सम्राट् विक्रमादित्य विश्वविद्यालय से जुड़े शिक्षाविदों की माताश्री श्रीमती मोहिनीदेवी शर्मा का निधन

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सम्राट् विक्रमादित्य विश्वविद्यालय से जुड़े शिक्षाविदों की माताश्री श्रीमती मोहिनीदेवी शर्मा का निधन

उज्जैन: सम्राट् विक्रमादित्य विश्वविद्यालय से जुड़े शिक्षाविदों के परिवार में एक ऐसी शख्सियत का देहावसान हुआ है, जिनका जीवन स्नेह, संस्कार और पारिवारिक गरिमा का उदाहरण रहा। विश्वविद्यालय की हिंदी अध्ययनशाला के आचार्य प्रो जगदीशचंद्र शर्मा और विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा की माताश्री तथा शासकीय माधव कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय की प्रो राजश्री शर्मा की सासू मां श्रीमती मोहिनीदेवी शर्मा का रविवार रात्रि निधन हो गया। उनके निधन से न केवल परिवार बल्कि शैक्षणिक और सामाजिक जगत में भी शोक व्याप्त है।
परिवारजनों के अनुसार माताश्री मोहिनीदेवी शर्मा ने पूरे जीवन सादगी, सहनशीलता और पारिवारिक मूल्यों को आत्मसात किए रखा। वे ऐसी माता थीं, जिनके संस्कारों में पले-बढ़े परिवारजन आज शिक्षा, सेवा और अनुशासन के क्षेत्र में अपनी पहचान बना सके। उनका व्यक्तित्व मौन रहते हुए भी मार्गदर्शन करने वाला था और उनका स्नेह परिवार की पीढ़ियों के लिए संबल बना रहा।
माताश्री का जीवन केवल घर-परिवार तक सीमित नहीं रहा। सामाजिक व्यवहार में उनकी सरलता, आत्मीयता और संतुलित दृष्टि उन्हें सभी के बीच आदर का पात्र बनाती रही। वे कम बोलकर अधिक सिखाने वाली माताओं में थीं, जिनकी उपस्थिति ही परिवार के लिए स्थिरता का आधार होती है।
▪️अंतिम यात्रा▪️
माताश्री श्रीमती मोहिनीदेवी शर्मा की अंतिम यात्रा सोमवार 22 दिसंबर 2025 को प्रातः 11.30 बजे निज निवास प्रेममोहिनी, ए 2/24 महानन्दानगर, स्पोर्ट्स एरिना के पास, उज्जैन से चक्रतीर्थ के लिए प्रस्थान करेगी। अंतिम संस्कार विधि-विधान के साथ संपन्न किया जाएगा।
▪️शोक व्याप्त▪️
उनके निधन की सूचना के बाद सम्राट् विक्रमादित्य विश्वविद्यालय परिवार, शैक्षणिक जगत एवं शुभचिंतकों द्वारा शोक संवेदनाएं व्यक्त की जा रही हैं। अनेक शिक्षकों, अधिकारियों और परिचितों ने दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिवार को धैर्य और संबल प्रदान करने की कामना की है।
माताश्री मोहिनीदेवी शर्मा का जीवन उन मौन मूल्यों की मिसाल रहा, जो बिना प्रदर्शन के पीढ़ियों को दिशा देते हैं। उनका स्मरण परिवार और समाज में सदैव श्रद्धा और आदर के साथ किया जाता रहेगा।