Son in Law Special Welcome : दामाद के स्वागत में इतने व्यंजन परोसे कि वो चख भी न सका! 

ऐसी शाही दावत हुई कि दामाद और बेटी कभी भूल नहीं पाएंगे!

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Son in Law Special Welcome : दामाद के स्वागत में इतने व्यंजन परोसे कि वो चख भी न सका! 

West Godawari (Andhra Pradesh) : भारतीय परिवारों में दामाद की खातिरदारी और सम्मान खास मायने रखता है। देश के हर हिस्से में ससुराल अपनी क्षमता से बढ़कर दामाद की खातिरदारी करने की कोशिश करते हैं। कहा जा सकता है कि दूसरे रिश्तेदारों के मुकाबले दामाद का पत्नी के घर में विशेष दर्जा होता है। स्वागत की इसी परंपरा से जुड़ी दो कहानियां सामने आई हैं। पश्चिमी गोदावरी जिला खाद्य सामग्री तैयार करने में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। यहां दामाद का स्वागत भी ऐसे ही खास तरीके से होता आया है।

एक परिवार ने दामाद के स्वागत में 4 दिन मेहनत करने के बाद कुल 173 व्यंजन परोसे, तो वहीं एक परिवार ने तो हद ही कर दी। उनके घर में दामाद के लिए 379 पकवान मेज पर सजाए गए। आंध्र प्रदेश के पश्चिम गोदावरी ज़िले के नरसापुरम का एक वीडियो सामने आया। यहां एक बेटी और दामाद के स्वागत में परिवार की ओर से कुल 379 किस्म के व्यंजन परोसे गए। 10 दिन की मेहनत के बाद ससुरालवालों ने दामाद के लिए जब खाना परोसा, तो वो खुद भी इसे देखकर दंग रह गया। मकर संक्रांति पर ये भोज तैयार किया गया था। जानकारी के मुताबिक खाने में 40 फ्लेवर्ड राइस, 40 करी, 20 रोटी-चटनी, 100 मिठाइयां और 70 पीने के आइटम मौजूद थे।

जबकि, इसी पश्चिम गोदावरी ज़िले के भीमावरम इलाके के एक परिवार में दामाद के स्वागत, सत्कार किया वो अनोखा ही कहा जाएगा। यहां भी दामाद के सामने 173 पकवान परोसे गए। यहाँ के एक व्यवसायी टाटावर्ती बद्री ने अपने हैदराबाद में रहने वाले दामाद चावला पृथ्वीगुप्त और बेटी श्री हरिका को संक्रांति पर घर आमंत्रित किया। उन्होंने उनके लिए घर पर ही 173 व्यंजनों की व्यवस्था की। खास बात ये कि ये सभी व्यंजन घर में ही बनाए गए।

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टाटावर्ति बद्री ने बताया कि मेरी बेटी श्री हरिका और दामाद चावला पृथ्वीगुप्त कोविड काल के कारण दो साल से घर नहीं आ पाए थे। इन दो सालों में हम अपनी बेटी और दामाद के साथ संक्रांति का त्योहार भी नहीं मना पाए। लेकिन, इस साल हमने साथ में यह त्योहार सेलिब्रेट किया और धूमधाम से किया। उन्होंने यह भी बताया उनकी पत्नी ने सभी 173 तरह के पकवानों को बनाने में चार दिनों का समय लगाया। वे चार दिनों तक लगातार काम करती रही। संक्रांति के अवसर पर हमने अपने दामाद-बेटी को आमंत्रित किया और उन्हें सभी व्यंजन परोसे गए।

कई तरह का मीठा, सब्जियां और सोडा भी 

बद्री की पत्नी संध्या ने कहा कि दामाद के लिए तैयार किए गए खास आइटम्स में बज्जी, पूरी, करेला, हलवा, पापड़, अचार, मिष्ठान्न, शीतल पेय और गोली सोडा समेत तमाम शामिल थे। दामाद ससुराल में और बेटी मायके में ऐसा खास स्वागत, सत्कार देखकर खुशी से फूली नहीं समाई। फिर पूरे परिवार ने डायनिंग टेबल पर इन व्यंजनों का जमकर लुत्फ उठाया।