देश में इस वर्ष सोयाबीन की उपलब्धता कम रहने की संभावना, सोया मील एक्सपोर्ट में उछाल: सोपा

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देश में इस वर्ष सोयाबीन की उपलब्धता कम रहने की संभावना, सोया मील एक्सपोर्ट में उछाल: सोपा

के. के. झा की रिपोर्ट

इंदौर: सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) ने तेल वर्ष 2024-25 (अक्टूबर 2024 से सितंबर 2025) के लिए अपने ताज़ा अनुमान जारी किए हैं। रिपोर्ट में साफ संकेत दिया गया है कि इस बार सोयाबीन की उपलब्धता कम रहेगी, जबकि सोयाबीन मील का निर्यात तेज़ी से बढ़ेगा। इससे घरेलू बाज़ार में कीमतों में उतार-चढ़ाव और सप्लाई चेन पर दबाव बढ़ने की आशंका है।

रिपोर्ट के मुताबिक, 2024-25 में देश का कुल सोयाबीन उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 134.76 लाख टन रहने का अनुमान है। पिछले साल देश में सोयाबीन का कुल उत्पादन 142.81 लाख था। हालांकि पिछले वर्ष के 118.74 लाख टन सोयाबीन उत्पादन की तुलना में इस वर्ष देश में सोयाबीन का कुल उत्पादन बढ़कर 125.82 लाख टन होने का अनुमान है । पिछले साल 6.25 लाख टन सोयाबीन आयात की तुलना में इस वर्ष सोयाबीन आयात में भारी गिरावट दर्ज की गयी। इस वर्ष आयात मात्र 0.05 लाख टन रहा।

मील एक्सपोर्ट में हुआ उछाल, घरेलू खपत पर दबाव

अंतरराष्ट्रीय मांग बढ़ने के चलते सोपा ने सोयाबीन मील निर्यात का अनुमान 17 लाख टन से बढ़ाकर 18.50 लाख टन कर दिया है। हालांकि, अक्टूबर 2024 से जुलाई 2025 के बीच मील उत्पादन घटकर 75.75 लाख टन रहने का अनुमान है, जो पिछले साल 82.46 लाख टन था। पिछले वर्ष के 19.24 लाख टन की तुलना में इस वर्ष सोया मील का निर्यात 17.08 लाख टन रहा।

सोपा के कार्यकारी निदेशक डी.एन. पाठक ने कहा, “कम स्टॉक और घटती उपलब्धता से बाजार में टाइटनेस आ सकती है, जिससे कीमतों में अस्थिरता संभव है। मील के मजबूत निर्यात से भारत की वैश्विक स्थिति मज़बूत हो रही है, लेकिन कम स्टॉक घरेलू सप्लाई चेन के लिए चुनौती बनेगा।”