोगों को भी अपने साथ मिलाकर मशहूर बनाया।
Dev Anand Birthday Actor Ban On Wearing Black In Public Life Married With Kalpna Karthik - Dev Anand Birth Anniversary: सुरैया से प्यार करते थे देवानंद, इस वजह से नहीं हुई शादी,
    देव आनंद को अपने समयकाल का सबसे हैंडसम कलाकार माना जाता था। वे उस दौर में सफल अभिनेता भी थे। चाहने वालों की उनके प्रति दीवानगी का आलम या था कि लड़के उनकी हर स्टाइल की नक़ल करते और लड़कियां उन्हें देखकर अपने होश खो बैठती थी। यूं तो देव आनंद को सभी पसंद करते थे मगर रियल लाइफ में लड़कियां उन पर जान छिड़कती थीं। कहा जाता है कि जब देव आनंद काले कपड़े पहनकर निकलती थीं तो लड़कियां उनकी एक झलक पाने के लिए बिल्डिंग से कूदने को भी तैयार हो जाती थीं। कहा जाता है कि देव आनंद की एक फैन ने उन्हें ब्लैक सूट में देख लिया था। इसके बाद वह फैन देव आनंद के पीछे इतनी पागल हो गई थी कि उसने अपनी जान दे दी थी। इस खबर में सच्चाई हो या नहीं, मगर किसी एक्टर के लिए ऐसी दीवानगी के किस्से कम ही सुनने को मिले। देव आनंद को ब्लैक सूट में देखकर लड़कियां तो पागल हो जाती थीं। इसलिए उनसे गुजारिश की गई थी, कि वे सार्वजनिक जगहों पर काले कपड़े या सूट पहनकर नहीं निकलें।
Dev Anand's 10 best evergreen songs that should be on every generation's playlist | Celebrities News – India TV
      झुक-झुककर संवाद अदायगी का उनका खास अंदाज हो या फिर उनकी फीमेल फैन्स की बात! देव आनंद अपने समकालीन कलाकारों में हमेशा अलग ही थे। बॉलीवुड में कितने ही हीरो आए और चले गए, लेकिन देव आनंद जैसे कुछ ही हैं, जिनके बिना हिंदी फिल्मों का इतिहास पूरा नहीं हो सकता। अपने दौर में रूमानियत और फैशन आइकन रहे देव आनंद को लेकर कई किस्से मशहूर हैं। हिंदी सिनेमा में करीब छह दशक तक दर्शकों पर अपनी अदाकारी और रूमानियत का जादू बिखेरने वाले अभिनेता देव आनंद को एक्टर बनने के लिए भी कई पापड़ बेलने पड़े। उन्होंने 1942 में लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में अपनी शिक्षा पूरी की। वे आगे भी पढ़ना चाहते थे, लेकिन पिता की हैसियत नहीं थी। पिता ने कहा कि यदि वे आगे पढ़ना चाहते हैं, तो नौकरी कर लें। यहीं से उनका फ़िल्मी सफर भी शुरू हो गया। 1943 में जब वे मुंबई पहुंचे, तब उनके पास कोई ठिकाना नहीं था। देव आनंद ने मुंबई में रेलवे स्टेशन के पास सस्ते होटल में कमरा किराए पर लिया। उनके साथ तीन लड़के और रहते थे, जो फिल्मों में काम करना चाहते थे। देव आनंद को अशोक कुमार की फिल्म ‘अछूत’ इतनी पसंद आई थी कि उन्होंने एक्टर बनने की ठान ली। इसके बाद अशोक कुमार ने ही देव आनंद को फिल्म ‘जिद्दी’ में ब्रेक दिया था।
Dev Anand Filmography, Movies List, Box Office Collection with HIT or Flop Verdict - Boxofficeindia, Box Office India, Box Office Collection, Bollywood Box Office, Bollywood Box Office
    रिश्ते निभाने में भी देव आनंद की कोई जोड़ नहीं थी। वे गुरुदत्त के बहुत अच्छे दोस्त थे। इसी दोस्ती के साथ देव आनंद और गुरुदत्त के बीच एक समझौता हुआ कि देव आनंद अपनी फिल्मों में गुरुदत्त को निर्देशक बनाएंगे और यदि गुरुदत्त कोई फिल्म निर्देशित करते हैं,तो उन फिल्मों में देव आनंद ही हीरो होंगे। इस वादे को निभाते हुए देव आनंद और गुरुदत्त ने कई फिल्मों में एक साथ काम किया।1951 में आई ‘बाजी’ से गुरुदत्त ने निर्देशन की शुरुआत की। वे खुद बहुत हुनरमंद थे, इसलिए आगे चलकर वे जबरदस्त कलाकार और निर्देशक बनकर सामने आए। दोनों का रिश्ता सिर्फ यहीं ख़त्म नहीं हुआ। राज खोसला को देव आनंद ने ही गुरुदत्त के सहायक निर्देशक के रूप में नियुक्त किया था। जब राज खोसला ने अपनी पहली फिल्म बनाई तो उसमें उन्होंने देव आनंद ही हीरो बने। राज खोसला के निर्देशन में बनी पहली पांच फिल्मों मिलाप, सीआईडी, कालापानी, सोलवां साल और बंबई का बाबू के हीरो देव आनंद ही थे।
Happy Birthday Dev Anand: ये हैं देव आंनद के वो किस्से, जो बताते हैं एक्टर के
    देव आनंद की पहचान रोमांटिक हीरो के रूप में थी, पर उनकी निजी जिंदगी में उन्हें वो प्यार नहीं मिला, जो उनकी चाहत थी। देव आनंद और सुरैया की प्रेम कहानी को हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की सबसे दुखांत प्रेम कहानियों में गिना जाता है। देव की वजह से ही सुरैया ने जीवन भर शादी नहीं की। यह कहानी तब शुरू हुई, जब सुरैया स्टार थीं और देव आनंद अपनी जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। सुरैया कार से आती थीं और वे लोकल ट्रेन से। फिल्म ‘विद्या’ फिल्म की शूटिंग चल रही थी, गाना ‘किनारे किनारे चले जाएंगे हम’ शूट हो रहा था। जिस नाव पर ये गाना फिल्माया जा रहा था, वो अचानक पलट गई और सुरैया डूबने लगी। देव आनंद ने छलांग लगाई और सुरैया को पानी में से निकाल लाए। यहीं से दोनों के बीच प्यार का अंकुर फूटा। एक दिन उन्होंने सुरैया के घर फोन किया, तो सुरैया की मां ने फोन उठाया। बाद में सुरैया की नानी को इस रिश्ते का पता लगा तो वे खिलाफ हो गईं। नानी की वजह से ये रिश्ता आगे नै बढ़ सका। देव आनंद ने बताया था कि वो अकेली ऐसी लड़की थी, जिसके लिए मैं रोया! उसके बाद ‘मैं जिंदगी का साथ निभाता चला गया, हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया!’ इस घटना के बाद सुरैया ने कभी शादी नहीं की। देव आनंद ने 1954 में अभिनेत्री ‘कल्पना कार्तिक’ के साथ शादी की, जबकि सुरैया ने जीवन भर शादी नहीं की।
Dev Anand's birth anniversary: Rishi Kapoor pays tribute to the legend, we bring you his 10 best songs | Bollywood - Hindustan Times
    देव आनंद का वास्तविक नाम धर्मदेव पिशोरीमल आनंद था, जिसे उन्होंने फिल्मों में आने के बाद बदलकर देव आनंद रख लिया था। उन्होंने पूरे फिल्मी करियर में 112 फिल्में की। अपने फिल्म करियर की शुरुआत 1946 में ‘हम एक हैं’ से की थी। इसके बाद आगे बढो, मोहन, हम भी इंसान हैं जैसी कुछ फिल्मों के बाद उनके फ़िल्मी सफर ने आकार लिया। लेकिन, मील का पत्थर साबित हुई फिल्मिस्तान की फिल्म ‘जिद्दी!’ ‘गाइड’ में उनकी भूमिका आज भी याद की जाती है। उन्होंने अपने करियर में पेइंग गेस्ट, बाजी, ज्वैल थीफ, सीआईडी, जॉनी मेरा नाम, अमीर गरीब, वारंट, हरे रामा हरे कृष्णा जैसी सुपर हिट फिल्में दीं। उन्हें सिनेमा में सहयोग के लिए सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहेब फाल्के से भी सम्मानित किया गया। देव आनंद का 3 दिसम्बर 2011 को निधन हुआ था, तब उनकी उम्र 88 वर्ष थी। देव आनंद तब लंदन में थे और वही एक होटल में ही उन्होंने आखिरी सांस ली। उनकी इच्छा की मुताबिक उनका अंतिम संस्कार भी वहीं किया गया। निधन के बाद उनका कोई फोटो भी सामने नहीं आया, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि उनको दर्शकों ने जिस तरह देखा है, वो पहचान बदले।