कभी दिख रहा प्यार और कभी खिंच रही निंदा-आक्रोश की तलवार…
जब से सीडी शब्द नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह के लब पर आया है, तब से पक्ष-विपक्ष के बीच कभी निंदा-आक्रोश की तलवारें खिंची नजर आती हैं, तो कभी प्यार का खुलकर इजहार हो रहा है। सियासत में कब कौन सी तस्वीर क्या पैगाम देने को दिखाई जा रही है, यह महसूस कर पाना आम आदमी के वश की बात नहीं है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह की राजनैतिक परिपक्वता को भी चुनौती नहीं दी जा सकती। शीतकालीन सत्र में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए भी और आरोपों की झड़ी लगाने और अविश्वास का जाल बिछाने से ज्यादा अवसर सरकार को प्रदेश की साढ़े आठ करोड़ आबादी में अपना भरोसा जताने का मिल गया। खैर अभी तो डॉ. गोविंद सिंह ने कड़ाके की ठंड में भाजपा संघ नेताओं की सीडी उनके पास होने का बयान देकर सियासी गर्माहट पैदा कर दी है। टाइमिंग चुनावी साल के पहले माह के पहले सप्ताह की क्यों रखी गई, यह निश्चित तौर से सियासत की कोई शतरंजी चाल ही मानी जा सकती है। फिलहाल तो प्रेम, निंदा और आक्रोश का नजारा खुलकर देखा जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह पर तीखी प्रतिक्रिया जताई प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने भाजपा संगठन के मुखिया बतौर। उन्होंने कहा कि एक-दूसरे को ब्लैकमेल करना, फंसाना ही कांग्रेस का चरित्र है। क्या कांग्रेस के पास यही सब कुछ रह गया है? क्या कांग्रेस अब सीडी, पेन- ड्राइव के सहारे जिंदा रहने का प्रयास कर रही है? कांग्रेस के लोग चौबीसों घंटे झूठ बोलते हैं, शर्म आनी चाहिए उन्हें। मैं कांग्रेस के इन नेताओं को चुनौती देता हूं कि अगर आप में हिम्मत है, तो जिन लोगों की सीडी होने की आप बात कर रहे हैं, उन्हें समाज के सामने लेकर आएं। या फिर झूठ बोलने के लिए जनता से माफी मांगें नेता प्रतिपक्ष। झूठ बोलकर लोगों को गुमराह करना एक जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति को शोभा नहीं देता। आप कोई सामान्य व्यक्ति नहीं हैं,एक संवैधानिक पद पर हैं। ऐसे में कुछ भी बोलते रहना उचित नहीं है। वीडी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस देश में अलग-थलग पड़ गई है और बहुत बुरे दौर से गुजर रही है। ऐसे में अगर पार्टी के नेता प्रतिपक्ष जैसे लोग इस तरह की बातें करेंगे, ऐसी भाषा बोलेंगे, तो कांग्रेस का हश्र क्या होगा, समझा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस के पास कोई महत्वपूर्ण जानकारी थी, तो उस पर विधानसभा में चर्चा क्यों नहीं की? उस समय सदन छोड़कर भाग गए और अब मीडिया के सामने इस प्रकार की बातें कर रहे हैं। इस तरह की बातें करने वालों को जनता ही जवाब देती है और गोविंद सिंह जी भी यह अच्छे से जानते हैं कि उनके क्षेत्र की जनता उनके बारे में क्या सोचती है, लोग क्या सोचते हैं।
उधर
सरकार के प्रवक्ता, गृह, संसदीय एवं विधि-विधायी मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने चुटकी ली कि डॉ. गोविंद सिंह मेरे मित्र हैं। इस उम्र में ऐसी सीडी रखे काय को हैं। और सलाह दी कि देखना भी नहीं चाहिए। भजन की उम्र में गजल की कोशिश नहीं करना चाहिए। आप पर रखी है तो रखे रखे खराब हो जाएगी। दिखा दो। हमारे प्रदेश अध्यक्ष आपसे कह ही चुके हैं। खुलेआम कह चुके हैं तो आप इसको रखो मत सार्वजनिक कर दो।
और मित्र की इस सलाह के बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह खुद डॉ. नरोत्तम मिश्रा के निवास पर मुलाकात करने पहुंच गए। और डॉ. मिश्रा ने डॉ. सिंह का खुलेमन से स्वागत किया और भगवान महाकाल की बड़ी तस्वीर भेंट की। शायद यही कहा हो कि महाकाल की कृपा से हमारी मित्रता को किसी की नजर न लगे डॉक्टर। और हो सकता है पूछ भी लिया हो मजाक में, कि सीडी देख तो नहीं रहे इस उम्र में।
खैर डॉ. गोविंद सिंह ने भी बुधवार को बयान देकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को अपने निवास पर आमंत्रित किया और कहा कि फूलमाला पहनाकर स्वागत भी करूंगा और सीडी भी दिखाऊंगा। खुद के खिलाफ एफआईआर करवाने की भी चुनौती दी। और अपने राजनैतिक जीवन का हवाला देते हुए यह साफ किया कि चरित्र पर कोई आक्षेप नहीं है।
खैर अब देखते हैं कि रविवार से शुरू हुए अंग्रेजी नववर्ष के पहले गुरुवार को सीडी कांड में बयानबाजी में और कौन से चेहरे शामिल होते हैं? राजनैतिक प्रेम कितना परवान चढ़ता है और आक्रोश और निंदा का ज्वार कितना असर दिखाता है। फिलहाल तो कभी दिख रहा प्यार और कभी खिंच रही निंदा-आक्रोश की तलवार…।