कोई तो कहे- बैगा कलेक्टर की रियल एक्सक्लूसिव लव स्टोरी,जब बैगा आदिवासी युवती के प्रेम में आदिवासी बन भारत में ही बस गए थे अंग्रेज अफसर
नर्मदा परिक्रमा पथ,गुजरात से स्वामी तृप्तानंद जी का कालम
सन् 2002 के दिसम्बर महीने में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (दिग्गी राजा) एक गौशाला के भूमिपूजन हेतु आदिवासी जिला डिण्डोरी के गोरखपुर कस्बे के
नर्मदा दक्षिण तट स्थित शिवनी- नर्मदा- संगम पर आए थे और वहीं सार्वजनिक मंच से उन्होंने पैदल चलकर नर्मदा परिक्रमा (नर्मदा पद प्रदक्षिणा) की भावना व्यक्त की थी जिसे उन्होंने 15 वर्ष बाद 2017 में सपत्नीक पैदल परिक्रमा करके पूरा किया। उन दिनों हम अपनी 12 वर्षीय नर्मदा पद प्रदक्षिणा क्रम में शिवनी नर्मदा संगम (दक्षिण तट) पर अमरजीत सिंह सलूजा द्वारा संगम की भँवर डूब गए अपने दिवंगत पुत्र की याद में बनवाई गई रिशी धर्मशाला में ठहरे हुए थे। तब वहाँ पर जिला कलेक्टर के.आर. मांगोदिया हेलीपेड निर्माण आदि की व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने प्रतिदिन आते थे और जाते समय कुछ समय हमारे पास भी बिताते थे। एक दिन वे कलक्ट्रेट में सुरक्षित रखी 150 वर्ष पुरानी एक अंग्रेजी पुस्तक पढ़ने के लिए लाए । पुस्तक सजिल्द व सचित्र थी और उसका नाम था
*THE BAIGA Collector*
“द बैगा कलेक्टर” और
यह पुस्तक डिंडौरी कलेक्ट्रेट में आज भी सुरक्षित है। पुस्तक में प्राप्त विवरण के अनुसार ब्रिटिश इंडिया में सी .पी.सेंट्रल प्रॉविन्स (वर्तमान M.P.) में मण्डला जिले के अंग्रेज कलेक्टर (नाम याद नहीं) को उन दिनों की डिंडोरी तहसील की बजाग बैगा मूल निवासी आदिवासी पट्टी की एक बैगा सुंदरी के प्रति अनुराग हो गया और उन्होंने बैगा प्रधान को अपने मन की बात बताई और विधिवत् विवाह की इच्छा जाहिर की। बैगा प्रधान ने अपनी पंचायत में विमर्श के बाद व्यवस्था दी कि ऐसा तभी हो सकता है, जबकि आप एक बैगा की तरह बैगा समाज के साथ रहें। अंग्रेज कलेक्टर ने पद छोड़कर सच्चे प्यार का सबूत दिया और वे एक बैगा की तरह बजाग बैगाचक में अपने प्यार के साथ रहने लगे और इंग्लैंड वापस नहीं गए। अगर इस विषय पर आमिर खान जैसे किसी प्रयोगधर्मी डायरेक्टर अभिनीत THE BAIGA COLLECTOR फिल्म बने तो निःसंदेह वह इंडिया की बहुप्रतीक्षित OSCAR FILM हो सकती है। अगर किसी पाठक के पास आमिर खान का संपर्क मोबाइल व्हाट्सएप नंबर मिले तो हमें उपलब्ध कराएं अन्यथा आप स्वयं भी इसे वहां तक पहुंचाएं। भारत को आज तक ऑस्कर नहीं मिला है।रहमान के गीत जय हो … को ऑस्कर मिला पर वह गीत,झलक दिखला जा …,परदेशी परदेशी …जाना नहीं,
जैसी लोकप्रिय नहीं हो सका।अपने दौर के सर्वश्रेष्ठ निर्देशक सत्यजित रे की दो बांग्ला फिल्में पाथेर पाँचाली और गोपी गायन बाघा बायन ऑस्कर हेतु चयनित होकर पुरस्कार लाने में सफल नहीं हो सकीं। पर अगर सही निर्देशन में आमिर खान अभिनीत फिल्म THE BAIGA COLLECTOR बने तो वह एक अविस्मरणीय अनुभव होगा और भारत को संभव है कि वह फिल्म पहला ऑस्कर भी दिलाए।
*गोरे बैगा के लिए*
*P. K. आमिर खान !*
*तृप्तानंद the best हैं*
*आप लीजिए मान !!*
बैगाचक बजाग में आज भी एकमात्र
पक्का मकान उनका ही है।
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*स्वामी तृप्तानंद*
8963968789 wtsp
*मेवासा, अमरेली ,गुजरात*