Snakebite Scam : सिवनी में सांप घोटाला, मरे हुए लोगों को बार-बार काटा सांप, 11 करोड़ की गड़बड़ी!

47 मृतकों के नाम पर फर्जी दावे, IFMS सिस्टम को चकमा देकर सरकारी खजाने से करोड़ों उड़ाया!

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Snakebite Scam : सिवनी में सांप घोटाला, मरे हुए लोगों को बार-बार काटा सांप, 11 करोड़ की गड़बड़ी!

Sioni : सिवनी जिले में एक चौंकाने और हैरान कर देने वाला घोटाला सामने आया, जिसे ‘सर्पदंश घोटाला’ कहा जा रहा है। इस घोटाले में सरकारी मुआवजे के नाम पर 11 करोड़ 26 लाख रुपये का गबन किया गया है। चौंकाने वाली बात यह है कि 47 पहले से मृत व्यक्तियों को बार-बार सांप के काटने से मरा हुआ दिखाया गया और बार-बार उनके नाम पर मुआवजे की राशि निकाली गई।

जांच में सामने आया कि रमेश नाम के व्यक्ति को 30 बार और रामकुमार को 19 बार सांप से मरा हुआ दिखाया गया। हर बार 4 लाख रुपये की सहायता राशि उनके नाम पर स्वीकृत की गई। इस तरह अकेले रमेश के नाम पर ही 1.20 करोड़ रुपये निकाले गए।

यह घोटाला साल 2019 में शुरू हुआ और 2022 तक जारी रहा, यानी यह कमलनाथ सरकार से लेकर शिवराज सरकार तक बिना किसी रुकावट के चलता रहा। इस फर्जीवाड़े में एक सहायक सचिव के साथ 46 अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई है, जिनमें तत्कालीन एसडीएम, पांच तहसीलदार और जिला कोषालय अधिकारी भी शामिल हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, मृतकों के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए और बिना किसी मृत्यु प्रमाण पत्र,पुलिस वेरिफिकेशन या पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बिल पास कर दिए गए। खास बात यह भी रही कि सरकारी IFMS प्रणाली को धोखा देकर राशि सीधे लाभार्थियों के बजाय आरोपियों के निजी खातों में भेजी गई। जांच में पाया गया कि यह घोटाला पूरी तरह सुनियोजित और संगठित था। जबलपुर संभाग की विशेष जांच टीम ने इस गबन का खुलासा किया है।

फिलहाल केवल सहायक सचिव को गिरफ्तार किया गया है जबकि अन्य आरोपी अब भी खुले घूम रहे हैं। यह मामला न केवल प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर करता है,बल्कि यह भी सवाल उठाता है कि एक ही व्यक्ति को कई बार मृत दिखाकर भुगतान कैसे हो सकता है? अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि सरकार बाकी दोषियों के खिलाफ कब सख्त कार्रवाई करती है और जनता के खजाने से लूटी गई राशि की वसूली कैसे होती है।