BJP के चुनावी कैम्पेन में किसान, आदिवासी, मछुआरे, गौसेवक पर होगा खास फोकस

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BJP के चुनावी कैम्पेन में किसान, आदिवासी, मछुआरे, गौसेवक पर होगा खास फोकस

भोपाल: प्रदेश भाजपा चुनावी कैम्पेन में ऐसी समितियों का गठन भी करेगी जो किसानों, मछुआरों, गौसेवकों, एनआरआई, बस्तियों में एक्टिव रहे और पार्टी का वोटबैंक मजबूत करने का काम करे। इसके लिए प्रदेश चुनाव प्रभारियों, चुनाव प्रबंध समिति के संयोजक और पार्टी के प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों की सहमति से समितियों में शामिल होने वाले नेताओं, कार्यकर्ताओं के नाम प्रस्तावित किए गए हैं जो 19 जुलाई को होने वाली पार्टी की समग्र बैठक के बाद घोषित किए जाएंगे।
प्रदेश चुनाव प्रभारी भूपेंद्र यादव, सह चुनाव प्रभारी अश्विनी वैष्णव के साथ प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर व अन्य नेताओं की 3 दिनों तक चली बैठक के बाद यह बात सामने आई है कि पार्टी इस चुनाव में कुछ नए प्रयोग भी करेगी। इसके लिए चुनाव संबंधी चुनाव संचालन समिति, दृष्टि पत्र समिति, चुनाव आयोग समिति जैसी हर बार बनने वाली कमेटियों के अलावा भी कई नई कमेटियों का गठन किया जाएगा। जिन नई समितियों के गठन का प्रारूप तैयार करना है, उसमें शामिल होने वाले संभावित नामों की सूची यादव और वैष्णव ने तैयार कर ली है और केंद्रीय मंत्री शाह की स्वीकृति के बाद उसे सार्वजनिक किया जाएगा। जो समितियां बनाई जानी हैं, उसमें मछुआरों के बीच काम करने वाली समिति, गौसेवकों के बीच काम करने वाली, बस्तियों में काम करने वाली समिति, किसानों के बीच काम करने वाली समिति के अलावा जनजाति वर्ग, दौरा-प्रवास और एनआरआई के बीच काम करने वाली समिति का गठन किया जाना शामिल है।

जिलों में बनेंगे चुनाव प्रभारी व सह प्रभारी
आगामी चुनाव में 51% वोट शेयर और 200 सीटें हासिल करने का टारगेट लेकर चल रही बीजेपी में जल्द ही जिलों में भी चुनाव प्रभारी और सह चुनाव प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे। इसके अलावा पार्टी द्वारा संभागीय प्रभारी भी नियुक्त किए जाने पर विचार किया जा रहा है। जिलों के चुनाव प्रभारी और सह प्रभारियों के माध्यम से पार्टी अगस्त के बाद पार्टी के विनिंग कैंडिडेट्स के नाम मंगाने और रायशुमारी कराने का काम भी करेगी। इसके अलावा जिलों में विधानसभा क्षेत्रों में किए जाने वाले कामों को लेकर जिला चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी प्रदेश और केंद्र के फीडबैक अमल में लाने का काम करेंगे। इसके लिए पार्टी द्वारा जल्द ही जिलों से नाम बुलाए जाने की तैयारी है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिलों में जो जिला प्रभारी और सह प्रभारी बनाए जाएंगे वह उसी जिले के न होकर दूसरे जिलों से बुलाकर भेजे जाएंगे। ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि पार्टी के प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व से मिलने वाले निर्देशों पर सख्ती से अमल करने में किसी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े। बताया जाता है कि चुनाव प्रभारी और सह प्रभारी की यह जिम्मेदारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को सौंपी जाएगी जो चुनाव लड़ने की दावेदारी नहीं करेंगे और सह प्रभारी व चुनाव प्रभारी का जिम्मा मिलने के बाद जिले में पार्टी के निदेर्शानुसार पर्याप्त समय देंगे।