

Smart Meter Rent Recovery : स्मार्ट मीटर के नाम पर उपभोक्ताओं से साढ़े ₹5 अरब की वसूली की तैयारी!
Bhopal : बिजली चोरी रोकने और लाइन लॉस कम करने में असफल प्रदेश की बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं से वसूली करने के नए-नए तरीके खोजने में लगी रहती हैं। हालत यह है कि मध्यमवर्गीय उपभोक्ता इससे परेशान है। लेकिन, शासन से लेकर सरकार तक ऐसे मामलों में कोई कारगर कदम नहीं उठा रही। वे उपभोक्ता भी परेशान है, जो ईमानदारी से बिजली का बिल चुकाते हैं। पहले घाटा बताकर बिजली की दर में वृद्धि करवा ली गई है और अब स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर उपभोक्ताओं से उनके लीज किराए के नाम पर करीब साढ़े ₹5 अरब की वसूली की तैयारी कर ली गई। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 1 अप्रैल 2025 से बिजली दरों में 3.46% की वृद्धि कर दी गई है।
इन दिनों बिजली विभाग द्वारा घरों में स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। इन मीटरों से शुल्क की वसूली की जाएगी। यह शुल्क हर माह बिल के साथ जुडकर आएगी। स्मार्ट मीटर का चार्ज लीज शुल्क के नाम पर वसूला जाएगा। बिजली कंपनियों ने आयोग से स्मार्ट की प्रारंभिक किश्त और मासिक लीज शुल्क व रखरखाव राशि की मांग की थी। आयोग ने इसकी मंजूरी दे दी है। स्मार्ट मीटर के नाम पर तीनों बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं से 544 करोड़ रुपए वसूलेंगी।
प्रदेश में बिजली चोरी रोकने और उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण बिजली उपलब्ध कराने के नाम पर यह स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। बिजली कंपनियों का दावा है कि इससे बिजली उपभोक्ताओं को फायदा होगा। इसके लिए बिजली कंपनियों ने आयोग से राशि की मांग की थी। आयोग ने बिजली कंपनियों को 544.67 करोड़ रुपए वसूलने की मंजूरी दे दी है। इसके तहत मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी 218.35 करोड़ रुपए वसूलेगी। केन्द्र की आरडीएसएस योजना के तहत 41 लाख 35 हजार 791 स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। इसके तहत कंपनी क्षेत्र में ट्रांसफार्मरों (कृषि श्रेणी को छोडकर) एवं कृषि श्रेणी के अलावा उपभोक्ताओं के मीटर स्मार्ट मीटरों से बदले जाने हैं।
यह प्रावधान भी किए गए
बिजली कंपनियां स्मार्ट मीटर के नाम पर चार्ज वसूलने जा रही है। वहीं सरकार ने स्मार्ट मीटर वाले बिजली उपभोक्ताओं के बिलों में छूट देने का भी प्रावधान किया है। घरेलू एवं गैर घरेलू बिल में 25 पैसे प्रति यूनिट की छूट तथा ऊर्जा-प्रभार से जुड़े अन्य प्रभारों यथा विद्युत-शुल्क, टीओडी सरचार्ज, पॉवर फैक्टर सरचार्ज की घटी विद्युत दर से गणना किए जाने का प्रावधान है।