SISF: पुलिस की एक शाखा ऐसी भी- 10 साल में अपना पूरा खर्च निकाला और सरकारी खजाने में किए 118 करोड़ जमा, फिर भी बल की कमी से जूझ रहा

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SISF: पुलिस की एक शाखा ऐसी भी- 10 साल में अपना पूरा खर्च निकाला और सरकारी खजाने में किए 118 करोड़ जमा, फिर भी बल की कमी से जूझ रहा

भोपाल. राज्य औद्योगिक सुरक्षा बल (SISF) ने अपने गठन से लेकर अब तक हुआ बल पर पूरा खर्च न सिर्फ निकाल लिया है, बल्कि सरकार के खजाने में 118 करोड़ रुपए भी जमा कर दिए हैं। दरसअल कई निजी और सरकारी संगठन सुरक्षा के लिए बल की मांग कर रहे हैं। SISF संभवत: प्रदेश का एकमात्र ऐसा बल है, जिसने दस साल में अपना पूरा खर्चा निकाल लिया।

SISF ने सरकारी और निजी कंपनियों को सुरक्षाकर्मी मुहैया कराकर 511 करोड़ रुपए कमाए थे। इसके बावजूद एसआईएसएफ बल की कमी से जूझ रहा है, जिससे प्रदेश का औद्योगिक विकास भी प्रभावित हो सकता है।

गत 24 और 25 फरवरी को भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट (GIS) के बाद प्रदेश में इस बल की और मांग बढ़ी है, लेकिन बल की कमी के कारण प्रस्तावित नए उद्योगों को सुरक्षा मुहैया कराना काफी मुश्किल है।

नए एमओयू नहीं हो पा रहे साइन

SISF में जवानों की कमी के कारण सुरक्षा कर्मियों की मांग पूरी नहीं कर पा रहे हैं। इस कारण नए एमओयू साइन नहीं हो पा रहे हैं। राज्य सरकार ने 2015 में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की तर्ज पर SISF का गठन किया था। इसका उद्देश्य राज्य में स्थापित उद्योगों के साथ ही निजी क्षेत्र के बैंकों, वित्तीय संस्थाओं, निजी कंपनियों को भुगतान के आधार पर सशस्त्र पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराना था। यह व्यवस्था बड़े उद्योगों से लेकर छोटी बैंक शाखाओं तक प्रभावी थी, क्योंकि एसआईएसएफ प्रतिदिन व वार्षिक दर पर जरूरत के हिसाब से सुरक्षा कर्मी उपलब्ध कराता है, जबकि सीआईएसएफ एक बार में कम से कम 100 सुरक्षा कर्मी उपलब्ध कराता है।

750 पद खाली

SISF के लिए 2000 का बल स्वीकृत है, जिसमें से 750 पद रिक्त हैं। एसआईएसएफ के 1250 कर्मचारियों में से, नियमानुसार 150 रिजर्व कर्मचारियों को छोड़कर शेष 1040 सुरक्षाकर्मी विभिन्न संस्थानों एवं उद्योगों में तैनात हैं।

इस लागत में सुरक्षा प्रदान की जाती है

इंस्पेक्टर रेंक के अफसर को एक साल के लिए 16,34,600 रुपये पर लिया जाता है। जबकि प्रतिदिन के अनुसार 5400 रुपये इंस्पेक्टर रेंक पर तय हैं। इसी तरह सब इंस्पेक्टर के वार्षिक 16,10,900 रुपये और प्रतिदिन 4540 रुपये। जबकि एएसआई के वार्षिक 9,49,000 रुपये और प्रतिदिन के 4,390 रुपये, हेड कांस्टेबल के वार्षिक 9,29,900 रुपये और प्रतिदिन के 3000 रुपये, कॉन्स्टेबल 9,24,800 रुपये वार्षिक एवं 2850 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से चार्ज किया जाता है। इनमें कांस्टेबल और हेड कांस्टेबल को इंसास के साथ सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात किया जाता है, जबकि इससे ऊपर के रैंक के जवानों को रिवॉल्वर के साथ तैनात किया जाता है।