Something big soon india: हिंडनबर्ग ने आज अलसुबह दी चेतावनी,भारत में जल्द कुछ बड़ा होगा
शेयर मार्केट विशेषज्ञ व वरिष्ठ पत्रकार चंद्रकांत अग्रवाल की रपट
गौतम अडानी के बिजनेस ग्रुप को हिला देने वाली और भारतीय शेयर मार्केट में भारी गिरावट करवाकर कई लाख करोड़ के मार्केटकेपिटलाइजेशन लॉस का कारण बनने वाली अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर एक बड़ी चेतावनी आज ट्विटर पर जारी की है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस बार उसके निशाने पर कौन रहेगा? हिंडनबर्ग रिसर्च ने आज 10 अगस्त की सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट की है। इसमें उसले लिखा है, Something big soon india,अर्थात ‘भारत में जल्द कुछ बड़ा होने वाला है।’ जिसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि हिंडनबर्ग फिर से कोई बड़ी सनसनीखेज रिपोर्ट देने वाला है। ज्ञात रहे कि 24 जनवरी 2023 की तारीख भारतीय शेयर मार्केट में सदा याद की जाएगी जिसने देश के दूसरे सबसे अमीर और अडानी ग्रुप प्रमुख गौतम अडानी के साथ सम्पूर्ण भारतीय शेयर मार्केट को हिला कर रख दिया था। इस दिन अमेरिका की एक शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। जिसके बाद न सिर्फ अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयर्स डाउन हुए, बल्कि पूरा का पूरा शेयर बाजार ही हिल गया था। हालांकि, इस रिपोर्ट के बाद फिर जैसे जैसे अन्य रिपोर्ट्स से पिक्चर क्लियर हुई,धीरे धीरे अडानी ग्रुप के शेयर संभले और अब अडानी ग्रुप के अधिकांश शेयर आज पुनः लगभग पूर्व के भावों पर ही ट्रेड हो रहे हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि अबकी बार हिंडनबर्ग के निशाने पर कौन है। यह तो उसकी आज की एक्स पोस्ट से साफ पता नहीं चलता है, लेकिन उसका इस तरह से चेतावनी देना निश्चित तौर पर शेयर मार्केट में सोमवार को निवेशकों की धारणा को एक सीमा तक प्रभावित तो कर ही सकता है। खासकर एफआईआई और एच एन आई इन्वेस्टर्स को। पब्लिक रिटेल केटेगिरी के इन्वेस्टर तो आज जिस तरह से हजारों की संख्या में ट्विटर पर उक्त पोस्ट के खिलाफ कमेंट कर रहे हैं ऐसा लगता नहीं कि ज्यादा प्रभावित होंगे फिर भी कई आम निवेशकों के मन में एक बार फिर अडानी ग्रुप को लेकर भी पुनः संशय के बादल मंडरा सकते हैं। हालांकि इस तिमाही में अडानी ग्रुप की सभी कंपनियों ने अच्छे रिजल्ट दिए हैं,शेयर निवेशकों को बीते एक साल के निवेश पर तगड़ा मुनाफा हुआ है। वहीं कुछ यूजर्स हिंडनबर्ग की विश्वसनीयता पर ही सवाल उठा रहे हैं। यह हिंडनबर्ग रिसर्च की पोस्ट पर आए आम यूजर्स के कमेंट से भी पता चल रहा है। जिस पर आज कमेंट्स की बाढ़ सी आ गई है। यूजर्स लिख रहे हैं कि तुम मार्केट डाउन तो करो हम तैयार बैठे हैं खरीदी करने के लिए। हालांकि हिंडनबर्ग किस बारे में और क्या बड़ा होने वाला है, इस संबंध में हिंडनबर्ग ने कोई खुलासा नहीं किया है। कंपनी की इस पोस्ट को लेकर यह भी माना जा रहा है कि हिंडनबर्ग रिसर्च किसी भारतीय कंपनी के बारे में एक बार फिर बड़ा खुलासा करने के मूड में है। हालांकि पिछली बार सेबी की जांच में पता चला था कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी समूह से संबंधित रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से दो महीने पहले न्यूयॉर्क स्थित हेज फंड मैनेजर मार्क किंगडन के पास भेजा था। इस खुलासे के बाद माना गया कि हिंडनबर्ग ने रणनीति के तहत अदाणी समूह के शेयरों की कीमत गिराकर फायदा लेने की साजिश रची गई थी।
किंगडन की कंपनी किंगडन कैपिटल के पास कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट लिमिटेड में भी अच्छी खासी मात्रा में शेयर हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से अदाणी समूह को भारी नुकसान हुआ था। बीते साल जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी उस रिपोर्ट में अदाणी ग्रुप की वित्तीय स्थिति की जानकारी देते हुए समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। जिसमें स्टॉक की कीमतों में हेरा-फेरी करने जैसे कई गंभीर आरोप शामिल थे। रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद अदाणी ग्रुप के के शेयरों में भारी गिरावट आई और अदाणी समूह के बाजार मूल्य में 86 अरब डॉलर की भारी-भरकम गिरावट दर्ज की गई थी। हालांकि अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था और समूह के प्रमुख गौतम अदाणी ने कहा था कि हिंडनबर्ग मामला अदाणी समूह को बदनाम करने की नीयत से रचा गया था।
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) का दावा था कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी समूह के खिलाफ अपनी रिपोर्ट की एक एडवांस कॉपी, रिपोर्ट पब्लिश करने से लगभग 2 महीने पहले न्यूयॉर्क स्थित हेज फंड मैनेजर मार्क किंग्डन के साथ साझा की थी। साथ ही अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों में उतार-चढ़ाव का फायदा उठाया था। इस साल जुलाई में खबर आई थी कि सेबी ने हिंडनबर्ग को 46 पेज का कारण बताओ नोटिस भेजा है।
नोटिस में सेबी ने विस्तार से बताया कि कैसे रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद हिंडनबर्ग, न्यूयॉर्क के हेज फंड और कोटक महिंद्रा बैंक से जुड़े ब्रोकर को अदाणी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों की वैल्यूएशन में आई 150 अरब डॉलर की भारी गिरावट से फायदा हुआ। नोटिस के जवाब में हिंडनबर्ग ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि यह भारत के सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों की ओर से किए गए भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को उजागर करने वालों को चुप कराने और डराने-धमकाने का Get App प्रयास है।