जल्द ही मिलेगा नेताओं को राजनीतिक तमगा,निगम,मंडल की बांट जोह रहे नेताओं की जल्द लगेगी लॉटरी 

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जल्द ही मिलेगा नेताओं को राजनीतिक तमगा,निगम,मंडल की बांट जोह रहे नेताओं की जल्द लगेगी लॉटरी 

रामानंद तिवारी की रिपोर्ट 

भोपाल। मध्यप्रदेश भाजपा में निगम,मंडल,आयोग,जनभागीदारी समिति,अन्त्योदय समिति,एल्डरमेन के अलावा अन्य कई निकायों में उपाध्यक्ष एवं सदस्यों की घोषणा होना शेष है। माना जा रहा है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की नियुक्ति के बाद सभी मंडल,निगम एवं आयोग केे अलावा अन्य रिक्त जगहों पर पार्टी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। इस संबंध में बीजेपी के केन्द्रीय नेतृत्व ने भी पिछले दिनों दिल्ली में हुई बैठक में दिए है।

*“ पैनी नजर कांग्रेस से बने भाजपाईयों की ”* 

दरअसल, भाजपा का समर्पित कार्यकर्ता एवं कांग्रेस से भाजपाई बने नेता एवं कार्यकर्ताओं की पैनी नजर रहेगी। संभवतः इन सभी पर भाजपा संगठन जून माह के अन्त तक निर्णय ले लेगा। 15 दिन पूर्व प्रदेश के जिम्मेदार नेताओं की केन्द्रीय नेतृत्व के साथ बैठक हो चुकी है। हालांकि कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए नेताओं को उनके नेता पद दिलवाने के लिए तत्पर है। वहीं समर्पित भाजपाई भी उम्मीद की बांट जोह रहा है। ऐसी स्थिति में “ एक अनार सौ बीमार” वाली स्थिति भाजपा संगठन को फेस करना पड़ सकती है।

*“कांग्रेस से बने भाजपाई कैसे होंगे एडजस्ट”* 

भाजपा संगठन के आगे सबसे बड़ी पेचिंदगी यह है कि भाजपा के समर्पित सिपाही की ताजपेशी मंडल,निगम में करे अथवा कांग्रेस से भाजपाई बने नेताओं के सिर पर ताज पहनाएं। दोनो ही स्थिति में भाजपा संगठन को निर्णय लेना है, हालांकि भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं के आगे कांग्रेस से भाजपाई बने नेता ज्यादा पॅावरफुल नजर आ रहे है। क्योंकि हाल ही के चुनावों में उन्होंने अपना लोहा मनवा दिया। चाहे चुनावों में टिकट का मामला हो अथवा संगठन चुनाव हो दोनो में ही कांग्रेस से भाजपाई बने नेताओं ने अपना परचम लहराया। भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं की अनदेखी हुई। यदि अब पुनः ऐसा हुआ तो पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता विद्रोह का बिगुल बजा सकते है।

 *“सरकार का 16 माह का कार्यकाल पूर्ण,कार्यकर्ता अब भी इंतजार में “* 

मप्र में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति का फैसला पिछले दो महीने से आगे खिसकता जा रहा है। अब जल्द ही अध्यक्ष तय होने की संभावना है। प्रदेश में मोहन सरकार 16 महीने का कार्यकाल पूरा करने जा रही है। अभी तक निगम, मंडलों में नियुक्तियां नहीं हुई हैं। जिसकी वजह संगठन चुनाव की प्रक्रिया पूरी नहीं होना है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति का फैसला तीन महीने से केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष विचाराधीन है। जिस पर जल्द ही निर्णय होने की संभावना है।

*“ अपने-अपने पट्ठों की ताजपोशी को लेकर होगा संग्राम”* 

शुरुआत में सरकार मप्र पाठ्यपुस्तक निगम, ऊर्जा निगम,खनिज निगम, नागरिक आपूर्ति निगम, वित्त आयोग, बीज निगम,औद्योगिक संस्थाओं के अलावा भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर समेत अन्य विकास प्राधिकरणों में अध्यक्ष, इसके अलावा कुछ मंडल, आयोगों में भी नियुक्तियां कर सकती हैं। इन जगहों पर नियुक्तिया सहज होगी लेकिन कार्यकर्ता कितनी सहजता से इन नियुक्तियों को लेगा यह तो भविष्य ही बताएगा।

*घोषणा की सुगबुगाहट के बाद शुरू गणेश परिक्रमा* 

प्रदेश में एक बार फिर से संगठन में पदाधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया के बीच निगम, मंडलों, बोर्ड, प्राधिकारियों में भी नियुक्तियों को लेकर दावेदारी शुरू हो गई है। ऐसे नेता जो पिछले विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में टिकट पाने से चूक गए थे। उनकी भोपाल में अचानक सक्रियता बढ़ गई है। इन नेताओं ने भाजपा संगठन पदाधिकारियों से लेकर, मुख्यमंत्री और दिल्ली में भी पार्टी नेताओं से मुलाकात की है जिसे निगम, मंडलों में नियुक्तियों से जोडक़र देखा जा रहा है। ऐसे में तय माना जा रहा है कि भाजपा अध्यक्ष का फैसला होने के बाद प्रदेश सरकार करीब डेढ़ दर्जन पदों पर नियुक्तियां दे सकती है। जिन्हें निगम, मंडल, प्राधिकरणों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष की नियुक्ति देकर कैबिनेट या राज्यमंत्री का दर्जा दिया जाएगा। हालांकि इतना तय है कि नए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष द्वारा अपनी प्रदेश कार्यकारिणी के गठन के बाद ही नियुक्तियों का रास्ता खुलेगा। क्योंकि जिन नेताओं को संगठन में जगह दी जाएगी उन्हें सरकार में नियुक्तियां नहीं मिलेंगी। पिछले विधानसभा एवं लोकसभा चुनाव में भाजपा के कई नेताओं ने टिकट की दावेदारी की थीं। इनमें से कुछ नेताओं को निगम मंडलों में नियुक्तिया दी जा सकती हैं। लोकसभा चुनाव से पहले दूसरे दलों से भाजपा में आने वाले कुछ नेताओं को भी सरकार में नियुक्तियां मिल सकती हैं। इसके अलावा भाजपा संगठन के मौजूदा पदाधिकारी जिन्हें संगठन में कोई नई जिम्मेदारी नहीं मिलेगी। उन्हें भी सरकार में नियुक्ति मिलने की संभावना है।

*शिवराज सरकार से इंतजार क्या मोहन सरकार में होगा पूर्ण* 

मप्र के निगम,मंडलों में जनप्रतिनिधि 1 साल से राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार कर रहे हैं। यह इंतजार बढ़ता ही जा रहा है। भाजपा के कई नेताओं का कहना है, उन्होंने विधानसभा और लोकसभा चुनाव जिताने में कसर नहीं छोड़ी पर इंतजार खत्म नहीं हो रहा। अब तो घर.बाहर से ताने मिलने लगे हैं। बता दें कि मोहन सरकार ने फरवरी 2024 में शिवराज सरकार में की राजनीतिक नियुक्तियां रद्द कर दी थी। पहले चर्चा थी कि लोकसभा चुनाव 2024 के बाद नियुक्तियां होंगी, पर नहीं हुई। सत्ता.संगठन भी इस पर अभी कुछ कहने से बच रहा है। हालांकि उम्मीद है कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पर फैसले के बाद सरकार आगे बढ़ सकती है।