
Social media comment case : बालाघाट में उच्च श्रेणी शिक्षक निलंबित
Balaghat: केंद्रीय गृहमंत्री के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में बालाघाट जिले में एक उच्च श्रेणी शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई कलेक्टर मृणाल मीणा के निर्देश पर आदिवासी विकास विभाग की सहायक आयुक्त द्वारा की गई है। निलंबित शिक्षक सुनील मेश्राम परसवाड़ा स्थित शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ थे।
▫️प्रशासन के अनुसार शिक्षक पर आरोप है कि उन्होंने अपने व्यक्तिगत फेसबुक अकाउंट से भारत सरकार और राज्य शासन के विरुद्ध टिप्पणी करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री के लिए आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया। मामला संज्ञान में आने के बाद जिला प्रशासन ने इसे सरकारी सेवक आचरण नियमों के उल्लंघन के रूप में गंभीरता से लिया।
▪️नोटिस और जवाब
▫️मामले में प्रारंभिक जांच के बाद कलेक्टर द्वारा 4 दिसंबर को शिक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। नोटिस में सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया और यह स्पष्ट किया गया कि सरकारी सेवा में रहते हुए सार्वजनिक मंचों पर इस तरह की भाषा और टिप्पणी नियमों के विरुद्ध है।
▫️शिक्षक सुनील मेश्राम ने 8 दिसंबर को अपना लिखित जवाब प्रस्तुत किया। हालांकि विभागीय अधिकारियों ने स्पष्टीकरण को संतोषजनक नहीं माना। इसके बाद अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
▪️आचरण नियमों का उल्लंघन माना गया मामला
▫️प्रशासनिक स्तर पर यह माना गया है कि सरकारी सेवा में पदस्थ कर्मचारी से राजनीतिक निष्पक्षता, मर्यादित भाषा और संवैधानिक संस्थाओं के प्रति सम्मान की अपेक्षा की जाती है। सोशल मीडिया जैसे सार्वजनिक मंच पर की गई टिप्पणी को निजी अभिव्यक्ति मानने के बजाय सेवा आचरण नियमों के दायरे में देखा गया।
▫️अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की पोस्ट से न केवल शासन की छवि प्रभावित होती है, बल्कि शिक्षक जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति से समाज में गलत संदेश भी जाता है।
▪️विभागीय जांच के संकेत
▫️सूत्रों के अनुसार निलंबन के बाद मामले में विभागीय जांच की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा सकती है। जांच में यह देखा जाएगा कि पोस्ट किस आशय से की गई, उसका सार्वजनिक प्रभाव क्या रहा और क्या यह जानबूझकर नियमों की अवहेलना के दायरे में आती है।
▫️फिलहाल शिक्षक को मुख्यालय से संबद्ध किया गया है और आगामी कार्रवाई जांच रिपोर्ट के आधार पर तय की जाएगी।
▪️प्रशासन का संदेश
▫️प्रशासनिक हलकों में इस कार्रवाई को यह संदेश देने के रूप में देखा जा रहा है कि सरकारी सेवा में रहते हुए सोशल मीडिया पर की जाने वाली गतिविधियां भी जिम्मेदारी और नियमों के दायरे में आती हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ-साथ सेवा मर्यादा का पालन अनिवार्य माना गया है।





