Atal Jayanti: अटल जयंती की पूर्व संध्या पर किसी का हुआ पुनर्वास
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 98 वीं जयंती पर मध्यप्रदेश सरकार ने 28 उपचुनावों में हारे हुए कई नेताओं का पुनर्वास कर फिर नए उत्साह के साथ जीने की राह दिखाई है।
तो वहीं भाजपा में जीवन खपाकर बाल पका चुके संगठन में सक्रिय रहने वाले कुछ चेहरों को भी पदों से नवाजकर पार्टी ने यह संदेश दिया है कि किसी को निराश होने की जरूरत नहीं है।
सुशासन दिवस के बतौर मनाई जाने वाली अटल की जयंती की पूर्व संध्या पर इन पदों के भरने से सुशासन लाने में मदद मिलेगी, यह उम्मीद तो की ही जा सकती है। वैसे निगम मंडल में 16 अध्यक्ष और 9 उपाध्यक्षों की एक साथ नियुक्ति की मेगा सूची जारी होना शुभ संकेत माना जा सकता है कि आगे और नेताओं के लिए भी राह खुलेगी।
और नए साल में फिर कुछ नए चेहरे निगम-मंडल में नियुक्ति पाने की उम्मीद लगाकर रखें। मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन नियुक्तियों की यह सूची जारी हुई है तो हो सकता है कि बजट सत्र से पहले तक कई अन्य चेहरे भी निगम-मंडल में पद पाकर ससम्मान विकास में योगदान कर सकेंगे।
फिलहाल सिंधिया समर्थक विधायकों इमरती देवी, रणवीर जाटव, मुन्नालाल गोयल, गिर्राज दंडोतिया, रघुराज कंसाना व अन्य कांग्रेस विधायक एंदल सिंह कंसाना शामिल हैं तो प्रदेश भाजपा के महामंत्री रहे विनोद गोटिया को भी निगम अध्यक्ष के रूप में नई पारी शुरू करने का अवसर मिलेगा।
सावन सोनकर को पद देकर पार्टी ने मंत्री तुलसी सिलावट की सीट को मजबूती दी है। सिंधिया समर्थक नेता कांग्रेस से भाजपा में आने के बाद विधानसभा उपचुनाव में जीत दर्ज नहीं कर पाए थे,
तो गोटिया को पार्टी ने तीनों सीट पर जीत दर्ज करने के लिए तीसरे उम्मीदवार के रूप में विवेक तन्खा के खिलाफ राज्यसभा चुनाव में उतारा था लेकिन वह जीत के लायक मत हासिल नहीं कर सके थे।
इस तरह चुनाव मैदान की निराशा अब इन उम्मीदवारों के जीवन में निगम मंडल में जगह पाकर आशा बनकर सामने आई है। इमरती देवी को कमलनाथ ने आइटम कहकर संबोधित किया था, तो वह फूट-फूटकर रोई थीं।
इमरती देवी को मध्य प्रदेश लघु उद्योग निगम का अध्यक्ष बनाया है तो दंडोतिया को मध्य प्रदेश ऊर्जा विकास निगम का चेयरमैन बनाया गया है। रघुराज कंसाना को मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग वित्त विकास निगम और एंदल सिंह कंसाना को एमपी एग्रो का चेयरमैन बनाने का फैसला हुआ है।
सिधिया समर्थक रणवीर जाटव को भी हस्तशिल्प व हाथकरघा विकास निगम और मुन्नालाल गोयल को राज्य बीज एवं फार्म विकास निगम का अध्यक्ष बनाया जा रहा है। तो राज्यसभा चुनाव में हारे गोटिया पर्यटन विकास निगम के चेयरमैन होंगे। पर्यटन विकास निगम में उनके साथ नरेंद्र सिंह तोमर को उपाध्यक्ष बनाया है।
तो फिलहाल संगठन से मुक्त किए गए शैलेंद्र बरुआ को पाठ्य पुस्तक निगम का अध्यक्ष, तो आशुतोष तिवारी को मध्य प्रदेश गृह एवं अधोसरंचना मंडल का अध्यक्ष बनाकर पुनर्वास किया गया है।
जीतेंद्र लिटोरिया को खादी व ग्रामोद्योग बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया है तो भाजपा के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार रहे स्वर्गीय लक्ष्मीनारायण शर्मा के पुत्र शैलेंद्र शर्मा को कौशल विकास और रोजगार निर्माण बोर्ड का अध्यक्ष बनाकर पार्टी ने उनकी संगठन में लंबे समय तक दी गई सेवाओं का प्रतिफल दिया गया है।
इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष का जयपाल चावड़ा, महिला वित्त एवं विकास निगम के अध्यक्ष के रूप में अमिता चापरा,अनुसूचित जनजाति विकास निगम की अध्यक्ष निर्मला बारेला व मध्य प्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम का अध्यक्ष सावन सोनकर को बनाया गया है।
वहीं शैलेंद्र भारती, नरेंद्र बिरथरे, अजय यादव,राजकु्मार कुशवाह, राजेंद्र सिंह मोकलपुर, रमेश खटीक और राजेश अग्रवाल को अलग-अलग निगम मंडल में उपाध्यक्ष बनाया गया है।
अब यह माना जा सकता है कि सरकार 2023 के चुनाव की तैयारी में जुट गई है। पंचायत चुनाव, नगरीय निकाय चुनाव के बाद सरकार का लक्ष्य 2023 के रण को जीतना ही है।
और निगम मंडल में नियुक्तियों के सिलसिले को आगे बढ़ाकर सरकार ने साफ कर दिया है कि शिव-विष्णु की जोड़ी फूलप्रूफ रणनीति के साथ अब मिशन 2023 को फतेह कर 2024 पर फोकस करेगी।