Situation Worsened Due to Strike : हेल्थ सेंटरों में ताले, हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं चरमराईं!

स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण और अन्य कार्य बुरी तरह प्रभावित

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Situation Worsened Due to Strike : हेल्थ सेंटरों में ताले, हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं चरमराईं!

Indore : वेतन बढ़ाने, नियमित करने और अन्य मांगों को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य केंद्रों के ताले ही नहीं खुल रहे हैं। इस कारण टीकाकरण समेत अन्य सभी स्वास्थ्य सेवाएं चरमारा गई हैं। स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचने वाले लोग निराश होकर वापिस लौट रहे हैं।

संविदा स्वास्थ्य कर्मियों का अपनी मांगों को लेकर आंदोलन जारी है। वे क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे हैं। उधर, आशा-उषा कार्यकर्ता भी अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन आदि कर रहे हैं। एनएचएम संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की जिला अध्यक्ष नीतू केल्दे ने बताया कि सरकार द्वारा अनकी मांगों पर सुनवाई नहीं किए जाने के कारण संघ द्वारा क्रमिक भूख हड़ताल की जा रही है। अपनी मांगों को लेकर हम कई बार ज्ञापन दे चुके हैं। इसके पूर्व भी हमने जब आंदोलन किया था तो शासन की और से आश्वासन देकर उसे खत्म करवाया गया था, लेकिन हमारी मांगों को कई महीनों बाद आज भी माना नहीं गया है।

टीके नहीं लग पा रहे
संविदा स्वास्थ्य कर्मियों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह बिगड़ चुकी हैं। स्वास्थ्य केंद्रों पर टीकाकरण और अन्य कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं। कई केंद्रों पर तो ताले ही नहीं खुल रहे हैं। जिले में इनकी संख्या 900 से अधिक है। इनकी हड़ताल के कारण स्वास्थ्य केंद्रों पर टीके नहीं लग पा रहे हैं। यहां आने वाले लोगों को बगैर टीके लगवाए ही लौटना पड़ रहा है।

एक महीने से अधिक हड़ताल
बताया जा रहा है कि शहर हो या गांव सभी जगह स्वास्थ्य केंद्रों पर टीके लगाने की संपूर्ण जिम्मेदारी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की ही है, लेकिन करीब एक महीने से भी अधिक से इनकी हड़ताल चल रही है। अपनी विभिन्न मांगों को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने काम बंद कर रखा है। लगातार प्रदर्शन और आंदोलन किया जा रहा है। इसके बाद भी सरकार इनकी मांगों का निराकरण नहीं कर रही है। इतनी लंबी हड़ताल के बाद भी आंदोलन समाप्त नहीं किया जा रहा है।

आशा-उषा कार्यकर्ता भी डटे
वेतन बढ़ोतरी, नियमितिकरण समेत अन्य मांगों को लेकर 50 दिनों से भी अधिक से आशा-उषा कार्यकर्ताओं का आंदोलन भी जारी है। इसके कारण स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की डिलेवरी, दवाई पिलाने आदि कई कार्य नहीं हो पा रहे हैं। आशा सहयोगी एकता यूनियन की कविता सोलंकी ने बताया कि कार्यकर्ता लगातार सीएमएचओ कार्यालय परिसर और अन्य स्थानों पर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।