
Snakes Belong to Our Ecology: विषैले सर्पों से मानव जीवन रक्षा के सरलतम उपाय
डॉ तेज प्रकाश पूर्णानन्द व्यास
सरीसृप वैज्ञानिक
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ये हैं भारत में पाए जाने वाले चारों घातक सर्प। जिनके दंश की 100% जीवन रक्षक चिकित्सा उपलब्ध है जिला चिकित्सालय में।
सर्प, हमारी पारिस्थितिकी के अभिन्न अंग हैं, किंतु कभी-कभी मानव-सर्प संघर्ष अपरिहार्य हो जाता है, जिससे जीवन पर संकट आ सकता है। सर्पों से अपनी और अपने प्रियजनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सचेत और सशक्त कदम उठाना अत्यंत आवश्यक है।
सर्पों को जानें: भय नहीं, समझदारी!
अनावश्यक भय से बचें, क्योंकि भारत में पाए जाने वाले अधिकांश सर्प गैर-विषैले होते हैं। फिर भी, नाग (कोबरा), करैत, रसेल वाइपर और सॉ-स्केल्ड वाइपर जैसे प्रमुख विषैले सर्पों की पहचान करना जीवनरक्षक है। इनकी सही पहचान आपको त्वरित और सटीक निर्णय लेने में सक्षम बनाएगी।

सुरक्षित दूरी:
सर्प से सामना होने पर
यदि सर्प दिखाई दे, तो तत्काल सुरक्षित दूरी बनाएँ। उसे किसी भी हाल में छेड़ने, पकड़ने या उकसाने का प्रयास न करें। सर्प केवल तभी काटते हैं जब उन्हें अपनी जान का खतरा महसूस होता है। उनकी प्राकृतिक प्रतिक्रिया को समझें और उन्हें अपना रास्ता बनाने दें।
अपने परिवेश को अभेद्य बनाएँ: सर्प मुक्त घर का परिवेश का निर्माण

स्वच्छता ही सुरक्षा है:
अपने घर और आसपास के क्षेत्र को अत्यंत स्वच्छ रखें। झाड़ियाँ, लकड़ी के ढेर, कूड़ा-करकट और पत्थरों के ढेर सर्पों के लिए आदर्श छिपने के स्थान होते हैं। इन्हें नियमित रूप से साफ करें।
कीट एवं चूहों का नियंत्रण:
चूहे और अन्य कीट सर्पों के भोजन स्रोत होते हैं। इन्हें नियंत्रित करने से सर्पों का आपके घर की ओर आना कम होगा। अपने घरों में रखे कंडे या लकड़ी के ढेरों में चूहों का बसेरा हो सकता है, जो सर्पों को आकर्षित कर सकते हैं।
प्रवेश द्वार सुरक्षित करें:
घरों में मौजूद दरारों और छेदों को तुरंत बंद करें। यह सर्पों को अंदर घुसने से रोकेगा। मुख्य दरवाजों के नीचे की गैप को भी पूरी तरह से बंद करें।
वृक्षों की छँटाई:
भवन के रोशनदानों और खिड़कियों के समीप यदि पौधों की शाखाएँ हों, तो उन्हें तुरंत काट दें। यह याद रखें कि सभी सर्प, चाहे वे विषैले हों या निर्विष, वृक्षों पर चढ़ना और तैरना जानते हैं।
रात में सतर्कता:
रात्रि में बाहर निकलते समय, विशेषकर घास या झाड़ी वाले क्षेत्रों में, टॉर्च का उपयोग अनिवार्य रूप से करें।
ध्वनि का उपयोग:
यदि रात में टॉर्च या मोबाइल उपलब्ध न हो, तो पैरों की थाप (आवाज) करते हुए चलें। सर्पों में ज़मीन से उत्पन्न होने वाले कंपन या ध्वनि को पहचानने की अदम्य क्षमता होती है। पैरों की आवाज़ से यदि सर्प आपके मार्ग या पगडंडी पर करीब है, तो वह दूर चला जाएगा।
सुरक्षित पोशाक:
अपनी रक्षा स्वयं करें
ग्रामीण और जंगली इलाकों में काम करते समय या घूमते समय, मोटे जूते, लंबी पैंट और हाथ के दस्ताने पहनना सर्पदंश से बचाव में अत्यंत सहायक हो सकता है। यह एक सरल परंतु प्रभावी सुरक्षा कवच है।
घर में सर्प आ जाने पर क्या करें?
यदि आपके घर में सर्प निकल आए, तो सबसे पहले शांत रहें। सर्प को उत्तेजित न करें। ऊंची टेबल कुर्सी पर चढ़कर चुन्नी, तौलिया,कपड़ा ,चादर कंबल , जो आसानी से उपलब्ध हो, सर्प पर हौले से सावधानीपूर्वक ढक दें । सर्प अत्यंत भीरू प्राणी है। कपड़े में तुरंत दुबकेगा। बड़े टब, तग़ार या तपेले से ढक कर उस पर वजन रख दें। वह एक ही स्थान पर रहेगा। इसके बाद, तुरंत किसी विशेषज्ञ सर्प-पकड़ने वाले (स्नेक रेस्क्यूअर) या वन विभाग को सूचित करें। स्वयं सर्प को पकड़ने या मारने का प्रयास कभी न करें।
सर्पदंश की स्थिति में: त्वरित और सही कार्रवाई
शांत रहें, घबराएँ नहीं: सर्पदंश की स्थिति में सबसे महत्वपूर्ण है शांत रहना। घबराहट से हृदय गति बढ़ती है, जिससे जहर शरीर में तेज़ी से फैल सकता है।
संभव हो तो सर्प का मोबाइल से फोटो निकाल कर चिकित्सक को बतावें।
तत्काल सहायता बुलाएँ: बिना विलंब चिकित्सा सहायता (एंबुलेंस या नज़दीकी अस्पताल) के लिए जिला चिकित्सालय से संपर्क करें। समय पर उपचार ही जीवन बचा सकता है। श्रेष्ठ होगा सर्प दंशित को मोटरसाइकिल कार में बैठाकर अविलंब चिकित्सालय ले जावे।
प्रभावित अंग को स्थिर रखें: दंशित अंग को यथासंभव स्थिर और हृदय से नीचे रखें। इससे जहर का फैलाव धीमा हो सकता है।
किसी भी घरेलू उपचार से बचें: साँप के काटने पर चीरा लगाना, खून चूसना, बर्फ लगाना या कोई भी पारंपरिक दवा का उपयोग करना, जड़ी बूटी का उपयोग अत्यंत खतरनाक हो सकता है। ये विधियाँ स्थिति को और बिगाड़ सकती हैं।
जिला अस्पताल या प्रतविध केंद्र ले जाना ही एकमात्र उपाय:
इंदौर में इस समय मात्र एम वाय चिकित्सालय ASVS प्रतिविष चिकित्सा केंद्र पर जाएं।
याद रखें, एंटी-वेनम ही सर्पदंश का एकमात्र प्रभावी उपचार है, और यह केवल सामान्यतया जिस चिकित्सालय में उपलब्ध है। पीड़ित को जितनी जल्दी हो सके, अस्पताल ले जाएँ।
जागरूकता बढ़ाएँ:
ज्ञान ही शक्ति है
सर्प और सर्पदंश के बारे में सही जानकारी फैलाएँ। अंधविश्वासों और गलत सूचनाओं से बचें। स्थानीय समुदायों को सर्प सुरक्षा और प्राथमिक उपचार के बारे में शिक्षित करना एक सामूहिक जिम्मेदारी है।
याद रखें:
सर्प स्वाभाविक रूप से आक्रामक नहीं होते; वे आत्मरक्षा में ही काटते हैं। उनके प्राकृतिक आवास का सम्मान करना और हमारी ओर से उचित सतर्कता बरतना, मानव-सर्प संघर्ष को कम करने और सह-अस्तित्व को बढ़ावा देने की कुंजी है।

Snakebite: अविलंब जीवन रक्षक प्रतिविष चिकित्सा





