तो क्या सड़कों पर खुलेआम घूम रहे हत्यारे, सागर जेल से पैरोल पर गए 15 कैदी वापिस नहीं लौटे

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सागर: मप्र सरकार एक ओर जहां पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करके अपराधों पर लगाम लगाने की बात कर रही है, तो वहीं मप्र में सैकड़ों अपराधी खुलेआम सड़कों पर घूम रहे हैं।

यह वे गंभीर वारदातों के अपराधी हैं जिन्हें हत्या, बालात्कार जैसे गंभीर अपराधों में सजा हो चुकी है और ये जेल से पेरोल  पर रिहा हुए थे लेकिन पेरोल खत्म होने के बाद वह वापिस जेल नहीं आए हैं। इन अपराधियों को ढूंढऩे के लिए सालों से जेल प्रबंधन के द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। इन अपराधियों के वापिस न आने पर जेल प्रबंधन द्वारा खाना पूर्ति के लिए महज संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज कराई गई अन्य कोई कदम नहीं उठाए गए हैं।

सागर केंद्रीय जेल से वर्ष 2011 से आज तक हत्या की सजा काट रहे 15 कैदी ऐसे हैं जो पेरोल पर जाने के बाद वापिस जेल नहीं लौटे। यदि संपूर्ण प्रदेश का आंकड़ा निकाला जाए तो यह संख्या हजारों में पहुंच सकती है। ये अपराधी अन्य अपराधों में भी संलिप्त हो सकते हैं लेकिन इसकी सूचना पुलिस के पास नहीं है।

इस मामले में जब सागर केंद्रीय जेल के अधीक्षक से बात की तो उन्होंने बताया कि सागर जेल से 2011 से अभी तक 15 हत्या के आरोपी पेरोल पर जाने के बाद वापिस नहीं आए। जिनकी संबंधित थानों में शिकायत दर्ज करा दी है। मामले की जानकारी मीडिया में आने के बाद जेल प्रशासन ने एसपी को एक पत्र लिखा है। जिसमें एसपी ने एक टीम बनाई है टीम द्वारा अपराधियों की तलाश शुरू कर दी गई है।

हालांकि अब देखना यह होगा कि पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद यह फरार अपराधी किन अपराधों में संलिप्त पाए जाते हैं।

देखिये वीडियो: क्या कह रहे हैं, राकेश भंगारे (जेल अधीक्षक, केंद्रीय जेल, सागर)-