बगावत के छिड़े सुर,बिगाड़ न दे जीत की सरगम जेवियर समर्थकों ने जलाये भूरिया पिता पुत्र के पुतले

895

बगावत के छिड़े सुर,बिगाड़ न दे जीत की सरगम
जेवियर समर्थकों ने जलाये भूरिया पिता पुत्र के पुतले

झाबुआ कमलेश नाहर

झाबुआ जिले की तीन विधानसभा सीटों पर दोनों दलों ने प्रत्याशी घोषित कर दिए है।तीनों ही जगह दोनो पार्टियो में विरोध के स्वर उठ रहे है जिससे पार्टी व प्रत्याशी दोनों की जान सांसत में है।हालांकि पार्टी स्तर पर बागियों की मान मनोव्वल जारी है।सेबोटेज को रोककर ही जीत का समीकरण साधा जा सकता है।

जलाये भुरिया पिता पुत्र के पुतले-
भाजपा के बाद अब कांग्रेस में टिकट वितरण के बाद अब पार्टी में अन्य दावेदार नेताओं के बगावती सुर सामने आने लगे हैं। मंगलवार को झाबुआ और पेटलावद क्षेत्र में बगावत खुलकर दिखी। झाबुआ में पूर्व विधायक जेवियर मेड़ा समर्थकों ने प्रत्याशी बनाए गए युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया और विधायक कांतिलाल भूरिया का पुतला जलाया। दूसरी ओर पेटलावद सीट से कांग्रेस नेता व जिला पंचायत उपाध्यक्ष अकमाल मालू डामोर ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। समर्थकों ने सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया। इसके पहले झाबुआ में भाजपा प्रत्याशी भानू भूरिया के विरोध में झाबुआ, राणापुर, पिटोल,कल्याणपुरा में रैलियां निकल चुकी हैं। थांदला में कलसिंह भाभर के खिलाफ भी पुराने भाजपाई खुलकर सामने आए थे। सबसे ज्यादा परेशानी भाजपा को थांदला में ही दिख रही है। यही कारण है कि सीएम आज यहां रोड शो भी करेंगे।

मंगलवार सुबह जेवियर के सज्जन रोड स्थित घर के सामने कई युवा जमा हुए। नारेबाजी करतेहुए पुतला जलाया। साल 2018 के चुनाव में भी ऐसा ही हुआ था। इस चुनाव में जेवियर के निर्दलीय खड़े होने के कारण कांग्रेस के विक्रांत भूरिया को हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि इस बार पुतला दहन में जेवियर के साथ खड़े रहने वाले कांग्रेस नेता नहीं दिखे। इनमें से अधिकतर पार्टी का साथ दे रहे हैं। जेवियर मेड़ा ने कहा, मैं अभी दिल्ली में हूं। हर बार ऐसा नहीं चलेगा। पार्टी ने टिकट नहीं बदला तो निर्दलीय लडूंगा। इधर पेटलावद से दावेदारी करने वाले अकमाल मालू डामोर ने कहा, वालसिंह की स्थिति काफी खराब है। मैं निर्दलीय चुनाव लडूंगा, जीतकर दिखाऊंगा।

बागियों को कुछ नही कह रहे नेता-
चुनावी समय मे नेता बागियों को कुछ भी कहकर उनकी नाराजगी और बढ़ाने की रिस्क नही ले रहे।
इतना सब होने के बाद भी अभी दोनों दलों के नेता इसे अनुशासनहीनता की श्रेणी में नहीं रख रहे। दावे यही किए जा रहे हैं कि सब लोग साथ हैं। चुनाव में नुकसान से बचने और आखिरी समय तक विरोधियों को मना लेने की कोशिश और उम्मीद रख रहे हैं। विक्रांत भूरिया ने कहा, जेवियर हमारे साथी हैं और सच्चे व पक्के कांग्रेस के सिपाही हैं। यही बात शांतिलाल बिलवाल को लेकर भानू भूरिया कहते हैं। उनका कहना है, शांतिलाल लगातार पार्टी के कार्यक्रमों में आ रहे हैं। वो हमारे साथ हैं।