बेटे के पास 30 करोड़ की संपत्ति, पोता IAS,दादा दादी ने दो रोटी को तरसते हुए आत्महत्या कर ली
पारिवारिक उपेक्षा और भूख से दुखी हो संपन्न परिवार के बुर्जुग दंपत्ति ने खाया जहर. बुढ़ापा जीवन का अंतिम पड़ाव है और इस पड़ाव में जीवन असक्त हो जा है। कार्य करने की क्षमता कमजोर हो जाती है। भरण-पोषण के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। यही निर्भरता वृद्धों की समस्याओं की मूल हैं। शारीरिक एवं आर्थिक दृषिट से घुटन भरी जिन्दगी जीने को विवश हो जाती है। चाहे वह शिक्षित हो या अशिक्षित क्यों न हो.हाल ही में एक उच्च वर्ग की घटना सामने आई है
हरियाणा कैडर के ट्रेनी IAS विवेक आर्य के दादा-दादी ने सुसाइड नोट लिखने के बाद सल्फास की गोलियां खा लीं. अस्पताल में इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई. … “मैं जगदीश चंद्र आर्य आपको अपना दुख सुनाता हूं. मेरे बेटे के पास बाढ़ड़ा में 30 करोड़ की संपत्ति है, लेकिन उसके पास मुझे देने के लिए दो वक्त की रोटीनहीं हैं. मैं अपने छोटे बेटे के पास रहता था. 6 साल पहले उसकी मौत हो गई. कुछ दिन उसकी पत्नी ने साथ रखा, लेकिन बाद में उसने गलत काम करना शुरू कर दिया.मैंने विरोध किया तो पीटकर घर से निकाल दिया.”
दरअसल, मामला हरियाणा के चरखी-दादरी के बाढ़ड़ा की शिव कॉलोनी का है. मूल रूप से गोपी इलाके के रहने वाले 78 साल के जगदीश चंद्र आर्य और 77 साल की भागली देवी ने सल्फास की गोलियां खाकर आत्महत्या की. मृतक बुजुर्ग दंपति चरखी दादरी में आईएएस (IAS) विवेक आर्य के दादा-दादी थे. विवेक के पिता का नाम वीरेंद्र है. विवेक 2021 में आईएएस अधिकारी चुने गए थे. उन्हें हरियाणा कैडर मिला था और वह इस समय अंडर ट्रेनी हैं.बताया गया कि 29 मार्च की रात को जगदीश चंद्र और उनकी पत्नी ने जहरीला पदार्थ खा लिया था फिर पुलिस कंट्रोल रूम को जानकारी दी थी. मौके पर पहुंची पुलिस टीमको दंपति ने सुसाइड नोट सौंपा था. हालत बिगड़ती देख पुलिस ने दंपति को निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. गंभीर हालत होते के चलते बुजुर्ग दंपति को दादरी सिविल अस्पताल रेफर कर दिया गया था. यहां पर उपचार के दौरान दोनों को मौत हो गई.
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