तो 31 मई से पहले हो जाएगा विजय शाह का इस्तीफा…!

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तो 31 मई से पहले हो जाएगा विजय शाह का इस्तीफा…!

कौशल किशोर चतुर्वेदी

ऐसा लगता है कि जब समय प्रतिकूल होता है, तो किसी भी तरह के प्रयास सफल नहीं हो पाते हैं। कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देने वाले मध्यप्रदेेश के मंत्री विजय शाह के मामले में भी स्थितियां ऐसी ही बन गई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह को लताड़ लगाई है। और उनके मामले में गठित एसआईटी को 28 मई को रिपोर्ट पेश करनी है। और जिस तरह का सुप्रीम कोर्ट का रवैया है, उससे साफ जाहिर है एसआईटी की रिपोर्ट भी विजय शाह को राहत देने वाली नहीं होगी। तीन आईपीएस की एसआईटी जिसमें एक महिला आईपीएस भी शामिल है, उसमें एक महिला के अपमान को खारिज करने जैसे तर्क तो शायद समाहित नहीं किए जा सकेंगे। और 31 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देवी अहिल्या बाई की 300वीं जयंती पर भोपाल में महिला सम्मेलन को संबोधित करने आ रहे हैं। इसमें दो लाख महिलाएं शामिल होंगी। ऐसे में मध्यप्रदेश के एक मंत्री द्वारा महिला अपमान का मामला भी महिला सम्मेलन के इर्द-गिर्द घूमता नजर आएगा। ऐसे में यह लगभग तय है कि 31 मई से पहले मंत्री विजय शाह का इस्तीफा हो जाएगा। या तो सुप्रीम कोर्ट तब तक फैसला सुनाकर इस्तीफा देने को मजबूर कर देगा। या फिर प्रधानमंत्री मोदी के भोपाल आने से पहले पीएमओ भी मंत्री के इस्तीफे से कम कुछ भी मंजूर नहीं करेगा।

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प्रधानमंत्री मोदी 31 मई 2025 को भोपाल में आयोजित महिला सम्मेलन को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भोपाल आगमन के संबंध में जंबूरी मैदान में जारी तैयारियों का मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने 21 मई को निरीक्षण किया तथा आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मानना है कि महिलाओं की प्रगति के बिना देश-प्रदेश की प्रगति अधूरी है। इसी उद्देश्य से उन्होंने ज्ञान के सूत्र के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण को विशेष महत्व दिया है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री मोदी महिला सम्मेलन में सहभागिता के लिए 31 मई को भोपाल पधार रहे हैं। लोकमाता देवी अहिल्या बाई होल्कर के त्रिशताब्दी जयंती समारोह के उपलक्ष्य में महिला सशक्तिकरण और महिला स्वावलम्बन पर केन्द्रित इस सम्मेलन में दो लाख से अधिक महिलाएं भाग लेंगी। भोपाल में होने वाला यह आयोजन, नया रिकार्ड बनाएगा। इस अवसर पर प्रदेश में महिला सशक्तिकरण के लिए संचालित गतिविधियों और महिला स्वावलम्बन की दिशा में स्व-सहायता समूहों व कौशल उन्नयन के लिए संचालित गतिविधियों पर केन्द्रित प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। लोकमाता देवी अहिल्या, सुशासन का प्रतीक रही हैं। अत: जनकल्याण और प्रदेशवासियों का जीवन सुगम बनाने के लिए प्रदेश में संचालित कार्यक्रमों को भी यहां प्रदर्शित किया जाएगा।

यानि कि देवी अहिल्या की 300वी जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिलाओं के सम्मान से कोई समझौता नहीं करेंगे। और पूरे देश का प्रतिनिधित्व करने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी के अपमान के मामले को भी कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। ऐसे में विजय शाह भी कठिन परीक्षा से गुजर रहे हैं। पहले तो सुप्रीम कोर्ट का रवैया विजय शाह को लेकर बहुत कठोर है और फिर इसी समय महिला सम्मेलन को संबोधित करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भोपाल आ रहे हैं। विजय शाह के लिए यह स्थितियां ‘करेला और नीम चढ़ा’ जैसी हो गईं हैं।

सुप्रीम कोर्ट का रवैया भी समझ लें। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य सरकार में मंत्री विजय शाह को भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ उनकी टिप्पणी के लिए फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो बोला है उसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि आप एक पब्लिक फिगर हैं। आप अनुभवी राजनेता है। आपको समाज में एक उदाहरण पेश करना चाहिए। आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए। यह सशस्त्र बलों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। हमें बहुत जिम्मेदार होने की जरूरत है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने विजय शाह की माफी को खारिज कर दिया था। शाह के वकील ने जब मंत्री के मांफी मांग लेने का हवाला दिया था। तब जस्टिस सूर्यकांत ने कहा था कि ये कैसी माफी है। सूर्यकांत ने उनकी माफी को “अशिष्ट टिप्पणी” बताते हुए उनकी आलोचना की थी और कहा था कि किसी को समझदारी और जिम्मेदारी से बात करनी चाहिए। सूर्यकांत ने कहा था कि वह माफी कहां है? वह माफी क्या है? आपने किस तरह की माफी मांगी है? माफी का कुछ मतलब होता है। कभी-कभी लोग कार्यवाही से बचने के लिए विनम्र भाषा का इस्तेमाल करते हैं। और कभी-कभी वे मगरमच्छ के आंसू बहाते हैं। आपकी माफी किस तरह की है? सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी से स्टेटस रिपोर्ट 28 मई तक दाखिल करने को कहा है।

बिधि के प्रतिकूल होने के सुंदरकांड में अद्भुत उल्लेख हैं। सुंदरकांड में तीन जगह विधि के प्रतिकूल होने का संदर्भ आता है। एक जगह अशोक वन में सीता अपनी बेबसी जताती हैं कि ‘कह सीता विधि भा प्रतिकूला। मिलहि न पावक मिटिहि न सूला।’ दूसरी जगह जब हनुमान, सीता को राम का संदेश सुनाते हैं तब राम की तरफ से कहते हैं कि ‘कहेउ राम बियोग तव सीता। मो कहुं सकल भए बिपरीता।’ और तीसरी जगह मंदोदरी के हाल पर तुलसीदास जी लिखते हैं कि ‘मंदोदरी ह्रदय कर चिंता। भयउ कंत पर बिधि बिपरीता।’

यानि कि बिधि विपरीत हो तब चाहने पर भी समाधान नहीं मिलता। मंत्री विजय शाह के कर्नल सोफिया कुरैशी को अपमानित करने के मामले में फिलहाल तो स्थितियां प्रतिकूल ही नजर आ रही हैं। और ग्रह-नक्षत्र मानो कह रहे हों कि ‘राहत मिलने का कोई सवाल ही नहीं है।’ साफ नजर यही आ रहा है कि बिधि बिपरीत है और विजय शाह के मंत्री पद पर रहने के दिन पूरे हो गए हैं। ऐसे में 31 मई से पहले विजय शाह का इस्तीफा होने के पूरे आसार हैं। फिर भी कलियुग है और स्थितियां करवट बदल लें तो कोई अचरज की बात नहीं। और तब शाह की विजय और उनका मंत्री पद बरकरार रहने को भी झुठलाया नहीं जा सकेगा…।